आई एम लकी गर्ल-3

कहानी का दूसरा भाग: आई एम लकी गर्ल-2

मैंने उसे कहा- नहीं, तुम ऐसा करो, बाज़ार जाकर वीट ले आओ, और तुम ही मेरी वैक्सिंग कर देना, बहुत आसान है, मैं बता दूँगी कैसे करते हैं।

उसने भी तुरंत हाँ बोल दिया और क्यूँ ना बोले, आज उसने अपनी दीदी को नंगा देखा था और अब तो वो अपनी बहन के नंगे बदन अपने हाथों से छूने वाला था।

अभी तो सिर्फ़ तस्वीर को चूमता था, पर आज मुझे सीधे चूमेगा।

वो तुरंत जाकर गाड़ी निकालने लगा और चला गया।

तो बहुत खुश थी मैं और कल्पना करने लगी कैसे चुदाई होगी मेरी!

मैं जाकर तैयार होने लगी और कंघी करने बैठ गई। कंघी करके सोचने लगी कहाँ पर वैक्स मेरा मतलब सेक्स करूँ! फिर दिमाग़ में आया क्यूँ ना उसी के कमरे में जहाँ अपनी दीदी को रात में सोच कर मुठ मारता है, उसके बिस्तर पर चुदूंगी तो और भी अच्छे से चोदेगा।

फिर सोचा कि कपड़े उतार लूँ! पर नहीं उसके सामने ही उतारुँगी तो जल्दी उत्तेजित होगा!!

मैं इंतज़ार करने लगी और इतने में ही बेल बजी। मैंने दरवाजा खोला तो भाई ही था, मुझे देखकर खुश था और में भी बहुत खुश थी।

फिर वो बोला- चलो, जल्दी से कर लो, फिर मुझे तुम्हारी पेंटिंग बनानी है।

पर वो कहाँ जानता था कि क्या होने वाला है?

मैंने कहा- तो तुम ही तो करोगे, मैं कैसे करूँगी पीठ पर? सामने के मैं कर चुकी हूँ पहले ही।
“ठीक है!” भाई बोला- चलो!
मैंने कहा- तुम्हारे कमरे में चलते हैं, वहाँ रोशनी भी ज़्यादा है!
और हम चल दिए।

कमरे में पहुँचते ही मेरी नज़र मेरी तस्वीर पर गई जिसे मेरा भाई किस करता है और चोदता है।

पर आज तो खुद उससे चुदवाने आ गई हूँ!!

वो वीट का एक पैक लाया था, निकाल कर रख दिया और बोला- तुम कपड़े तो उतार लो!

“मैंने सोचा कि तुमसे ही उतरवाऊँगी आज तो!” और कुर्ता उतार कर फेंक दिया कुर्सी पर। मेरी सिल्की ब्रा देख कर उसका लंड तो तुरंत खड़ा हो गया।

थोड़ा हकबक़ा कर बोला, कहा- और कैसे करना है?

मैं बिस्तर में लेट गई उल्टी होकर!

बोली- स्टिक से थोड़ा लेकर मेरी कमर में लगाओ!!
वो पास आकर बोला- पर तुम्हारी सलवार?
मैंने कहा- उतार लो ना!!

और कमर उठाकर नाड़ा खोल दिया… लो उतार दो!
वो तो चुपचाप हो गया, तो मैंने थोड़ी सी नीचे कर दी अपनी सलवार तो मेरी पेंटी दिखने लगी!

अपने हाथ उसने मेरी कमर पर लगाए, मुझे तो करंट सा लगा और पूरी हिल गई मैं, जैसे मछली हिल जाती है शिकारी के छूने पर!

उसने मेरी सलवार उतार दी और अब मैं सिर्फ़ सिल्की ब्रा-पेंटी में लेटी थी। वैसे तो वो मुझे पहले नंगी तो देख ही चुका था पर इतने पास से पहली बार देख रहा था।

मेरी कमर पर उसने एक स्टिक भर कर वीट लगाई, इतने में मैंने कहा- तुम अपने कपड़े उतार लो, नहीं तो गंदे हो जाएँगे।

वो तो जैसे यही चाहता था, उसने जीन्स टी-शर्ट उतार दी और सिर्फ़ बनियान चड्डी में था अब मैं उसका खड़ा लंड अच्छे से देख सकती थी।

मैंने उसे कहा- बेड पर आ जाओ और मेरी पेंटी उतार दो!!

उसकी तो जैसे मन की इच्छा पूरी होने वाली थी, उसने फ़ौरन मेरी सिल्की पेंटी खींच ली और फेंक दी।

मैं बेड के बीच में आ गई और वो भी मेरे ऊपर आ गया और पैर डाल कर बैठ गया। मैं उसके कठोर लंड का एहसास करने लगी जो मेरी जांघों को छू रहा था। मैं अब अपने ही काबू से बाहर हो रही थी, मेरी आँखें बंद थी, पर सब महसूस कर रही थी। वो दूसरा स्टिक भर कर मेरे पिछले छेद के पास लगा रहा था पर उसकी उंगली मेरी चूत के पास भटक रही थी जैसे वो उसे छूकर देखना चाहता हो!!!

और मैं भी कौन सा वैक्सिंग करवाने वाली थी, फ़ौरन मैं पलट गई तो देखा वो पानी पानी हो रहा है और उसका लंड बहुत प्यारा दिख रहा था।

मैंने उसे देखा और वो भी मुझे देख रहा था, पर थोड़ा शर्मा भी रहा था, मैंने हाथ बढ़ा कर उसका लंड पकड़ लिया, वो देखता ही रहा। मैंने ऐसे ही उठकर उसकी चड्डी उतारने लगी, वो खड़ा हो गया और उसने खुद अपना अन्डरवीयर उतार कर एक तरफ़ फ़ेंक दी और मैं अपने भैया का लंड पकड़ कर हिलाने लगी। उसने अपनी बनियान भी उतार दी और मेरे चूत को देखने के लिए कहने लगा!

अपनी टाँगें फ़ैला दी मैंने और लेट गई, वो अपनी उंगली से मेरी कुँवारी चूत को छूने लगा, मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और मैं काम्प भी रही थी, मेरे मुंह से सिसकारी निकल रही थी।

वो फिर बैठ कर अपने लंड को मेरे चूत में घिसने लगा और अंदर डालने की कोशिश भी कर रहा था पर ऐसे कहाँ जाने वाला था इतनी टाइट जो थी मेरी कुंवारी अक्षतयौवना चूत!!!

भाई मेरे ऊपर लेट गया और चुम्बन करने लगा, मैं भी साथ दे रही थी, और उसका लंड मेरी चूत पर रगड़ रहा था। करीब 2 मिनट तक किस करने के बाद वो बोला- दीदी मैं आपको प्यार करता हूँ और कब से आपके नाम की मुठ मार रहा हूँ।

मैंने भी कहा- तो पहले बोला क्यूँ नहीं!?!

वो बोला- आप गुस्सा ना हो जाओ इसीलिए!

मैंने उसके लंड को पकड़ा और अपनी चूत में डालने लगी, वो मुझे धक्के लगाने लगा पर अंदर नहीं जा रहा था तो उसने कहा- आप थड़ा नीचे आ जाओ, पैर लटका लो।

वो खड़ा हो गया और ज़ोर से धक्का दिया लंड थोड़ा अंदर गया, मैं तो चीख पड़ी, पूरी पसीने से भीग गई और आँखों में आँसू आ गये।
भाई बोला- दीदी क्या हुआ? मुझे तो बहुत अच्छा लग रहा है।

और उसने ज़ोर से धक्का दिया तो पूरा लंड घुस गया और वो ज़ोर से करने लगा।
पर मेरी तो जैसे जान ही जाने वाली हो, मैं चीख रही थी, बहुत दर्द हो रहा था, ऐसा दर्द कभी नहीं हुआ पहले, गिरने पर भी नहीं।
जैसे मुझे कोई चाकू से काट रहा हो।

मैं आहह उऊहह करती गई और वो बड़े खुश होकर धक्के लगाता गया पर धीरे धीरे मुझे भी अच्छा लगने लगा था और मैं भी कमर हिला रही थी।

उसका लंड बाहर निकलता तो फिर अंदर डाल लेता और धक्के लगाने लगता। में आआ हुउऊउ करती रही। हम दोनों पसीने से भीग गये और अब मेरा पानी निकलने वाला था, पर भाई तो धक्के देता जा रहा था।

और मैं आनन्द के उच्चतम शिखर पर पहुँच गई और निढाल हो गई।

वो अब भी मुझे चोद रहा था, फिर उसका गर्म पानी निकल गया मेरी चूत में ही! और आकर वो लेट गया मेरी बगल में।

हम दोनों को नींद आ गई और सो गये। काफ़ी देर में जब उठे तो देखा 4 बज चुके हैं और 5 बजे मम्मी-पापा आ जाते हैं तो मैं कपड़े पहनने लगी।

पर भाई बोला- दीदी, एक बार करने दो ना! मज़ा आता है ऐसे करने में!
मैंने उसे कहा- इस बारे में कभी किसी से मत बताना!
और लेट गई।

वो बोला- कभी नहीं।
भाई मेरे ऊपर आया और चोदने लगा।
मुझे अभी भी दर्द हो रहा था!!

भाई किस करने लगा, बोला- दीदी अपनी ब्रा उतार दो ना, चुभ रही है।
मैंने बोला- तुम ही उतार दो!

और उसने पीछे हाथ डालकर ब्रा की हुक खोल दी और ब्रा हटा दी।
थोड़ी देर में मुझे पेशाब सी आई तो मैं बोली- हट!

पर वो नहीं हटा, मैंने उसे धक्का दिया और मेरी पानी और पेशाब दोनों निकल गए। सब कपड़े गीले हो गये।

हम उठ गये, मैंने देखा कि बिस्तर पर खून के धब्बे हैं और नीचे पड़े चड्डी बनियान भी खून से खराब हो गये।

वो बोला- मैं तुम्हारी पेंटी पहनूंगा!

उसने पहन ली, मैंने कहा- सब कपड़े बाथरूम में डाल, मैं कपड़े पहन कर आती हूँ, मम्मी पापा के आने से पहले धोने होंगे।

और अपने कमरे में चली गई नंगी ही।

दोस्तो, यह मेरी पहली चुदाई थी। बड़ी मुश्किल से लिख पाई, कई बार मेरा पानी निकल गया लिखते हुए और मेरी हिन्दी भी कमजोर है।
आप भी बताइए कि इसे पढ़ने के बाद आपको क्या हुआ?
और भी आगे के बारे में जल्दी लिखूँगी। आप सब को मेरा प्यार!
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