मेरी सेक्सी मौसी की मस्तराम कहानी

(Meri Sexy Mausi Ki Mastram Kahani)

दोस्तो, मेरा नाम अभिनव मालवीय है, मैं राजस्थान का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 24 वर्ष है और मैं एक बहुत ही कामुक लड़का हूँ. यह कहानी मेरी और मेरी सेक्सी मौसी की चुदाई की सेक्सी कहानी है.
मेरी मौसी की दो खूबसूरत लड़कियां हैं जो कि 18 और 20 साल की हैं. मेरी मौसी के मम्मे और गांड बहुत ही मस्त हैं. उनके मम्मे 36 इंच से भी ज्यादा बड़े होंगे. साथ ही मौसी के मम्मे बहुत ही तने हुए रहते हैं और एकदम गोल हैं. जब मैं छोटा था, तब वो मेरे सामने ही कपड़े बदल लेती थीं, मैं तभी से मौसी के मम्मों का दीवाना हूँ.

एक दिन की बात है, मौसी हमारे घर आयी हुई थीं. मैं, मेरी मौसी और उनकी बेटियां और मेरा छोटा भाई सभी साथ में सो रहे थे. मुझे मेरी मौसी हमेशा से बहुत पसंद थीं. आज वो मेरे पास थीं तो मैं सोता कैसे. मैं इस वक्त मेरी मौसी के पैरों की तरफ सो रहा था और मौसी एक तरफ पीठ करके लेटी हुई थीं.

थोड़ी देर में मैं मौसी के पैरों पर हाथ घुमाने लगा और उनका घाघरा थोड़ा ऊपर कर लिया. मैं थोड़ा ऊपर की तरफ आ गया. चूंकि मैं और मौसी ज़मीन पर दरी बिछा कर सोये थे, तो मुझे ज्यादा परेशानी नहीं हुई. कुछ देर बाद मैं मौसी की गांड के पीछे जाकर लेट गया.

थोड़ी देर बाद मैंने उनका घाघरा गांड तक ऊपर उठा लिया और मौसी की गांड के छेद में जुबान डाल कर गांड के छेद को चाटने लगा. थोड़ी देर में मौसी हिलीं और खड़ी हो गईं. उन्होंने मुझे देखा, मैं एक आंख बंद करके देखने लगा और उन्होंने घाघरा ठीक किया और फिर से सोने लगीं.

थोड़ी देर बाद मैंने अपना हाथ उनकी जाँघों के बीच रखा और धीरे धीरे चुत पे ले गया. जब कुछ प्रतिक्रिया नहीं हुई तो मैंने दो उंगलियां मौसी की चुत में डाल दीं. मैंने महसूस किया कि मौसी की चुत पानी छोड़ रही थी. मतलब वे भी गरम हो रही थीं. मैं बेहिचक उनकी चुत में उंगलियां अन्दर बाहर करने लगा.

मौसी ने फिर टांगें सीधी की और मेरे सर को पकड़ कर अपनी चुत पर रख कर दबाने लगीं. मेरा लंड अब उसकी चूत की माँ चोदने के लिए एकदम तैयार था, पर मैं मौसी को आराम से चोदना चाहता था.

मैं यूं ही लगा रहा, कुछ देर चुत चाटने के बाद मौसी ने मेरे सर को पकड़ा और अपने चेहरे के पास ला कर बोलीं- मज़ा आ रहा है न?
मैंने उनके गुलाबी होंठों पर मेरे होंठ रख दिए और उनको चूसने लगा.

कुछ ही देर में चुदास भड़क गई और हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए. मौसी मेरे लंड पर अपनी जुबान फिरा कर सुपारा चाटने लगीं और लंड के अगले हिस्से को अपने होंठों के अन्दर बाहर करने लगीं. उधर नीचे मैं मौसी की चुत को चाटने लगा. मौसी मेरे मुँह पर पूरा जोर देकर अपनी चुत चटवा रही थीं. मैं उनकी कमर को अपनी हथेलियों में भरके दबा रहा था.

थोड़ी देर बाद मैं मौसी को बोला- मेरा माल निकलने वाला है.
पर साली कुत्ती को लौड़ा चूसने में मज़ा रहा था. थोड़ी देर मैंने पानी छोड़ा तो मौसी ने मेरे पानी को अपने मुँह में ले लिया, फिर अचानक खड़ी होकर कुल्ला करने चली गईं. उसके बाद वो आकर अपनी गांड पसार कर सो गईं और मैं भी सो गया. दूसरे दिन वो मेरी सेक्सी मौसी चली गईं.

फिर कुछ दिन बाद मौसी के यहां सिरोही जाना हुआ. मैं और मेरी सेक्सी सिस्टर मौसी के यहां गए. गर्मी शुरू हो गयी थीं, इसलिये सब लोग छत पर सोने चले गए, पर मैं नहीं गया. मैंने सोचा मैं नीचे सो कर मौसी के नाम की मुठ मारूँगा.

उस दिन मेरी बड़ी गांड वाली मौसी ने घाघरा और ऊपर टाइट ब्लाउज पहना हुआ था. इसमें उनके चूचे बहुत बड़े लग रहे थे और बाहर निकलने को तड़प रहे थे. मैं मौसी को घूरता हुआ सोने चला गया, उन्होंने भी मेरी प्यास समझ ली थी. मैं मौसी को याद करके लौड़ा मसलने लगा.

करीब एक बजे मौसी नीचे आयी और मेरे रूम पर दस्तक दी. मैं उठा और दरवाजा खोला तो देखा मेरी रंडी मौसी मेरे सामने खड़ी थीं. वो झट से अन्दर आईं और दरवाजा बंद करके मुझे कस के गले लगा लिया.
मौसी बोलीं- आह्ह्ह्ह साले मादरचोद … उस दिन गरम करके मुझे छोड़ दिया था.. आज पूरा बदला लूँगी भोसड़ी के..

बस मौसी तो खड़े खड़े ही मेरे लंड को मसलने लगीं, जो कि पहले से खड़ा था. मैं मौसी के होंठों को मुँह में भरते हुए उनकी गांड दबाते हुए होंठों को चूसने लगा. फिर हम दोनों बिस्तर पर आ गए और मौसी को नीचे लिटा कर मैं उनके ऊपर आ गया. मैं उनके चूचों को नंगा करके चाटने लगा और मौसी ‘आह्ह्ह ऊहह्ह्ह …’ करने लगीं. मैं मौसी के एक निप्पल को मुँह में लेकर चूसने और काटने लगा.

मौसी चुदासी सी बोलीं- बस कर रे लवड़ा हमी मन लवड़ो दे थारो मारे मुडा म.

इतना सुनते ही मैं खड़ा हुआ और मैं पूरे मूड में आ गया. मैं मौसी के बाल पकड़ कर उनको चोदने लगा- ले रंडी ले मादरचोदी मौसी .. चूस मेरे लंड को हरामज़ादी कुतिया.. आह्ह्ह्ह चूस साली.

क्या लंड चूस रही थी मौसी, मजा आने लगा था. फिर मैंने लंड को मुँह से बाहर निकाला और मौसी के घाघरे में घुस गया. बिना घाघरा को उतारे मैं मौसी की चुत चाटने लगा.
मौसी धीमे स्वर में चिल्लाने लगी- आह्ह्ह्ह मादरचोद चूस अपनी रंडी मौसी की चुत.. साले चूस हरामजादे.. ऐसे तो साले कोई कुत्ता भी चुत नहीं चाटता होगा.. आह्ह्ह्ह मादरचोद चाट..

फिर थोड़ी देर में हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए. मैं ऊपर लेट गया और मौसी नीचे थीं. मैंने जुबान बाहर निकाल कर मौसी की चुत के दाने पर रख दी.

आह्ह्ह्ह.. अगले ही पल मौसी मेरे 7 इंच के लंड को चूस रही थीं और मैं मौसी के मुँह को ही चुत समझ कर चुदाई करने लगा. कुछ मिनट में ही मैंने मौसी के मुँह में लंड रस झाड़ दिया. मौसी अबकी बार मेरा पानी पी गईं. वे सारा रस खा कर लंड चूस रही थीं. यह देख कर मुझे बड़ा मज़ा आया.

फिर थोड़ी देर आराम करने के बाद हम दोनों ने एक दूसरे की गांड चाटी. मेरी गांड में बहुत सारा थूक लगा के मौसी ने मेरी गांड में उंगली डाल दी. मैंने भी मौसी की गांड में उंगली पेली तो मौसी उचक गईं.

इसके बाद मौसी ने घोड़ी आसन बनाते हुए चुदाई करने का कहा. मैंने उनको सीधा चित लेटने को कहा, पर वे बोलीं कि नहीं मुझे घोड़ी बन कर ही मजा लेना है. मौसी ने बिस्तर के किनारे को पकड़ा और फर्श पर टांगें फैला कर चुत खोल कर खड़ी हो गईं. मैंने मौसी के पीछे जाकर उनकी कमर को पकड़ा और अपना लंड उनकी तोप सी उठी गांड के रास्ते चुत की फांकों में लंड फेरा, तो मौसी ने जरा एडजस्ट करते हुए लंड को रास्ता दिखा दिया. मैंने भी दबाव दिया तो मेरा लंड मौसी की चुत में घुस गया.

जैसे ही लंड अन्दर घुसा, समझो राहत मिल गई. मौसी को मजा आ गया और उनके मुँह से एक आह निकल गई. मैंने मौसी की कमर पकड़ी और लंड को आगे पीछे करना शुरू कर दिया. उधर से मौसी ने भी गांड को पीछे धकेलना शुरू कर दिया था. धकापेल चुदाई चालू हो गई थी.

पांच मिनट यूं ही चोदने के बाद मैंने मौसी की चूचियां मसलते हुए उनके कान में कहा- मेरी घोड़ी.. माँ की लौड़ी.. अब तू मेरे लंड की सवारी कर और मुझे दूध पिला.
मौसी झट से राजी हो गईं और हम दोनों ने चुदाई का आसन बदल लिया.

अब मैं बिस्तर पर चित लेट गया और मौसी अपनी चूत को मेरे लंड पर फंसाते हुए मेरे ऊपर बैठ गईं. इस पोज में मौसी के दूध बड़े जबरदस्त सेक्सी लग रहे थे. मैंने तनिक उठते हुए मौसी के एक चूचे को अपने मुँह में फंसाने की कोशिश की तो मौसी ने झुकते हुए अपना दूध मेरे मुँह में ठेल दिया- ले पी हरामी मादरचोद.. साले क्या लंड है तेरा.. मेरी चूत की गहराई तक लग रहा है.

मैंने भी नीचे से लंड की चोट मारी तो मौसी मजे से दूध पिलाते हुए लंड की सवारी गांठने लगीं.

दस मिनट तक धकापेल चुदाई के बाद मौसी झड़ गईं, लेकिन मैं अभी भी गर्म था.

फिर मिशनरी पोज में लेकर मौसी को अपने लंड के नीचे लिया और एकदम फ्रंटियर मेल जैसे चुदाई करना चालू कर दिया. बस कुछ ही मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मेरा रस निकलने को हुआ तो मैंने मौसी की तरफ देखा. मौसी ने अन्दर ही निकलने को बोल दिया.

बस मैंने बेफ़िक्र होकर लंड का पानी मौसी की चुत में छोड़ दिया.

कुछ मिनट यूं ही मौसी के चिपके रहने के बाद मौसी ने उठने का कहा तो मैं उनके ऊपर से हट गया. मौसी ने अपने कपड़े पहने और मुझे चुम्मी लेकर चली गईं. मैं नंगा ही सो गया.

उसके बाद जब मैं अपने घर आने लगा तो मौसी ने मुझे एक पैकेट में कुछ दिया और कहा कि इसमें मस्त राम की कहानियों की किताबें हैं, पढ़ कर देखना मजा आयेगा.

घर आ कर मैंने मस्तराम की कहानी छिप कर पढ़ी, मुझे मजा आ गया. और मैंने समझ गया कि मेरी मौसी बड़ी छुपी रुस्तम हैं.

तो दोस्तो, यह मेरी सगी मौसी की सच्ची चोदन कहानी है. मैं जो भी लिखूँगा, एकदम रियल लिखूँगा. मेरी सेक्स कहानी अच्छी लगी हो तो ईमेल जरूर करना.
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