मौसेरी बहन के साथ मस्ती और चूत चुदाई

(Mauseri Bahan Ke Sath Masti Choot chudai)

देव राज 18 2016-10-17 Comments

दोस्तो, मेरा नाम देवराज है, मैं दिल्ली में रहता हूँ।

मैं अन्तर्वासना की हिन्दी सेक्स स्टोरी का बहुत पुराना पाठक हूँ। मैंने यहाँ बहुत सी सेक्स कहानियाँ पढ़ी हैं और सच भी लगी हैं।
आज मैं आपको अपनी आपबीती सेक्स कहानी बताने जा रहा हूँ।

अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है, उम्मीद करता हूँ आपको पसंद आएगी।

देसी लड़की

बात उस समय की है.. जब मैं 19 साल का था। मेरी मौसी की लड़की, हमारे यहाँ जागरण में आई थी। उसका रंग बिल्कुल दूध जैसा साफ़ है। उसका साइज़ 32-26-36 का था।
उसका नाम कल्पना (काल्पनिक नाम) है, तब उसकी उम्र 18 साल थी।

हमारे बीच में सब कुछ सामान्य था.. पर जागरण की अगली रात कुछ ऐसा हुआ, जो मैंने कभी सोचा भी नहीं था।

जागरण के अगले दिन सारे रिश्तेदार अपने-अपने घर चले गए थे, घर में कुछ रिश्तेदार ही बचे थे।
उसमें से एक मेरी मौसी की लड़की थी।

उस रात सबके सोने का इंतजाम मैंने ही किया था।
जगह कम होने के कारण वह मेरे ही कमरे में सो गई, मेरे कमरे में और भी बाकी के रिश्तेदार थे।

रात को लगभग 12 बजे मेरी आँख खुली, देखा कि कोई मेरे होंठों पर उंगली फेर रहा था।
लाइट बंद होने के कारण मुझे कुछ नहीं दिखा.. लेकिन मेरे पास सिर्फ़ मेरी बहन ही सोई थी, तो मुझे यह समझते देर नहीं लगी कि वो कौन हो सकता है।

मैंने धीरे से पूछा- ये क्या कर रही हो?
तो उसने कुछ ना बोल कर मेरे होंठों पर किस कर लिया।

फिर मैं भी कहाँ पीछे रहने वाला था, मैंने भी उसका साथ देना चालू कर दिया।

थोड़ी देर किस करने के बाद मैंने उसके शर्ट को ऊपर उठा दिया और उसके मम्मों को पीने लगा।
क्या मस्त मम्मे थे.. बता नहीं सकता.. बिल्कुल गोल और सख्त.. सच में मज़ा आ गया।

फिर थोड़ी देर मम्मों को चूसने के बाद मैंने उसकी सलवार में हाथ डालना चाहा.. तो उसने मुझे रोकते हुए बताया कि वो पीरियड से चल रही है और उसने मुझे उससे आगे कुछ नहीं करने दिया।
मैंने भी ज्यादा ज़ोर नहीं दिया।

उस रात हमने खूब चूमा-चाटी और मैंने उसके मम्मों को खूब चूसा।

वो अगले दिन अपने घर जाने से पहले मुझे वहाँ आने के लिए बोल कर चली गई।

कुछ दिन बाद मैं वहाँ गया और वो जैसे मेरा ही इंतजार कर रही थी।

मैं मौसी के घर पहुँच कर सबसे मिला और रात को खाना खाने के बाद उसने मुझे अपने वाले कमरे में ही सोने के लिए बोला और मेरा बिस्तर अपने कमरे में लगा लिया।
वहाँ हमारे साथ उसकी छोटी बहन भी सो गई।

रात को करीब एक बजे मेरी आँख खुली तो मैंने कल्पना को कहा- मेरे बिस्तर पर आ जाओ।

वो तो जैसे मेरे बोलने का इंतजार ही कर रही थी.. वो तुरंत उठ कर मेरे पास आ गई।

मैंने उसके आते ही चुम्बन करना चालू कर दिया और उसके मम्मों को चूसने लगा, जिससे वह गर्म हो गई और ‘उह.. आह.. उम..’ की सेक्सी आवाज़ निकालने लगी।

मैंने उससे बोला- थोड़ा धीरे आवाज़ करो.. रीना (उसकी छोटी बहन) यहीं सो रही है।
उसने कहा- क्या करूँ यार.. आवाज़ अपने आप निकल रही है।

क्या बोलूं दोस्तो.. मेरे पास शब्द नहीं है बोलने के लिए.. कि कितना मज़ा आ रहा था।

यह हिंदी सेक्स कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

मैंने उसके होंठों पर अपने होंठों को रख दिया.. ताकि कहीं हमारी आवाज़ उसकी बहन ना सुन ले।

बहन की चूत चिकनी

फिर मैंने उसकी सलवार उतार दी और मैंने महसूस किया कि उसने आपने चूत बाल आज ही साफ़ किए थे।
क्या चिकनी चूत थी उसकी..

मैंने अपने होंठ सीधा उसकी चूत पर रख दिए और जीभ से उसको चूसने लगा।
दोस्तो.. वो तो जैसे बिल्कुल पागल ही हो गई थी।

उसने एक ‘आह’ की आवाज़ निकाली और मैंने तुरंत उसके मुँह पर हाथ रख दिया और उसकी चूत चाटने लगा।
थोड़ी देर बाद उसने मुझसे कहा- अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है.. जल्दी से कुछ करो।

मैंने भी देर ना करते हुए उसके ऊपर आकर उसकी चूत पर अपना लंड रख दिया और होंठों पर अपने होंठों रख दिया ताकि वो आवाज़ ना करे और धीरे से धक्का लगाया।

अभी लंड का टोपा ही चूत के अन्दर गया था कि उसने बहुत ज़ोर की चीख मारी क्योंकि हम दोनों का पहली बार था।

मेरी चोट से उसकी सील टूट गई थी क्योंकि मेरे होंठों पहले से ही उसके होंठों के ऊपर थे, तो उसकी चीख मुँह में ही घुट कर रह गई।
मैंने धीरे-धीरे उसके मम्मों को सहलाया और उसको किस करता रहा।
जब वो थोड़ा सामान्य हो गई.. तब धीरे-धीरे आगे-पीछे करने लगा।
इस तरह धीरे-धीरे पूरा लंड उसकी चूत के अन्दर चला गया।

अब उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी नीचे से गाण्ड उठा कर मेरा साथ देने लगी।
काफी देर तक उसकी चुदाई करने बाद जब मेरा निकलने वाला था.. तो मैंने उससे पूछा- कहाँ निकालूँ?
तो उसने कहा- जहाँ भी आपका मन करे.. अब तो मैं आपकी ही हूँ।

फिर मैंने अपना माल उसकी चूत में ही निकाल दिया और फिर थोड़ी देर लेटे रहने के बाद उसने उठकर वो खून से सनी हुई चादर पानी में भिगो दी, क्योंकि कपड़े वही धोती थी इसलिए किसी को कुछ पता नहीं चला।

दो दिन वहाँ रहने के बाद मैं अपने घर आ गया।

तो दोस्तो.. कैसी लगी मेरी यह सच्ची सेक्स कहानी.. ईमेल ज़रूर करके बताएं!

उसके बाद बाद हमारे बीच क्या हुआ, वो अगली कहानी में लिखूँगा।
धन्यवाद।
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