मेरा भानजा भी है और बेटा भी

(Mera Bhanja Mera Beta)

विजय कपूर 2020-03-31 Comments

कानपुर के इंडस्ट्रियल एरिया में हमारी पेन्ट फैक्ट्री है जिसे मैं व पापा देखते हैं. हमारे घर में मम्मी, पापा, मैं, मेरी पत्नी नीरा व मेरा छह वर्षीय बेटा संजू है.

मुझसे चार साल छोटी मेरी बहन आशा की शादी दो साल पहले हुई थी. आशा की ससुराल दिल्ली में है, उनका मार्बल का बिजनेस है. शादी के दो साल होने के बाद भी उसका कोई बच्चा नहीं है. इसी बात को लेकर आशा की सास ने ताने मारना शुरू कर दिया है.

पिछले हफ्ते आशा हमारे घर रहने के लिए आई है. चार छह महीने बाद आशा लगभग दस दिन के लिए मायके आती है फिर उसका पति अशोक उसे लेने आ जाता है.

इस बार आशा ने नीरा को बताया कि उसकी सास बहुत ताने मारती है. आशा का कहना था कि बच्चा नहीं हो रहा है तो इसमें मेरा क्या दोष है? अशोक शराब पीकर आता है और सो जाता है. दस पांच दिन में कभी मेरे पास आता भी है तो नशे में होने के कारण कुछ कर भी नहीं पाता है. मैं यह बात अपनी सास को बताऊँ तो घर में बखेड़ा खड़ा हो जायेगा.

उसकी सारी बातें सुनकर मेरी बीवी नीरा ने उससे कहा कि मैंने ऐसी ही एक कहानी अन्तर्वासना पर पढ़ी थी जिसमें मायके आई हुई लड़की अपने भाई से चुदवा कर गर्भ धारण कर लेती है और ससुराल में सुखी जीवन व्यतीत कर रही है. तू इतनी हिम्मत कर सकती है?

यह सुनकर आशा की आँखें फटी रह गईं और कुछ देर तक सोचने के बाद बोली- अगर मैं हिम्मत कर भी लूँ तो क्या भइया ऐसा कर पायेंगे? हम दोनों एक दूसरे का सामना कैसे कर पायेंगे?
नीरा ने उससे कहा- अब अगर तू हिम्मत कर रही है तो मैं कुछ न कुछ करती हूँ ताकि तेरा काम हो जाये.

रात का भोजन करने के बाद जब नीरा बेडरूम में आई तो मैं लेटकर अपना मोबाइल चेक कर रहा था. नीरा ने लाइट बंद कर दी. नाइट लैम्प की रोशनी में मैंने देखा कि नीरा ने अपना गाउन उतार दिया, अब वो ब्रा और पैन्टी में थी.
नीरा अक्सर ऐसा करती थी, यह इस बात कि इण्डीकेटर है कि आज चुदाई होगी.

मैंने भी मोबाइल रख दिया और नीरा को अपनी ओर खींच लिया. नीरा को अपने सीने से लगाते हुए मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया. नीरा की चूचियां सहलाते हुए मैं नीरा के होंठ चूसने लगा. नीरा ने अपना हाथ मेरे लण्ड पर रख दिया. नीरा के हाथ फेरने से मेरा लण्ड टनटनाने लगा.

नीरा की पैन्टी उतारने के लिए मैंने हाथ बढ़ाया तो उसने रोक दिया और मेरा लोअर नीचे खिसकाकर मेरा लण्ड चूसने लगी.
मैं उठा, अपनी टी शर्ट और लोअर उतार कर पूरी तरह से नंगा हो गया और नीरा की पैन्टी उतार कर उसकी टांगों के बीच आ गया.
तभी नीरा उठी और एक मिनट में आई कहते हुए कमरे से अटैच्ड बाथरूम में चली गई.
जितनी देर में वो पेशाब करके आई उतनी देर में मैंने अपने लण्ड पर कोल्ड क्रीम चुपड़ ली.
नीरा बाथरूम से लौटकर आई और बेड के पास खड़ी हो गई.

“क्या हुआ?” कहते हुए मैंने उसे बेड पर खींचा और उसकी टांगों के बीच आ गया. नीरा की चूत पर हाथ फेरते हुए मैंने चूत के होंठ फैला कर अपने लण्ड का सुपारा रख दिया. नीरा की कमर पकड़ कर मैंने लण्ड को नीरा की चूत में धकेल दिया.

अपना लण्ड नीरा की चूत के अन्दर बाहर करते करते मैं उसकी चूचियां मसलने लगा. न जाने क्यों ऐसा लगा कि नीरा की चूचियां पहले से कुछ छोटी हो गई हैं और टाइट भी. लेकिन जब चुदाई चल रही हो तो ऐसी बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं जाता.

नीरा को चोदते चोदते मेरे डिस्चार्ज का समय आ गया तो मैंने नीरा की टांगें अपने कंधों पर रख लीं और फुल स्पीड से चोदने लगा. लण्ड का सुपारा फूलकर संतरे जैसा हो गया था. एक समय आया कि मेरे लण्ड से फव्वारा छूटा और नीरा की चूत मेरे वीर्य से भर गई.

डिस्चार्ज होते ही हमेशा की तरह नीरा के शरीर पर पसर गया. उसके बदन की खुशबू कुछ बदली हुई लग रही थी.
मैंने नीरा के गाल थपथपाते हुए पूछा- क्या बात है, एकदम से चुप क्यों हो गई हो?

इतना सुनते ही नीरा सिसकने लगी. उसकी आवाज भी कुछ बदली हुई थी, वो उठी और बाथरूम में चली गई.

बाथरूम से वापस लौटकर नीरा मुझसे लिपट गई और बेतहाशा चूमने लगी. नीरा ने निढाल पड़े मेरे लण्ड पर हाथ फेरकर खड़ा करना शुरू कर दिया.
मैंने कहा- क्या बात है, अभी दिल नहीं भरा?
इतना कहकर मैंने नीरा की चूची पर हाथ रखा तो चौंका, अभी तो इतनी टाइट थीं, अब ढीली कैसे हो गईं?

मैंने नीरा से कहा- यार, मैं नशे में तो नहीं हूँ लेकिन कुछ गफलत में जरूर हूँ. तुम्हारी चूचियां, तुम्हारे बदन की खुशबू बदली बदली सी क्यों है?

मेरे टनटनाते हुए लण्ड की खाल आगे पीछे करते हुए नीरा बोली- खुशबू नहीं बदली, मैं ही बदल गई थी.

इसके बाद नीरा ने मुझे सारी बात बता दी और यह भी बता दिया कि बाथरूम के उधर वाले दरवाजे से आशा अन्दर आकर खड़ी थी. जब तुम चोदने के लिए आतुर थे तो पेशाब करने के बहाने बाथरूम जाकर मैंने आशा को भेज दिया था.

इतना कहते कहते नीरा ने मेरे लण्ड का सुपारा चाटना शुरू कर दिया और थोड़ी देर बाद अपनी टांगें फैला कर मेरे ऊपर आ गई. घुटनों के बल खड़ी नीरा ने अपनी चूत के लबों को फैलाया और मेरे लण्ड के सुपारे पर बैठ गई.

आशा की चुदाई होते देखकर नीरा गीली हो चुकी थी अतः मेरा लण्ड आसानी से नीरा की चूत के अन्दर हो गया.
नीरा को चोदते हुए मैंने महसूस किया कि आशा की चूत नीरा की चूत की अपेक्षा टाइट है.
बहन को चोदने की ग्लानि से बाहर आते हुए मैं आशा को चोदने की प्लानिंग करने लगा.

मैंने नीरा से कहा- आज तुमने जो किया, कुछ अच्छा नहीं किया. भाई बहन के रिश्ते को दागदार कर दिया.
नीरा ने जवाब दिया- मैं मानती हूँ कि यह गलत हुआ लेकिन इससे किसी का घर बसता हो तो बुरा भी नहीं है. और हाँ, आशा इतवार तक यहां है, अब इन चार दिनों में उसको जमकर चोदो ताकि वो गर्भवती हो जाये.

अपनी बीवी नीरा को चोदते चोदते अगले दिन का कार्यक्रम हम लोगों ने तय कर लिया.

सुबह नहा धोकर नाश्ते के लिए मैं टेबल पर पहुंचा तो मम्मी, पापा व आशा पहले से ही बैठे थे. आशा मुझसे नजर नहीं मिला रही थी, इसका फायदा उठाते हुए मैंने उसका एक्सरे कर डाला. आशा की कद काठी तो लगभग नीरा जैसी ही थी लेकिन उसका रंग काफी गोरा था. बाकी आशा की चूचियां और चूत नीरा से बेहतर हैं इसका अन्दाज मुझे हो ही चुका था.

नाश्ता करते समय मैं रात को होने वाली चुदाई को लेकर उत्साहित था. नाश्ता करके मैं और पापा फैक्ट्री चले गए.

शाम को हम लोग घर लौटे, खाना खाया और सोने के लिए मैं कमरे में आ गया.
नाइट लैम्प की रोशनी में मैंने देखा कि आशा गाउन पहन कर लेटी है. मैंने अपने कपड़े उतार दिये और पूरी तरह से नंगा होकर बेड पर पहुंच गया. आशा ने आँखें बंद कर रखी थीं. आशा के गाउन के बटन खोलकर उसके शरीर से अलग किया तो आशा पूरी तरह से नंगी हो गई, उसने ब्रा और पैन्टी नहीं पहनी थी.

आशा की एक चूची अपने मुंह में लेकर मैंने उसकी चूत पर हाथ फेरना शुरू किया, कुछ ही देर में आशा गमकने लगी, वो बुरी तरह से चुदासी हो रही थी.
अपना मुंह आशा के कान के पास ले जाकर मैंने धीरे से कहा- शर्माओ मत. चुदवा रही हो तो खुलकर चुदवाओ ताकि तुम्हारा उद्देश्य तो पूरा हो सके.

मेरे इतना कहते ही आशा मुझसे लिपट गई और मेरे होंठ चूसने लगी. आशा अपनी चूत को मेरे लण्ड से सटाकर रगड़ने लगी. जब आशा ज्यादा चुदासी हो गई तो उसने मेरा लण्ड पकड़ लिया और मेरे लण्ड का सुपारा अपनी चूत के मुंह पर रख दिया.

आशा को पीठ के बल लिटाकर मैंने उसके चूतड़ों के नीचे एक तकिया रखा और उसकी टांगें फैला दीं. 69की पोजीशन में आते हुए अपना लण्ड आशा के मुंह के पास रखकर मैंने कहा- इसे गीला कर दो ताकि आसानी से चला जाये.

“कल बहुत दर्द हुआ था, भइया.”
“क्यों? पहली बार चुदवाई थी क्या?”
“नहीं, भइया. मगर आपका वो काफी बड़ा है और मोटा भी.”

“ये क्या भइया भइया लगा रखी है? और क्या बता रही है कि आपका वो बड़ा मोटा है. ये ‘वो’ ‘वो’ क्या होता है?”
“तुम्हारा लण्ड बहुत बड़ा और मोटा है, विजय. अशोक का लण्ड तुम्हारे लण्ड से छोटा है और पतला है इसलिए मेरी चूत में दर्द हो रहा था.”
“तो मना कर देती.”
“मना कर देती तो चुदती कैसे?”
“खैर, अब तुम आराम से मजे ले लेकर चुदवाओ. तुम कहो तो लाइट ऑन कर दूँ.”
“कर दो, विजय. मैं भरपूर उजाले में तुमसे चुदवाना चाहती हूँ. मैं देखूँ तो कि तुम चोदते हुए कैसे दिखते हो?”

मैंने उठकर लाइट जला दी. लाइट जलाकर वापस मुड़ा तो नंगी आशा को देखकर मैं दंग रह गया, वो बहुत गोरी और सुन्दर थी. आशा की चूचियां नोकदार थीं और गुलाबी निप्पल्स तने हुए थे.

जैसे आशा को देखकर मैं दंग रह गया था, वैसे ही मेरा लण्ड देखकर आशा दंग रह गई और बोली- विजय, तुम्हारा लण्ड तो ब्लू फिल्म के नायक जैसा है.

बेड पर पहुंच कर मैंने अपना लण्ड आशा के मुंह में दे दिया. जब लण्ड मूसल की तरह टाइट हो गया तो मैंने आशा के चूतड़ों के नीचे तकिया रखा और लण्ड का सुपारा आशा की चूत के मुंह पर रखकर धक्का मारा तो मेरा लण्ड आशा की चूत में समा गया. लण्ड अन्दर जाते ही आशा अपने चूतड़ उचकाने लगी.

मैंने अपनी ट्रेन आशा की चूत में चला दी और धक्के मारते मारते मंजिल पर जा पहुंचा. जब मेरे लण्ड से फव्वारा छूटा तो आशा बोली- तुम चोदते हो तो लगता है कि तुम्हारा लण्ड बच्चेदानी के अन्दर तक चला जायेगा और जब डिस्चार्ज करते हो तो पूरी चूत भर जाती है जबकि अशोक तो दो तीन बूंद वीर्य टपकाता है.

उस रात मैंने आशा को तीन बार चोदा और अशोक के आने तक लगातार धुआंधार चोदा. जिस दिन अशोक को आना था, मैंने आशा से कहा- अशोक आ जाये तो कोशिश करके एक बार जरूर चुदवाना ताकि गर्भवती होने पर उसे लगे कि बच्चा उसका है.

निर्धारित समय पर अशोक आया, हमारे घर दो दिन रूका और आशा को लेकर चला गया. समय आने पर आशा ने एक बेटे को जन्म दिया जो मेरा बेटा भी है और मेरा भांजा भी.
[email protected]

लेखक की पिछली कहानी: साले की जवान बेटी की चूत चुदाई

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top