फ़ुसला कर बहन की चूत की चुदाई की कहानी

(Fusla Kar Bahan Ki Choot Ki Chudai Ki Kahani)

दोस्तो, मैं फेहमिना एक नई कहानी के साथ आप सबके सामने हाज़िर हूँ। यह कहानी मेरे एक प्रशंसक ने भेजी है।

हाय फ्रेंड्स… मेरा नाम रोहित है, उम्र 22 साल और मेरी बहन की उम्र 25 साल है, उसका नाम सोनम है।
मेरी बहन का रंग गोरा, वजन 50 किलो, लम्बाई 5’5″ और फिगर बहुत ही सेक्सी 34-26-34 है।

हम पंजाब में रहते हैं, मेरे पापा दिल्ली में बिज़नेस करते हैं।
तीन साल पहले जब उन्होंने हमारी मम्मी को वहाँ पर बुलाया तो हम दोनों यहाँ अकेले रह गये।

उस दिन मेरा जन्मदिन था, मैं ज़्यादा घर से बाहर रहता था तो मेरी बहन घर में अकेली उदास होती थी और कहती थी कि जब से पापा मम्मी दिल्ली गये हैं, तुम आवारा हो रहे हो, जल्दी घर आया करो, मैं अकेली उदास हो जाती हूँ।

मैंने कहा- सिर्फ़ जन्मदिन दोस्तों के साथ मनाने दो, फिर घर पे टाइम दिया करूँगा।
उसने कहा- नहीं, जन्मदिन घर पर रख लो और फ्रेंड्स को भी घर ही बुला लो!

पहले मैं नहीं माना लेकिन वो नाराज़ हुई इसलिये मान गया, मैंने सब को घर पर बुला लिया।

मैं अपनी बहन को कई साल से पसंद करता था और सोचता था कैसे उसे मनाऊँ सेक्स के लिये… मगर डरता भी था कि कहीं मम्मी पापा को ना बता दे।

जन्मदिन से एक दिन पहले उसने पूछा- तुम्हें क्या गिफ्ट चाहिये?
मैंने कहा- बता दूंगा बाद में!

जन्मदिन आया, सब दोस्त भी आये ओर सबने गिफ्ट दिये, बहन ने मुझसे कहा- सबने गिफ्ट दिये और मुझे शर्मिंदगी हुई कि मैंने अपने भाई को कोई गिफ्ट नहीं दिया।
मैंने कहा- रात को बताऊंगा, अभी जा रहा हूँ।

रात को मैं घर आया, हमने साथ खाना खाया, हम एक ही रूम में टी.वी देखते और फिर अपने अपने रूम में सो जाते थे।
हम दोनों टी.वी देख रहे थे।

जब मेरी बहन ने पूछा- तुमने बताया नहीं कि तुम्हें क्या गिफ्ट चाहिये?
मैंने नज़र टीवी पर रखी और कहा- पहले वादा करो कि तुम मना नहीं करोगी?
उसने कहा- वादे की क्या बात है, मेरा एक ही भाई है, मैं उसे ज़रूर गिफ्ट दूंगी।
मैंने कहा- नहीं, मैं ऐसे नहीं बताऊँगा, तुम पहले वादा करो?
उसने कहा- ओके वादा!

मैं कुछ देर खामोश रहा और टी.वी देखते हुये कहा- मैं तुम्हारी चूची देखना चाहता हूँ।
मेरी बहन एकदम गुस्से में आ गई, उसने कहा- शट-अप… तुम्हें शर्म नहीं आती अपनी बहन से ऐसी बात करते हुये?
मैंने कहा- मुझे माफ़ कर दो, मुझे पता था इसीलिये नहीं बता रहा था।

उसने कहा- अगर मैं पापा को फ़ोन कर दूं तो?
मैंने कहा- तो मैं घर छोड़ कर चला जाऊँगा। लेकिन आपने वादा किया था आप मना नहीं करोगी।
उसने कहा- लेकिन हम बहन भाई हैं इसलिये मुझे नहीं पता था तुम ऐसी बात करोगे।

मेरी प्यारी बहन ने कहा- ये भी कोई गिफ्ट है?
तो मैंने कहा- मैं बच्चा नहीं रहा जो खिलौने माँगता। गिफ्ट वो ही होता है जिससे खुशी मिले, मुझे सब गिफ्ट से ज्यादा इस गिफ्ट से खुशी मिलेगी।
मैंने कहा- हम दोस्त भी तो हैं, मेरा जन्मदिन है, मुझे तुम अच्छी लगती हो इसलिये कह दिया, मैंने कुछ गलत तो नहीं कहा।

वो खामोश रही और टी.वी देखती रही, जब मैंने तीन बार प्लीज कहा तो उसने कहा- ओके तुम्हारा जन्म दिन है, लेकिन मेरी एक शर्त है, तुम सिर्फ़ दूर से देखोगे और टच नहीं करोगे।
मैं खुश हो गया, मैंने कहा- ओके!

मेरी बहन का चेहरा लाल हो रहा था शर्म से!
फिर उसने अपनी टीशर्ट ऊपर की और ब्रा हटा दी। उसने आँखें बंद की हुई थी, उसकी नंगी चूची देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया। मैंने देखा और देखता ही रह गया।

मैंने कहा- तुम बहुत सुंदर हो!
उसने कहा- ओके, अब देख लिया बस?
मैंने कहा- मैंने पहले कभी किसी लड़की की चूची रियल में टच नहीं की, प्लीज एक बार टच करने दो।

उसने कहा- नहीं, तुमने वादा किया था।
मैंने कहा- हाँ किया था लेकिन तुम इतनी खूबसूरत हो… प्लीज बस एक बार… फिर कभी नहीं कहूँगा।
उसने अपनी कमीज़ नीचे की और खामोश रही।

मैंने कहा- जब देख लिया तो एक बार टच करके देखने से क्या बिगड़ जायेगा?
वो मुझे देखती रही, मैंने आँखें नीचे कर ली।
उसने कहा- सिर्फ़ तुम्हारा जन्मदिन है इसलिये सिर्फ़ एक बार!
मैं दिल से खुश हो गया और कहा- ओके!

बस जब टच किया तो उसने अपनी आँखें बंद कर ली शर्म से!
मैंने फ़ायदा उठाया और चूची को किस कर लिया, उसने आँखें खोली और कहा- प्लीज ऐसा मत करो।
मैंने कहा- मैं कौन सा सेक्स कर रहा हूँ? प्लीज कुछ नहीं होगा, मुझे जी भर के देखने दो। तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो। मैंने इतने प्यारे चूची कभी नहीं देखे!

यह कह कर मैं उसकी चूची को चूसने लगा वो आँखें बंद कर के खामोश रही। मैंने उसके शरीर को किस करना शुरू किया और हाथ उसके नीचे ले गया और उसकी पेंटी में हाथ डालने लगा तो उसने रोक दिया और कहा- यह गलत है, सिर्फ़ ऊपर से ही!

मैं कपड़ों के ऊपर से उसकी चूत को सहलाने लगा और उसकी चूची और शरीर पर किस करता रहा।
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तब मैंने अपनी शर्ट भी उतार दी और उसका हाथ अपनी कमर पर रख लिया, अब वो ज्यादा कुछ नहीं कह रही थी, मैं इतने प्यार से किस कर रहा था शायद उसे भी मजा आने लगा था, शायद इसीलिये खामोश रही।

फिर मैंने उसकी सलवार उतारी तो उसने एकदम ऊपर सलवार खींची।
मैंने कहा- मैं पेंटी नहीं उतारूँगा, सिर्फ़ जांघों पर किस करने के लिये उतार रहा हूँ।
उसने हाथ ढीले कर दिये, अब वो सिर्फ़ अपनी पेंटी में मेरे सामने थी।
मैं किस करता हुआ उसकी चूत को उसकी पेंटी के ऊपर से किस कर रहा था।

अब उसकी पेंटी उतारने लगा, तब भी उसने रोक दिया।
मैंने कहा- मुझे एक बार देखना है और प्लीज एक बार अंदर से किस करने दो, मैं सेक्स नहीं करूँगा।
उसने कहा- नहीं।
मैंने कहा- ओके!
मैंने उसको उल्टा किया और उसकी पीठ पर किस करने लगा, वो आँखें बंद करके उल्टी लेटी थी। मैं किस करते हुये उसका हाथ अपने लंड पर ले गया और अपना लंड अंडरवीयर के ऊपर से उसके हाथ में दे दिया।
उसने हाथ लंड से हटा लिया।

मैंने अपना अंडरवीयर भी निकाल दिया, मेरा लंड टाइट था और बेकरार भी… मैंने उसका हाथ दोबारा अपने लंड पर रखा, उसने पकड़ लिया लेकिन हिला नहीं रही थी।
मैंने अपना हाथ उसके हाथ पर रखा और हिलाने लगा, फिर उसे सीधा किया तो वो देखती ही रह गई, उसने कहा- तुम जवान हो गये हो! इतना हार्ड और इतना बड़ा है ये!

मैंने कहा- इसे हिलाओ!
और उसकी चूची चूसने लगा।

उसने कहा- क्यों हिलाऊँ? और यह इतना गर्म क्यों है?
मैंने कहा- तुम्हें देख कर गर्म है, तुम हिलाओगी तो मुझे मजा आयेगा।

वो बहुत धीरे धीरे हिलाने लगी, मैं उसकी चूची को चूसता हुआ उसकी चूत पर आया और उसकी पेंटी तेज़ी से उतारने लगा। उसने रोका लेकिन आधी उतर चुकी थी।
मैंने कहा- यह गलत बात है कि तुमने मुझे देख लिया और मुझे नहीं देखने दे रही। प्लीज देखने दो ना! कुछ नहीं होगा, मैं भी तो नंगा हूँ।

वो सीधी हो कर लेट गई, मैंने उसकी पेंटी निकाल दी।
अब मेरी बहन पूरी तरह से नंगी मेरे सामने थी। मैंने कहा- वाओ… क्या खूबसूरत शेप है!
और हाथ लगा कर कहा- यह तो बहुत मुलायम है।
उसने शर्मा कर अपनी नंगी चूत पर हाथ रख लिया।

मैं उसकी जांघ से किस करता हुआ उसके हाथ पर किस करने लगा, उसके हाथ हटा कर उसकी नंगी चूत को टच किया तो गीली हो गई थी। मैं अपनी बहन की चूत पर धीरे धीरे हाथ फेरने लगा।

उसने मुझे खींच कर गले लगा लिया और मैं अपने होंठ उसके होंठ पर रखकर ज़ोरदार किस करने लगा।
मैं समझ गया कि यह गर्म हो चुकी है, मैं अब उसके होंठ पर किस कर रहा था और मेरा लंड उसकी गीली नंगी चूत को टच कर रहा था।
मैंने एक हाथ ले जाकर लंड को उसकी चूत की दिशा में सही किया और ज़ोर लगाने लगा।
उसकी आअहह निकली और एकदम चौंक गई, उसने कहा- नहीं, बस अब रुको!

मुझे पता था कि वो गर्म हो चुकी है लेकिन डरती है कहीं प्रेग्नेंट ना हो जाये।
मैंने कहा- बहुत मज़ा आ रहा है, एक बार अंदर करने दो ना प्लीज?
उसने कहा- नहीं, तुम्हारे पास कन्डोम नहीं है और यह सही नहीं।

मैं समझ गया कि इसका भी दिल कर रहा है लंड डलवाने को!
मैंने कहा- मैं बाहर ही निकाल दूँगा प्रॉमिस!
उसने कहा- तुमसे ग़लती हो गई तो मैं बर्बाद हो जाऊँगी।
मैंने कहा- मुझे तुम्हारी इज्जत का ख्याल है, हम बहन भाई हैं, किसी को कभी शक नहीं होगा और मैं वादा करता हूँ मैं बाहर ही निकाल दूँगा। हम दोनों घर में सेक्स के मज़े लेंगे और जब दिल चाहे जैसे चाहें, एक दूसरे के साथ मजा कर सकेंगे।

वो काफ़ी शान्त हो चुकी थी। मैंने उसे बाहों में लिया और किस करना शुरू किया। अब वो मेरा साथ दे रही थी, शायद उसका भी दिल कर रहा था इसलिये साथ देने पर मजबूर थी और मैंने उससे वादा भी किया था कि कुछ नहीं होगा और मैं सब संभाल लूँगा।

मेरी बहन की चूत बहुत टाइट थी, मैंने ज़ोर लगाया तो उसकी चीख निकल गई उम्म्ह… अहह… हय… याह… लेकिन मैंने अपनी स्पीड आहिस्ता की और जब उसका दर्द कम हुआ तो ज़ोर से उसे धक्के लगाने लगा।
वाह… क्या मजा आ रहा था।

कुछ देर बाद हम दोनों डिसचार्ज हो गये। डिसचार्ज के वक़्त मैंने वीर्य बाहर निकाल दिया, उस वक़्त वो डॉगी स्टाइल में थी और सारा वीर्य उसकी गांड पर गिरा दिया जिससे उसने सुख की सांस ली।

फिर हम दोनों ने साथ बाथ लिया।

अब वो खुश थी, उसने कहा- तुम बहुत ताकतवर और स्मार्ट हो!
उसके बाद यह सिलसिला चलता रहा।

फिर उसकी शादी हो गई, अब जब भी वो मिलने आती है, हम मजा करते हैं और अब वो नहीं डरती बल्कि हम दोनों ने ये डिसाइड किया है कि हम किसी को ना नहीं करेंगे।

सिर्फ़ एक बार जब उसकी गांड मारी थी तब उसे बहुत दर्द हुआ था जो उसने सहन किया लेकिन बाद में उसने कुछ नहीं कहा।

अब तो शादी के बाद उसका जिस्म भर गया है। मुझे उसकी चूची दबाने में और भी मज़ा आता है।
धन्यवाद।

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