बहन और उसकी ननद की चुदाई

प्रेषक : सुमित कुमार

आप सब को मेरा नमस्कार ! मेरा नाम सुमित कुमार है, मेरी उम्र २६ साल है, मैं अम्बाला, हरियाणा का रहने वाला हूँ। मैं इस समय चंडीगढ़ में नौकरी करता हूँ। मैं आपको एक सच्ची घटना के बारे में बता रहा हूँ जो आप को बहुत पसंद आएगी।

बात आज से ४ साल पहले की है, मैं किसी काम से दिल्ली गया हुआ था। तो उस दिन वो काम किसी वजह से नहीं हुआ। दिल्ली में मेरी बड़ी बहन रहती है जिस का नाम सुमन है। तो मैं रात को देर होने की वजह से उस के घर रुक गया तो मेरी दीदी के घर उसकी ननद आई हुई थी उस का नाम कोमल था, वो अपने पति के साथ मुंबई में रहती है वो कुछ दिनों के लिए वहां आई हुई थी। वो देखने में काफी सुंदर है और उसकी चूची काफी बड़ी हैं जोकि पहले भी उस को देख कर मेरा लण्ड खड़ा हो जाता था लेकिन उस दिन वो काफ़ी स्मार्ट लग रही थी।

हम रात को खाना खाते समय बात करते रहे। बात करते करते मैं उस से काफ़ी घुल-मिल गया था। खाना खाने के बाद दीदी और जीजाजी जल्दी ही सो गए और हम दूसरे कमरे में टीवी देखते रहे। मैंने यह बात नोट की कि उसका ध्यान टीवी पर कम और मेरी तरफ़ ज्यादा है। मैंने एक दो बार उसकी आंखों में आंखें डाली तो उसने अपना ध्यान टीवी की तरफ़ कर लिया। ठण्ड होने की वज़ह से हम एक ही रजाई में बैठे हुए थे क्यूंकि दूसरी रजाई दीदी अपने साथ अपने कमरे में ले गई थी।

बैठे बैठे मेरा पैर अकड़ गया तो मैंने ज्यों ही अपना पैर खोला तो मेरा पैर उस के पैर से थोड़ा सा लगा मेरे अंदर करंट सा दौड़ गया और मेरा लण्ड खड़ा हो गया लेकिन उस ने कुछ नहीं कहा तो मैंने हिम्मत कर के अपना पैर थोड़ा सा बढ़ाया और उस के पैर से थोड़ा और छुआ दिया, तो भी वो कुछ नहीं बोली। हम कुछ देर ऐसे ही बैठे रहे तो मैंने फिर अपना हाथ उस के पैर पर रख दिया और धीरे धीरे उस की जांघों पर ले आया लेकिन वो फिर भी कुछ नहीं बोली और टी वी देखती रही। मैं अपना हाथ उसकी जांघों पर फिराता रहा और फिर मेरा हाथ उसकी सलवार के नाड़े तक पहुँच गया। जैसे ही मैंने उसके नाड़े को खींचना चाहा तो उस ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरी तरफ गुस्से से देखा और बोली- यह क्या कर रहे हो?

उसकी यह बात सुन कर मैं डर गया और आराम से बैठ गया। थोड़ी देर बाद वो उठ कर अपने कमरे में सोने के लिए चली गई और उस के जाने के कुछ देर बाद मैं भी टीवी बंद करके अपने कमरे में सोने के लिए चला गया। मैं जा कर बेड पर लेट गया, मैं रात को सिर्फ अंडरवीयर और बनियान में सोता हूँ। मेरा लण्ड खडा होने के वजह से बहुत देर मुझे नींद नहीं आई, काफी देर बाद मैं सो गया।

करीब रात के २ बजे मुझे लगा कि कोई मेरे पास लेटा है जो मेरे लण्ड को हाथ में लिया हुआ है और हिला रहा है। मैंने ऑंखें खोली तो वो कोमल थी। वो बोली कि मैं बाहर तुम पर गुस्सा हुई मुझे माफ़ कर देना, मैं कब से तुम से चुदाई करवाने की सोच रही थी, मेरा सपना आज पूरा हो गया है।

फिर मैंने भी उस की चूची पकड़ ली और उन्हें दबाने लगा। फिर मैंने उसे नंगा कर दिया, उस ने मुझे नंगा कर दिया और शुरू हो गया हमारी चुदाई का कारनामा-

फिर मैं उसकी चूची चूसने लगा और उसे दबाने लगा। जब भी मैं उसकी चूची दबाता, वो आह-आह करती। फिर मैं एक हाथ से उसकी चूची दबा रहा था और एक हाथ से उसकी चूत सहला रहा था। वो मेरा लण्ड अपने दोनों हाथो में ले कर हिला रही थी और कह रही थी- उसके पति का लण्ड काफी छोटा है, उसने आज तक उसको संतुष्ट नहीं किया, आज तुम मुझे संतुष्ट जरुर करना !

यह कह कर उसने मेरा लण्ड अपने मुंह में ले लिया और उसे लोलीपोप की तरह चूसने लगी। फिर मैंने उस को सीधा लिटा दिया और उस पर सवार हो गया। जैसे ही मैंने उस की चूत पर अपना लण्ड रख कर एक धक्का दिया और मेरा थोड़ा सा लण्ड उस की चूत में गया वो चिल्लाई और कहने लगी कि इसे बाहर निकालो और मुझे धक्का मारने लगी।

लेकिन मैं उसे कहाँ छोड़ने वाला था, मैंने एक जोर से धक्का और मारा मेरा पूरा लण्ड उस की चूत में घुस गया, वो और जोर से चीखने लगी। मैंने फिर अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और उस का चीखना बंद हो गया। फिर मैं धीरे धीरे धक्के मारने लगा, उसे भी मजा आने लगा और वो कहने लगी- और जोर से ! और जोर से !

अब मैंने भी स्पीड बढा दी और जोर -जोर से धक्के मारने लगा। मैं करीब एक घंटे बाद शांत हुआ। मैंने अपना सारा पानी उसकी चूत में छोड़ दिया और उसके ऊपर गिर गया। इस चुदाई के बीच वो पॉँच बार अपना पानी छोड़ चुकी थी। फिर हम ऐसे ही नंगे सो गए।

करीब एक घंटे बाद मेरी नींद खुली तो मैंने देखा वो मेरा लण्ड चूस रही थी और मेरा लण्ड सीधा खडा था। फिर मैंने उस को कुतिया की तरह खड़ा किया और उसकी गांड पर थोड़ा सा थूक लगाया और उस पर अपना लण्ड रखा और एक जोर से धक्का मारा और एक बार में मेरा पूरा लण्ड उस की गांड में घुस गया। उसकी गांड काफी टाईट थी। वो दर्द के मारे जोर से चीखी। फ़िर मैं थोड़ी देर के लिए रुक गया। जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैं धक्के मारने लगा और करीब ४५ मिनट के बाद जब झड़ने को हुआ तो मैंने अपना लण्ड उसकी गाण्ड से निकाल कर उसे सीधा किया और अपना सारा वीर्य उसके मुँह में छोड़ दिया और वो मेरा सारा वीर्य अपनी जीभ से चाट कर पी गई।

फ़िर सुबह होने को थी तो उसने अपने कपड़े पहने और अपने कमरे में चली गई। मैंने भी अपने कपड़े पहने और सो गया।

मैं करीब 8 बजे उठा और नहा धो कर फ़्रेश हो गया। जब मैंने कोमल को देखा तो वो काफ़ी खुश लग रही थी।

फ़िर मैं अपना काम करने के लिए निकल गया। उस दिन काम तो हो गया पर मुझे काफ़ी देर हो गई। इसी वजह से मुझे फ़िर दीदी के घर रुकना पड़ा। जब मैं दीदी के घर आया तो मुझे पता चला कि जीजाजी अपनी कम्पनी के काम से बाहर गए हैं, अगले दिन आएँगे।

रात को हम खाना खा कर बिना टी वी देखे अपने अपने कमरे में सोने चले गए। मैं उस रात भी कोमल की इन्तज़ार में था। थोड़ी देर बाद कोई मेरे कमरे में आया तो मुझे लगा कि कोमल ही होगी क्योंकि कमरे की बत्ती बन्द थी। मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ़ खींच लिया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे जोर जोर से चूमने लगा और उसके स्तन दबाने लगा।

वो भी मेरे लण्ड को अन्डरवीयर के ऊपर से पकडे हुए थी। फ़िर मैंने अपने कपड़े उतार दिए और फ़िर उसके भी कपड़े उतार कर अपना लण्ड उसके मुंह में दे दिया। वो उसे चूसने लगी। उसे काफ़ी मज़ा आ रहा था।

फ़िर मैंने उसे सीधा लिटाया और उसकी चूत पर अपना लण्ड रख कर इतनी जोर से धक्का मारा कि वो उस धक्के को सह नहीं पाई और उसने जोर से चीख मारी क्योंकि मेरा पूरा का पूरा लण्ड उसकी चूत में जा चुका था। मुझे उसकी चुत्त आज काफ़ी टाईट लग रही थी।

इतने में किसी ने मेरे कमरे की बत्ती जला दी, मैंने पलट कर देखा तो वो कोमल थी और जिसकी चूत में मैंने अपना लण्ड डाला हुआ था वो मेरी बहन सुमन थी। मैं उसे देख कर दंग रह गया और मेरे पसीने छूट गए तो कोमल बोली- चोद आज अपनी बहन को ! चोद डाल ! उसके पति का लण्ड भी मेरे पति के लण्ड की तरह छोटा है। आज मेरी और उसकी दोनों की प्यास बुझा दे !

फ़िर सुमन बोली- आज अपनी बहन को चोद डाल मेरे भाई और उसे माँ बना डाल !

फ़िर मैंने रात को जम कर दोनों की चुदाई की और हम सो गए।

फ़िर अगले दिन सुबह जीजाजी का फ़ोन आया कि वो एक सप्ताह बाद आएंगे, तब तक तू अपनी दीदी के पास रुक जाना।

फ़िर क्या था हम तीनों ने दिन-रात जम कर चुदाई की और मैं वहाँ से आ गया।

उसके बाद जब भी मैं अपनी दीदी के घर गया, मैंने दीदी की जम कर चुदाई की।

आज मेरी दीदी एक लड़के की माँ है और उसकी ननद एक लड़की की माँ है, दोनों बच्चों का बाप मैं हूँ।

आप ही बताइए, मैं अपने भांजे को भांजा कहूँ या अपना बेटा ……….

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