गांव वाली सीधी सादी देसी चाची की चुदाई

(Desi Aurat Sex Kahani)

अखिलेश 14 2021-12-31 Comments

इस देसी औरत सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैंने गांव से शहर आयी मेरी चाची को कैसे चोदा। वो बहुत भोली थी। एक दिन मैंने चाची को नंगी देख लिया तो …

दोस्तो, मैं कई सालों से इस साइट की कहानियों को पढ़ता आ रहा हूं और मुझे इसकी कहानियां बहुत अच्छी लगती हैं।
इसलिए मैंने सोचा कि क्यों न मैं भी अपनी एक कहानी शेयर करूं।

मुझको ज्यादा अनुभव नहीं है फिर भी कोशिश कर रहा हूं कि आपको अपनी सेक्स स्टोरी सही तरीके से बता सकूं। मुझसे यदि कोई गलती हो तो क्षमा करना।

यह देसी औरत सेक्स कहानी लगभग 4 साल पुरानी है।

आपको बता दूं कि मैं अपने गांव से बाहर प्रयागराज शहर में रहता हूं।

मेरे गाँव की एक चाची मेरे पास ही शहर रहने आयी। उनको यहाँ के बारे में कुछ ज्यादा जानकारी नहीं थी।

आप लोग तो जानते ही हैं कि शहर में लोग ज्यादातर खुले विचारों के होते हैं।

मेरी चाची की पड़ोसन के उनके देवर से सेक्स सम्बन्ध थे.
जिसके बारे में हमें तो पता था लेकिन मेरी चाची को नहीं पता था।

चाची बहुत सीधी थी इसलिए उनकी पड़ोसन उनको बुलाकर सारा काम करवाती थी और खुद देवर के साथ कमरे में मजे लेती थी।

मेरी चाची का फिगर बहुत गजब था और कोई भी मर्द उनकी ओर आकर्षित हो जाता था।

धीरे धीरे उस पड़ोसन का देवर भी मेरी चाची की चुदाई के लिए ट्राई करने लगा था।
मगर चाची उसके पास नहीं जाती थी।

एक दिन मैंने भी उसके देवर को चाची के लिए ट्राई करते देखा।
तो मैंने चाची को उसकी पड़ोसन के घर जाने से मना कर दिया।

अब चाची उनके घर नहीं जाती थी।
चाची को मैंने सब समझा दिया।
फिर चाची ने भी बताया कि वो कैसी कैसी हरकतें करते हैं।

इस तरह से चाची और मेरे बीच काफी गहरी दोस्ती हो गई।

कई बार चाची मुझे गले लगा लेती थी जिससे मेरे अंदर चाची के लिए अजीब सी भावनाएं जागने लगीं।
मैं भी चाची की ओर आकर्षित होने लगा। मैं अब उनके साथ सोने के लिए मचल रहा था।

एक बार चाची ने मुझसे पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड या दोस्त नहीं है क्या?
मैं बोला- नहीं चाची, गर्लफ्रेंड तो क्या, मेरी तो कोई दोस्त भी नहीं है।

चाची बोली- कोई बात नहीं, आज से मैं तुम्हारी दोस्त हूं, तुम मुझसे सभी तरह की बातें शेयर कर सकते हो। अपना दुख-सुख मेरे साथ बांट सकते हो।

इस तरह से अब हम दोनों और ज्यादा नजदीक आ गए।

अब मैं अक्सर चाची के घर ही पड़ा रहता था।
मैं मौका देखता रहता था कि चाची को अपने मन की बात कैसे कहूं।

एक बार मेरे चाचा को काम से तीन दिन के लिए बाहर जाना पड़ गया।
मुझे ये बात बाद में पता चली थी।

मगर उस दिन जब मैं चाची के घर गया तो उनका गेट अंदर से लॉक नहीं था।

मैं सीधा गेट खोलकर अंदर चला गया।
जब मैं भीतर पहुंचा तो बाथरूम में नल चलने की आवाज आ रही थी और उसी के साथ चाची की सिसकारियां भी सुनाई दे रही थीं।
मैंने अंदर जाकर देखा तो बाथरूम का दरवाजा खुला हुआ था।

चाची अपनी टांगें खोलकर प्लास्टिक के छोटे स्टूल पर बैठी थी और अपनी चूत को तेजी से सहला रही थी। बार बार उसमें उंगली कर रही थी।
उसकी आंखें बंद थीं और बाल खुले थे और पूरा बदन भीगा हुआ था।

मेरी सेक्सी चाची की मोटी मोटी चूचियां उसकी खुले बालों के नीचे लटक रही थीं और उंगली करते हुए साथ में हिल रही थीं।
चाची की चूत पर काफी काले घने बाल थे जो भीगे हुए थे।

मैं तो ये नजारा देखता रह गया और वहीं पर सन्न सा हो गया।

इतने में ही चाची ने जोर से आआ आह … आआह … करके सिसकारी ली और उसकी चूत से पानी निकल गया।
जिसके निकलते ही उसने चैन की सांस ली और फिर आंखें खोल दीं।

अभी मैं कुछ सोच नहीं पा रहा था इसलिए मैं वहां से हट नहीं सका और चाची ने मुझे सामने खड़ा पाया।
उसने जैसे ही मुझे देखा वो एकदम से हड़बड़ाकर उठी और दरवाजा बंद कर दिया।

मैं वहीं रुक गया।
दो मिनट बाद चाची अपने कपड़े पहनकर आई और यहां वहां नजरें चुराते हुए घूमने लगी।
मैं भी कुछ नहीं बोल पा रहा था।

फिर मैंने हिम्मत करके पूछा- चाचाजी नहीं हैं क्या?
वो बोलीं- नहीं, वो काम से बाहर गए हैं, तीन-चार दिन के बाद लौटेंगे।
मैंने कहा- आपसे एक बात पूछूं? मुझे गलत मत समझना चाची।

उन्होंने हां में गर्दन हिलायी।
मैंने पूछा- आप अंदर बाथरूम में क्या कर रही थीं?
चाची बोली- शर्म नहीं आती तुझे, क्या पूछ रहा है ये?

मैं बोला- आपने कहा था आप बुरा नहीं मानेंगी, बताओ प्लीज!
चाची बोली- तुम्हारे चाचाजी नहीं हैं तो ऐसे ही मन कर गया था।
मैं- आपका बहुत ज्यादा मन है क्या वो करने का?

चाची ने अपना मुंह फेर लिया और नजर चुराने लगी।
मैंने चाची को अपनी बांहों में जकड़ लिया और उनको किस करने की कोशिश करने लगा।
वो मुझे हटाकर बोलीं- क्या कर रहे हो ये? रिश्ते का न सही तो दोस्ती का तो ख्याल करो?

मैंने कहा- मुझे आप बहुत पसंद हो, प्लीज मना मत करो, दोस्ती के नाते ही बोल रहा हूं।
ये बोलकर मैंने चाची को फिर से अपने करीब खींच लिया और उनके होंठों को चूमने लगा।

वो पहले तो हटाती रहीं लेकिन फिर मेरा साथ देना शुरू कर दिया।
मैंने चाची की जांघों को सहलाना शुरू कर दिया।
धीरे धीरे वो गर्म होती चली गयीं।

अब हम दोनों एक दूसरे को आराम से … प्यार से चूम रहे थे।
वो मेरे मुंह में जीभ डाल रही थीं और मैं उनके होंठों में जीभ डालकर उनकी लार को खींच रहा था।
किस करने में बहुत मजा आ रहा था।

हम दोनों लगभग आधे घंटे तक किस ही करते रहे।
फिर वो मेरा हाथ पकड़ कर मुझे बेड पर ले गईं।
हम दोनों एक दूसरे को चूमते हुए एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे।

मैंने चाची की साड़ी को खोल दिया और उनके हल्के गीले ब्लाउज में उनकी मस्त चूचियों की घाटी दिखने लगी।
चाची उस वक्त बहुत सेक्सी लग रही थी।
फिर मैंने उनके ब्लाउज को भी खोल दिया।

अंदर से चाची ने क्रीम रंग की ब्रा पहनी हुई थी जिसको देखकर मुझे और ज्यादा सेक्स चढ़ने लगा।
उनकी मोटी मोटी चूचियां बहुत ही सेक्सी लग रही थीं।
मैंने ब्रा के ऊपर से उनको दबाकर देखा तो चूचियां बहुत ही नर्म नर्म लगीं।

अब मैंने उनके पेटीकोट को भी खोल दिया और टांगों से निकलवा दिया।
चाची अब केवल ब्रा और पैंटी में थी।

अब वो उठी और मेरी टीशर्ट निकलवा दी।
फिर चाची ने मेरी लोअर को खींचकर निकलवा दिया और मैं भी केवल अंडरवियर में ही रह गया।

अब मैं और चाची केवल अंडरगार्मेंट्स में थे।

मैंने चाची को नीचे बेड पर गिरा लिया और ब्रा के ऊपर से चाची की चूचियों को जोर जोर से दबाने लगा।

वो कुछ ही पल में सिसकारियां भरने लगी जिससे मेरा जोश और ज्यादा बढ़ गया।
चाची को पलटकर मैंने उनकी ब्रा के हुक खोल दिए और उनको ऊपर से नंगी कर लिया।

मैंने चाची की चूचियों पर मुंह लगाया और छोटे बच्चे की तरह निप्पलों को मुंह में लेकर चूसने लगा।

हाथों से मैं साथ साथ उनके मोटे मोटे बूब्स को भींच भी रहा था।
जैसे पके हुए आम से भींच भींचकर रस निकाला जाता है वैसे ही मैं चाची की चूचियों से भींच भींचकर दूध निकालने की कोशिश कर रहा था।

मैंने चाची के दूधों को खूब दबा दबाकर पीया।
अब मेरे हाथ उनकी पैंटी पर चलने लगे।

मुझे हथेली पर चाची की चूत की उठी हुई शेप महसूस हो रही थी।

सच में दोस्तो, चूत पर हाथ रगड़ने में जो सेक्स चढ़ता है उसको बयां नहीं किया जा सकता।
मैं चाची की चूत को जब जब छूता तो मेरे लंड में झटके लग रहे थे।

मेरे लंड ने मेरे अंडरवियर पर गीले निशान बनाना शुरू कर दिया था।

मैं चाची की चूत को पैंटी के ऊपर से रगड़ता रहा और फिर मैंने एकदम से पैंटी के अंदर हाथ डाल दिया।

चाची की गर्म चूत अब मेरी हथेली से रगड़ खा रही थी।
मैं उनकी गीली गर्म चूत को मसलने लगा।

उसकी फांकों के गीलेपन को अपनी हथेली पर महसूस करने लगा।

चूत पर मेरे हाथ की रगड़ से चाची की टांगें और अधिक चौड़ी होकर फैलती जा रही थीं।
अब वो अपनी चूचियों को खुद ही दबाने लगी थी।

मैंने चाची की चूत में उंगली सरका दी और वो एकदम से उचक गई।

अब मैं चाची की गीली चूत में उंगली करने लगा और वो आह्ह … आह्ह … करके सिसकारियां भरने लगीं।

कुछ देर बाद उनसे बर्दाश्त न हुआ तो उन्होंने मेरे अंडरवियर को खींचकर निकाल दिया और मेरे लंड को देखकर चौंक गईं।
वो बोलीं- तुम्हारा लंड तो तुम्हारे चाचा से बहुत बड़ा है!

फिर वो मेरे लंड को हाथ में लेकर खेलने लगीं; उसके टोपे को सहलाने लगीं।

मुझे बहुत मजा आ रहा था, बस चाची को पटक कर चोदने का मन कर रहा था।

मैंने उनको लंड चूसने को बोला तो उन्होंने न चूसने का थोड़ा नाटक किया और फिर एकदम से लंड को मुंह में भरकर चूसने लगीं।
चाची के लंड चूसने के तरीके से पता चल रहा था कि उनको लंड की कितनी प्यास लगी थी।

वो मेरे लंड को चूस रही थीं और मैं उनकी चूत को सहला रहा था।

अब बात दोनों के ही बर्दाश्त से बाहर हो गई थी, चाची ने लंड को मुंह से निकाल दिया और बगल में लेट गईं।
वो बगल में लेटकर बोलीं- बस अब डाल दो अंदर … नहीं रुका जा रहा है मुझसे!

मैं भी तुरन्त उठा और उनको चित लेटाकर टांगों को फैलाया और उनकी चूत पर लंड को ऊपर नीचे करने लगा।
चाची को इसमें बहुत मजा आ रहा था और उनकी आंखें बंद होने लगीं।

मैं लगातार लंड को चाची की चूत पर रगड़ रहा था।
उनकी चूत की फांकें बहुत गीली हो गई थीं जिन पर लंड आसानी से फिसल रहा था।

तभी मैंने उनकी चूत में लंड अंदर सरका दिया।
आधा लंड चाची की चूत में सरक गया।

लंड जाते ही उनकी चीख सी निकली तो मैंने कहा- क्या कर रही हो चाची? आवाज किसी ने सुन ली तो?
वो बोलीं- तो आराम से नहीं डाल सकता था? मैंने बताया था कि तेरा लंड तेरे चाचा से काफी बड़ा है।
मैंने कहा- ठीक है, अब आराम से करूंगा।

फिर मैंने उनको होंठों पर किस करना शुरू कर दिया।
धीरे धीरे मैं लंड के धक्के लगाने लगा।

अब मैं हल्के से जोर के साथ लंड को उनकी चूत में अंदर धकेल रहा था।
करते करते चाची की चूत ने लंड को पूरा अंदर ले लिया और मुझे जैसे स्वर्ग सा आनंद मिलने लगा।

चाची की गर्म गर्म चूत में लंड को इतना मजा आ रहा था कि क्या बताऊं!
मैंने धीरे धीरे चाची की चुदाई शुरू कर दी।

कुछ देर बाद चाची को भी पूरा मजा आने लगा और वो मेरे बदन से लिपटकर अपनी चूत चुदवाने लगी।

हम दोनों चुदाई में मदहोश हो गए।
मैं चाची की चूचियों को चूसते हुए उनकी चूत में धक्के लगा रहा था।
वो मेरी गांड को पकड़ कर मेरे लंड को चूत में और अंदर तक धकेलने की कोशिश कर रही थी।

चाची की चूत की प्यास बढ़ती देख मैंने उनको घोड़ी बना लिया और पीछे से उनकी चूत मारने लगा।

अब चुदाई में पट-पट की आवाज हो रही थी जिससे मेरे लंड में और ज्यादा जोश आने लगा।

मैंने चाची की गांड को थाम लिया और चाची को ताबड़तोड़ चोदने लगा।
चाची अब जोर जोर से चीखते हुए चुद रही थी- आह्ह … आराम से … आह्ह … ओह्ह … फट जाएगी … आह्ह … हाह् … ऊईई आआआ … आह्ह मर गई … आराम से करो।

इस तरह से मैंने चाची की चूत को 15-20 मिनट तक अलग अलग पोजीशन में रगड़ा।
वह देसी औरत सेक्स के दौरान तीन बार झड़ गईं।

जब मेरा झड़ने को हुआ तो मैंने चाची से पूछा कि कहां निकालूं?
चाची बोलीं- अंदर ही निकाल दो।

मैं धक्के मारता हुए चाची की चूत में ही झड़ गया।

इस तरह से मैंने पहली बार चाची की चुदाई की और मुझे बहुत मजा आया।

उस दिन के बाद से चाची के साथ मेरे सेक्स संबंध बन गए।
मैं चाची को रोज चोदने लगा और तीन दिन तक लगातार चाची की चुदाई की।

फिर चाचा के आने के बाद भी मौका मिलते ही हम दोनों चुदाई कर लेते।

तो दोस्तो, यह थी चाची के साथ चुदाई की कहानी।
आपको मेरी ये रीयल देसी औरत सेक्स कहानी कैसी लगी मुझे बताना जरूर!
मैं आप लोगों की प्रतिक्रियाओं का इंतजार करूंगा। मुझे ईमेल या मैसेज में जरूर अपने जवाब लिखें।
मेरा ईमेल आईडी है- [email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top