दिल की तमन्ना पूरी हुई

मेरा नाम प्रवीण कुमार है, मैं जींद, हरियाणा का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 22 साल है और दिखने में मैं अच्छा हूँ।

मेरी चाची दिखने में बला की खूबसूरत है, जब भी उनको देखता उनके मम्मे दबाने के बारे में सोचता था पर हमेशा मुठ मारकर काम चलाता था। मेरी कभी हिम्मत ही नहीं हुई कुछ करने की! बस ऐसे ही सब चल रहा था।

कुछ दिन पहले चाची ने मुझे अपने भाई की शादी की कैसेट की डीवीडी बनवा कर लाने को कहा तो मैंने अपनी ओर से एक चाल चली, मैंने चाची को दो शादी की और एक ब्लू फ़िल्म की डीवीडी ऐसे मौके पर दी जब वो एकदम अकेली थी। चाची ने मुझे डीवीडी चलाने को कहा तो मैंने कहा- मैंने तुम्हारा काम तो कर दिया, बदले में मुझे क्या मिलेगा?

तो वो बोली- तुझे क्या चाहिये?
उस वक़्त तो मैंने कुछ नहीं कहा, बस यह कह कर बात टाल दी कि क्या फ़ायदा! तुम बुरा मान जाओगी!
उसने कहा- ऐसी क्या मांग करेगा जो मैं बुरा मान जाऊँगी?
मैंने कहा- पहले डीवीडी देख लो, पसन्द आये तो मांगूंगा।
चाची ने कहा- ठीक है।

मैंने काट-काट कर दो डीवीडी खत्म कर दी और फिर मैंने ब्लू फ़िल्म वाली डीवीडी लगा दी।
फ़िल्म में एक औरत मूवी के बारे में बता रही थी, तो चाची ने कहा- यह क्या लगा दिया?
मैंने कहा- लगता है दुकान वाले ने गलत डीवीडी दे दी है, मैं इसको बदल कर लाता हूँ।
तो चाची ने कहा- देखें तो सही कि क्या है? फ़िर बदलवाना।
मैंने कहा- यह गन्दी फ़िल्म है।
तो चाची की बात सुनकर मैं हैरान हो गया!

फ़िल्म चलने लगी तो मैं अभी फ़िल्म और कभी चाची की तरफ़ देख रहा था।
चाची ने कहा- हाँ, तो क्या हुआ।
मैंने चाची से कहा- चाची, मैं तुमसे कुछ मांगूं?
वो बोली- मांग।
मैंने कहा- पहले तुम वादा करो कि तुम बुरा नहीं मानोगी!
तो उन्होंने कहा- तू मेरे साथ सेक्स करना चाहता है! यही ना?

मैं एकदम हैरान हो गया, कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या बोलूँ?
मेरी चाची ने कहा- तू रोज़ मुझे कैसे देखता है, मुझे पता नहीं क्या? पर मैं तो यही चाहती थी कि तू पहल करे! पर तू तो एकदम लल्लू है।
मैंने कहा- मैं डरता था, कहीं तुम नाराज़ ना हो जाओ!

बस इतना कहकर मैं चाची के पास गया। उन्होंने सफ़ेद रंग की मैक्सी पहन रखी थी। उसमें से उनके मम्मे ऊपर की ओर उभरे हुए थे।

मैं चाची के पास गया और उनको चूमने लगा। वो भी बड़ी बेसबरी से मुझे चूम रही थी। चूमते हुए मैं एक हाथ उनके मम्मों पर ले गया और ऊपर से ही दबाने लगा।

क्या बताऊँ दोस्तो! मैं तो जन्नत की सैर करने लगा था जैसे! कितना मज़ा आ रहा था, मैं बयान नहीं कर सकता! यह तो महसूस ही किया जा सकता है बस।
फ़िर चाची ने मेरे लण्ड को मेरी पैन्ट के ऊपर से ही पकड़ कर मसलना शुरु कर दिया।

मैंने चाची की मैक्सी उतार दी, वो अब सिर्फ़ ब्रा और पैन्टी में थी। मैंने चाची की ब्रा भी उतार दी और उनके मम्मों को आज़ाद कर दिया।
क्या चूचियाँ थी चाची की!
मैं उनको बड़ी बेसबरी से दबाने लगा।
चाची कहने लगी- थोड़ा आराम से दबा!

मैं मम्मों को खूब दबाने के बाद नीचे आ गया और चाची की चूत को ऊपर से ही सहलाने लगा।
चाची के मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी।
मैंने चाची को लण्ड चूसने को कहा तो उन्होंने मना कर दिया। पर थोड़ी देर में फ़िल्म में सीन देख कर वो खुद कहने लगी- मुझे तुम्हारा लण्ड चूसना है।

उन्होंने मेरी पैन्ट उतार दी और मेरे लण्ड को चूसने लगी। मैंने भी उनकी पैन्टी उतार दी और मैं चाची की चूत चाटने लगा।
चाची जैसे पागल सी हो गई, कहने लगी- बस और मत तड़फ़ा! फ़ाड दे मेरी चूत को!

मैंने अपने लण्ड का सुपारा चाची की चूत पर रखा और एक ज़ोर का झटका लगाया। चाची काफ़ी दिनों से चुदी नहीं थी इस कारण से उनकी चूत काफ़ी कस गई थी। फ़िर मैंने दूसरा झटका लगाया, चाची के मुँह से चीख निकल गई और कहने लगी- निकाल ले अपना लण्ड!
पर मैं कहाँ मानने वाला था!

कुछ देर में चाची सामान्य हो गई और मैंने अपने लण्ड को अन्दर-बाहर करना शुरू किया। चाची उछल-उछल कर अपनी चूत मरवा रही थी। लगभग दस मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपना रस चाची की चूत में ही निकाल दिया और फिर कुछ देर तक चाची के ऊपर ही लेटा रहा।
चाची को मैंने कहा- तुमने मेरे दिल की खवाहिश पूरी कर दी!
इस पर चाची कहने लगी- तेरा जब भी मन करे, तू आ जाया कर! मैं तो तेरी ही हो गई।

और फिर मैं चाची के होंट चूसने लगा, फिर एक बार मेरा लण्ड जोश में आ गया और मैंने चाची को जी भर कर चोदा।

हमारा चुदाई का कार्यक्रम अब भी जारी है।
दोस्तो, कैसी लगी मेरी कहानी, मुझे मेल करें।
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