chudai ki kahani

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General Sex Stories in hindi

राधा और गौरी-2

गौरी ने राधा की गाण्ड की ओर इशारा किया. मैंने बिना समय गंवाए लण्ड को राधा के गाण्ड की छेद पर रख दिया. गौरी ने उसकी गाण्ड हाथों से खोल दी. गाण्ड का छेद खुल कर बड़ा हो गया.

राधा और गौरी-1

"बिल्कुल नहीं... अंकल मम्मी की फ़ुद्दी में लण्ड घुसा दो ना!" गौरी बेशर्म हो कर मम्मी की चुदाई देखना चाहती थी. मैंने झट से अपनी पैन्ट और चड्डी उतार दी और राधा को अपने नीचे दबा लिया.

आज मत रोको बहक जाने दो !

By अपूर्व गुप्ता On 2008-02-07 Tags:

मेरा नाम अपूर्व गुप्ता है। मैं दिखने में ठीकठाक लगता हूँ, उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर का रहने वाला हूँ। बात उन दिनों की है जब मैं इन्टर में पढ़ रहा था। मेरे घर के पास एक अनामिका नाम की एक छुई-मुई सी बहुत सेक्सी प्यारी नाजुक सी लड़की रहती थी। वो रोज सुबह मेरे […]

भाई की गर्ल फ़्रेन्ड

By rai235 On 2008-02-02 Tags:

प्रेषक : राजेश राय सबसे पहले मैं अन्तर्वासना के सभी पाठकों को नमस्कार करता हूँ, मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ यह मेरी पहली और सच्ची कहानी है। मेरा नाम राजेश है और मैं लखनऊ में नौकरी करता हूँ। मेरी उम्र 25 साल और लम्बाई 6 फीट है और मैं देखने में स्मार्ट हूँ। मैं […]

गर्मी का एहसास

By girl_finder123 On 2008-01-05 Tags:

प्रेषक : मेरा नाम शाहिद है, अहमदाबाद का रहने वाला हूं। मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। मैं आज अपनी सच्ची दास्ताँ सुनाने जा रहा हूँ, आशा रखता हूँ आप सबको मेरी कहानी पसंद आएगी। मुझे मेल करें ! यह घटना करीब 6 महीने पहले की है। मेरी एक दोस्त है जिसका नाम वल्लरी है। […]

स्वीटी जानू का मिलन-2

By अमन कपूर On 2008-01-02 Tags:

दोस्तो, स्वीटी और जानू का मिलन-1 में आपने पढ़ा कि मैंने श्रेया की चूत नहीं चाटी। अब आगे पढ़ें कि मैंने चूत क्यूँ नहीं चाटी…. वो बोली- तुमने मेरी चूत क्यूँ नहीं चाटी? मैंने कहा- मैं स्वीटी(चूत) के मुंह से बाद में चाट लूँगा। फिर मैंने उसकी स्वीटी में ऊँगली डाल कर चॉकोलेट को निकाला […]

स्वीटी जानू का मिलन-1

By अमन कपूर On 2008-01-01 Tags:

प्रेषक : अमन कपूर सारे लंड-धारकों को मुठी मारते हुए प्रणाम और सारी चूत की रानियों को उनकी चूत चाटते हुए नमस्कार ! मेरा नाम अमन कपूर है, शिमला में रहता हूँ, मेरी आयु 21 साल है और मेरा लंड 7 इंच लम्बा और मोटा है। मैं अपनी जीवन की एक अनोखी घटना सुनने जा […]

आखिर मुझे भी मौका मिल ही गया

By अंजल 2323 On 2007-12-31 Tags:

प्रेषिका : अंजलि मेरा नाम सुमित है 19 साल उम्र है। चुदाई का बहुत प्यासा रहने वाला लौंडा हूँ, देखने में भी अच्छा ही हूँ। यह बात उन दिनों की है जब मैं बी.कॉम के दूसरे साल में ही था, जवानी हिलौरें मार रही थी और लण्ड अक्सर हाथ में ही रहता था पर चुदाई […]

मस्त है यह सानिया भी-10

By संजीव चौधरी On 2007-12-25 Tags:

प्रेषक : संजीव चौधरी वकार अब छुटने वाला था, तब वो बोला- तुमको मेरा सारा मणि खा जाना है। मेरे लिए यह कोई नई बात नहीं थी, पर यह शब्द नया था, शायद पाकिस्तान में वीर्य को मणि बोलते हैं। मुझे तो हिन्दी के शब्द ही आते थे। मैं मुँह खोल कर सामने जमीन पर […]

मस्त है यह सानिया भी-9

By संजीव चौधरी On 2007-12-24 Tags:

प्रेषक : संजीव चौधरी अगले दिन सुबह 8 बजे सूरी का फ़ोन आया- सर, आज दस बजे उसको तैयार रहने बोलिए, कल सुबह तक के लिए बुक किया है उसको। बहुत किस्मत से मेरे एक क्लाईंट का फ़ोन आया अभी। पाकिस्तानी हैं, अबुधाबी में रहते हैं। बाप-बेटा हैं पर एक साथ ही लड़की चोदते है। […]

मस्त है यह सानिया भी-8

By संजीव चौधरी On 2007-12-23 Tags:

करीब बारह बजे हम दोनों साथ ही नहाए और नंगे ही बाहर आए तो मैंने कहा- जल्दी तैयार हो जाओ, आज बाहर ही लंच लेंगे। वो जल्दी ही आ गई। उसने एक सफ़ेद स्कर्ट और गोल गले का लाल टॉप पहन रखा था और पोनी टेल में बंधे बाल के साथ वो बहुत सुन्दर दिख […]

मस्त है यह सानिया भी-7

By संजीव चौधरी On 2007-12-22 Tags:

प्रेषक : संजीव चौधरी करीब नौ बजे रागिनी चली गई। सानिया ने उससे वादा लिया कि वो फ़िर एक बार आयेगी, तब शुक्रवार को आने की बात कही, क्योंकि शनि और रविवार को राजिन्दर उसकी मेरे साथ बुकिंग के बाद एक घन्टे में अगले 5 सप्ताह की बुकिंग कर चुका था। मुझे भी रागिनी बहुत […]

मस्त है यह सानिया भी-6

By संजीव चौधरी On 2007-12-21 Tags:

एक-एक बूँद आँसू उसके दोनों गालों पर बह निकले। उसने अपने हाथों से अपना चेहरा ढक लिया। 5-6 सेकेण्ड बाद मुस्कुराते हुए हाथ हटाए और बोली- बेटीचोद ! और मेरे गले से लिपट गई। सानिया की आँख भी गीली हो गई। उसकी नजरों में भी मेरे लिए अब प्यार दिख रहा था। वो बोली- मैं […]

मस्त है यह सानिया भी-5

By संजीव चौधरी On 2007-12-20 Tags:

थोड़ी देर बाद मैंने रागिनी की चूत से मुँह हटाया। वो बिल्कुल निढ़ाल दिख रही थी। मैंने उसको तकिये के सहारे बिठा दिया और अपने दाहिने हाथ की बीच वाली ऊँगली चूत में घुसा दी। फ़िर ऊपर की तरफ़ उँगली को चलाते हुए रागिनी के जी-स्पॉट को खोजना शुरु किया, और तभी रागिनी का बदन […]

मस्त है यह सानिया भी-4

By संजीव चौधरी On 2007-12-19 Tags:

हम सब मेरे बेडरूम में आ गए, तब रागिनी ने पूछा- मैं खुद कपड़े उतारूँ या आप दोनों में से कोई? मैं सानिया की तरफ़ देख रहा था कि उसका क्या मिजाज है। उसे लगा कि मैं शायद उसको कह रहा हूँ कि वो कपड़े उतारे, इसलिए वो रागिनी की तरफ़ बढ़ गई। रागिनी ने […]

मस्त है यह सानिया भी-3

By संजीव चौधरी On 2007-12-18 Tags:

काल-गर्ल के बारे में सुन कर सानिया का चेहरा लाल हो गया। वो चुप-चाप खाना खाने लगी। फ़िर हम टीवी देखने लगे, वो एक फ़िल्म लगा कर बैठ गई। मुझे लगा कि शायद काल-गर्ल वाली बात उसे अच्छी नहीं लगी। पर मैंने उसे अब नहीं छेड़ा, सोचा देखें अब वो खुद कैसे मुझे मौका देती […]

पिछ्ली खिड़की में माइक्रोसॉफ़्ट

By sexynilma On 2007-11-11 Tags:

प्रेषिका : नीलिमा पाण्डेय प्यारे मित्रो, बहुत हिम्मत जुटाने के बाद ही मैं आज मैं अपनी बात आपके सामने रखने जा रही हूँ। मैं गोरखपुर की रहने वाली नायाब हुस्न की मल्लिका तथा बी ए द्वितीय वर्ष मे अध्ययनरत हूँ। मैं अपनी सच्ची कहानी शुरू करती हूँ आशा है कि आपको मेरी पहली कहानी पसन्द […]

पोर्न प्रियंका

प्रेषिका : रजनी शर्मा प्रियंका और उसकी मां, बस ये दो ही थे उस परिवार में। प्रियंका 19 वर्ष की होगी और उसकी मां प्रीति 42 वर्ष की थी। पर उसकी मां को देख कर कोई भी यह नहीं कह सकता था कि वो 42 वर्षीय उसकी मां है। उन्होंने अपने आप को जैसे सांचे […]

शादी के बाद भी न बुझी प्यास

By parmjit_urf_pammi On 2007-10-22 Tags:

प्रेषिका : परमजीत कौर सभी अन्तर्वासना पढ़ने वालों को व प्यारे गुरु जी को मेरा प्रणाम ! मेरा नाम है परमजीत, मैं अमृतसर की रहने वाली हूँ, मेरा घर अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास एक गाँव में है, मेरी उम्र बीस साल है, मेरी शादी हो चुकी है लेकिन मैं अभी कंप्यूटर का दो साल […]

फ़ार्म हाउस में मम्मी

By विजय पण्डित On 2007-10-13 Tags:

प्रेषक : विजय पण्डित मेरे पुरखे काफ़ी सम्पत्ति छोड़ गये थे। मेरे पिता की मृत्यु छः-सात साल पहले हो चुकी थी। मेरी मम्मी और उनके मैनेजर ही सारा व्यापार सम्भालते थे। मेरा फ़ार्म-हाऊस घर से बीस बाईस किलोमीटर की दूरी पर था। उसे मैं ही सम्भालता था। फ़ार्म-हाऊस क्या था मेरी ऐशगाह था। मैं दोस्तों […]

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