कमसिन चचेरी बहन की चुदाई-3

(Desi Hot Sex : Kamsin Chacheri Behan Ki Chudai- Part 3)

कोमल विजय 2017-11-29 Comments

This story is part of a series:

दोस्तो आपने मेरी देसी हॉट सेक्स स्टोरी में अब तक पढ़ा कि मेरी चचेरी बहन मेरे साथ बिस्तर में थी और मैं उसकी गांड के छेद को चाट रहा था जबकि वो मेरे लंड को चूसने में नखरे कर रही थी.
अब आगे..

मैं- अगर तूने मेरा लंड नहीं चूसा तो ये उंगली तेरी गांड में डालूँगा.

वो तड़पने लगी.. मैंने अपनी उंगली थोड़ी सी उसकी गांड में घुसाई.. बिल्कुल टाइट गांड थी.. बड़ी मुश्किल से मेरी उंगली एक सेंटीमीटर अन्दर गई होगी.
अनुराधा- आअहह.. नहींईई.. आआहाआह.. भाई.. दर्द हो रहा है.
मैं- और घुसाऊं?
अनुराधा- नहीं.. रुक जाओ.. आआहा.. आहा..

ऐसा करते वक़्त अचानक मुझे मेरी गर्दन पर कुछ गीला-गीला सा महसूस हुआ. मैंने हाथ लगा कर देखा तो चिपचिपा सा महसूस हुआ. मैं समझ गया.. उसकी चुत पूरी तरह भीग गई थी और ड्रिप कर रही थी.

मेरी बहन की चुत से उसका जूस टपक रहा था. मैंने उस रस को चूस लिया. अब वो मछली सी तड़प रही थी. मेरी उंगली अब भी उसकी गांड में ही थी.

अनुराधा- भैया.. आह.. बाहर निकालो उसको.. प्लीज़.. आआहह.. उम्म्म..
मैं- एक ही शर्त पे.. लंड को चूस.. अभी..
अनुराधा- ठीक है.. चूसती हूँ.

उसने अपने हाथों से मेरे लंड को पकड़ा, उसके गोरे हाथ मेरे ब्लैक लंड पर सेक्सी लग रहे थे. मैंने उंगली को थोड़ा उसकी गांड में हिलाया. अब वो समझ गई और धीरे-धीरे लंड हिलाने लगी.

मैं- मैंने तुझे चूसने को कहा..
अनुराधा- मुझे नहीं आता चूसना.!
मैं- तूने कभी लॉलीपॉप खाई है?
अनुराधा- हाँ..
मैं- तो उसे जैसा चूसती, वैसा चूस..
अनुराधा- वो खाने के लिए उसे पूरा मुँह में डालना पड़ता है.
मैं- वही करना है तुझे, ऐसा चूस जैसे लॉलीपॉप हो.

उसने मेरे लंड को देखा.. लंबा.. ब्लैक और मेरा लंड चमक रहा था.. उसने आगे बढ़ कर अपनी जीभ निकाली और लंड को चाटना स्टार्ट किया. कुछ पल उसने मुँह बनाया और फिर लंड को जीभ से चाटना शुरू किया तो काफी देर तक तक चाटती रही. उसकी जीभ मेरे लंड पर बराबर चल रही थी और मेरी उंगली उसकी गांड में काम में लगी थी.
मैं- मुँह में ले..
अनुराधा- नहीं.. उम्म्म्मह..

अब मेरा सब्र टूट गया. मैंने अपनी उंगली पूरी उसकी गांड में घुसा दी..
अनुराधा- आआहाहह.. नहींईई.. भैयाअ.. आआआ.. निकाल लो उसको..
मैं- साली जब से लंड को चूसने को कह रहा था तो नाटक कर रही है.
वो मेरे जिस्म से अलग होने के लिए तड़फ रही थी. मैंने उसको दबाया था तो उठ नहीं पा रही थी. वो जितना हिल रही थी मेरी उंगली उतनी ही उसकी गांड में जा रही थी.
अनुराधा- एयेए.. भैयाअ.. प्लीज़.. निकालो उसको.. आअहम्महाहहाः..
मैं- शांत हो जा.. तू जितना हिलेगी, उतनी ही ये अन्दर घुसेगी. शांत हो जा.
अनुराधा- आअहह.. नहींईई.. ठीक है..
वो शांत होने लगी..

मैं- मुँह खोल.. और जैसा कहता हूँ वैसा कर.
उसने अपना मुँह खोला.
मैं- लंड को पकड़ और अपने होंठों से किस कर.
उसके वो सॉफ्ट लाल होंठ मेरे लंड पे टिके और मेरा प्रीकम निकल गया.
अनुराधा- ये क्या है?
मैं- दूध है.. चूस उसे..

और याद दिलाने के लिए मैंने अपनी उंगली उसके गांड में थोड़ी सी मूव की. उसने अपनी जीभ मेरे लंड पे रखी और चाटने लगी.

मैं- आईसीई.. अया.. अब मुँह खोल और इससे अन्दर ले. चूस लंड को जैसे लॉलीपॉप चूसती है.. अपने टीथ दूर रखना.. अगर मेरे लंड को तेरे दांत ने छुआ भी तो और एक उंगली तेरी गांड में डालूँगा.. समझी!
अनुराधा- आहह.. उहम्म्म्म..
मैंने उसके गांड पे थप्पड़ मारा- समझी??
अनुराधा- आआअहह.. हाँ समझी भैया.. मारो मत प्लीज़.. मैं बहन हूँ तुम्हारी..
मैं- जानता हूँ.. और इसी वजह से मैं तुझे हमेशा प्यार करूँगा अगर तू मेरा कहा मानेगी तो.. मानेगी ना?
अनुराधा- हाँ भैया मानूंगी.. तुम जो कहोगे मानूँगी.

मैंने उसकी गांड में से उंगली निकाल ली.. वो मेरा लंड चूसने लगी और मैं उसकी गांड मसलने लगा.

मैं- अनुराधा, इस लंड को तू हमेशा प्यार करना.. क्योंकि ये तेरे भाई का है.. तू इससे प्यार कर और मैं तुझे प्यार करूँगा.
अनुराधा- हाँ भैया.. मैं इसे हमेशा चूसूंगी.
मैं- कैसा लग रहा है लंड?
अनुराधा- बड़ा है बहुत..
मैं- इसकी आदत डाल ले अनुराधा.. अब ये लंड कभी ना कभी तेरे गांड और चुत में जाएगा और तू इससे बहुत प्यार करेगी.
अनुराधा- नहीं भैया..
मैं- मैंने कहा ना तू सिर्फ़ मेरा कहा मानेगी.
अनुराधा- भैया.. वहां उंगली से ही दुख़ता है.
मैं- कहाँ?
अनुराधा- गांड में.
मैं- जैसा मैं कहता हूँ वैसा करेगी तो तुझे दर्द नहीं दूँगा.. तू खूद मेरा लंड माँगने लगेगी.. ठीक है!
अनुराधा- ओके भैया..
और अब वो लंड छूने लगी.

मैं- अब मुझे अपनी चुत दिखा जरा..
उसने अपने पैरों फैला दिए.
मैं- तेरी चुत बहुत सुंदर है अनुराधा! अब मैं इसे चूसूं?
अनुराधा- हाँ भैया..

मैंने अपने हाथों से उसके पैरों को और फैलाया और अपनी जीभ निकाल कर उसकी चुत के होंठों को धीरे-धीरे किस करने लगा. जीभ को मैं धीरे-धीरे ऊपर-नीचे करने लगा और अपने हाथों से उसकी गांड मसलने लगा. अब मेरा लंड उसके मुँह में था, उसका गीला गरम मुँह मेरे लंड को चूस रहा था.
मैं- अया.. ऐसे ही.. अपनी जीभ से खेल उससे.. चूस.. मुँह में ले.. अन्दर.. आह..
अनुराधा- उंह.ह..

मैं उसके चुत के होंठों को किस करने लगा. किस करते हुए मैंने उसकी चुत के होंठों स्प्रेड किया और अपनी जीभ को धीरे-धीरे घुमाने लगा.
मैं- कैसा लग रहा है?
अनुराधा- आहह.. बहुत अच्छा.. आअहमम्म्म.. उमुमूंम्म्म..
वो अब धीरे से अपनी गांड ऊपर-नीचे करने लगी. मैं उसकी चुत को चूसने लगा. उसकी चुत से बहुत ज़्यादा जूस बह रहा था. टेस्ट में सॉल्टी और मस्की स्मेल आ रही थी.. थोड़ी-थोड़ी फिश जैसी. मगर मेरे दिमाग़ पे हवस चढ़ी थी और अब उसके भी.

हम दोनों भाई-बहन एक-दूसरे को चूसने लगे. रूम में आह.. उऊहह.. की आवाजें आने लगीं.. और अचानक अनुराधा चीख पड़ी- आआहह.. भैयाअ..छोड़ो मुझे.. सूसू आ रही..छोड़ो..
मैं- ये मूत नहीं है.. तू झड़ रही है.
अनुराधा- जाने दो मुझेए प्लीज़. आआहहह.. आआहा आहा तेजी से आ रहा है.. अह..

वो अपनी गांड को जोर-जोर से हिलाने लगी और मेरा लंड और जोर से चूसने लगी. मुझे अपने बॉल्स में प्रेशर महसूस हुआ.. मैं समझ गया कि हम दोनों झड़ रहे हैं. मैंने उसे बिस्तर पर से उठाया और बाथरूम में ले गया. मैंने सोचा कि अति उत्तेजना में कहीं इसने सच में मूत दिया तो गड़बड़ हो जाएगी.

अब हम दोनों बाथरूम में थे.. वो मेरे सामने थी. अब जैसा कि उसकी हाइट मुझसे कम थी तो मेरा लंड उसके निप्पल तक आ रहा था. मैंने उससे फिर लंड चूसने को कहा- लंड चूस..
अनुराधा- हाँ.. पर मेरी चुत का क्या??
मैं खुश हो गया.. मेरी मेहनत रंग ले आई थी.. अब तो ये मस्त हो गई थी- हाँ चुत को भी खुश करता हूँ.. और मैं सारी ज़िंदगी तुझे चोदूँगा अब.. चुदेगी ना मुझसे?
अनुराधा- हाँ भैया.. तुम जो कहोगे मैं करूँगी.
मैं- तो बोल कि मेरी चुत चाटो.
अनुराधा- मेरी चुत चाटो भैया प्लीज़..

मैं उसे बांहों से उठाया और खुद दीवार से सट गया. मैंने उसे खड़े-खड़े ही 69 में कर दिया. वो फूल सी हल्की थी. अब वो बहुत ही अच्छे से मेरा लंड चूसने लगी और मैं उसकी चुत चाट रहा था. ज़्यादा से ज़्यादा हम 3-4 मिनट तक कंट्रोल कर पाए.. और फिर मेरे लंड ने उसके मुँह में पिचकारी छोड़ दी. मैं जानता था कि वो मुँह निकाल लेगी, तो मैंने पहले ही उसका मुँह अपने लंड पर दबाकर रखा था. मैंने पूरा माल उसके मुँह में छोड़ दिया और उसकी चुत से जूस पीता रहा. वो जोर-जोर से आहआहा.. करती रही. मगर मैं उसकी चुत को चूसता ही रहा. वो भी मुझे चूसती रही. उस वजह से मेरा पेशाब छूट गया और उसकी चुत ने भी मूत दिया.

कुछ वक़्त पहले उसने मेरा कम पिया था तो उसे लगा कि यह भी वो ही है, तो उसने खुद ही मुँह नहीं हटाया मेरा और ना मैंने मुँह हटाया. हम दोनों का मूत निकल गया. उसकी चुत ने मेरे मुँह पर पेशाब कर दी. मुझसे जितना हुआ मैंने पिया और बाकी बहने दिया.. मगर आश्चर्य था कि उसने मेरा पूरा मूत मुँह में ले लिया और जब तक मैंने जबरदस्ती नहीं किया.. लंड मुँह में ही लिए रही.

मैं- अरे इतना प्यारा लगा मेरा लंड.. निकाल अब..
अनुराधा- अया.. हाँ.. तुम्हारा लंड बहुत अच्छा है.
मैं- अगर पसंद आ गया तो इसका हमेशा ख्याल रखेगी ना.. जहाँ मैं इसे डालूँ.. ले लेगी?
अनुराधा- हाँ भैया.. मैं हमेशा ख्याल करूँगी.. और तुम भी मेरी चुत चूसना.. मुझे बहुत अच्छा लगा भैया.
मैं- सिर्फ़ मैं चूसूंगा ही नहीं.. चुत को चोदूँगा भी.. मगर फिर कभी.. जब तुझे खूब मजा आने लगेगा.

अनुराधा ने मेरी गोटियों को हाथ में लिया और कहा- इन्हें क्या कहते हैं?
मैं- इन्हें बाल्स या आँड कहते हैं.. खेल उनसे मगर धीरे से..
वो मेरे बाल्स से खेलने लगी.
अनुराधा- सॉफ्ट बहुत हैं.
मैं- हम्म.. अब ये तेरे हैं.. जब चाहे तू मेरे लंड से खेल सकती है.. मगर ये सिर्फ़ हमारा सीक्रेट होना चाहिए. किसी को मत बताना.. अपनी रंडी माँ को भी नहीं.

मैं- मैं थक गया हूँ.. चल नहा लेते हैं.
फिर हम दोनों ने बाथ लिया, उस दौरान फिर एक बार ओरल सेक्स किया. अनुराधा अब बहुत ज़्यादा एग्ज़ाइट होने लगी.. जैसा कहता वैसा बेहिचक करती थी. फिर हम नंगे ही टीवी देखने लगे. उस दिन वो मेरे साथ सिर्फ़ 3 घंटे रही थी मगर उस दौरान 4 बार हम दोनों ने ओरल सेक्स किया. मुझे याद है वो नीचे बैठ जाती थी और मेरे लंड को लॉलीपॉप जैसा चूसने लगती थी.

दोस्तो, मेरी इस देसी हॉट सेक्स स्टोरी पर आप अपने विचार भेज सकते हैं.
कहानी जारी रहेगी.
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top