मेरी चालू दीदी का मचलता हुस्न-2

(Meri Chalu Didi Ka Machalta Husn- Part 2)

हुज़ैफ़ा 2020-01-12 Comments

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मेरी चालू बहन की अब तक की सेक्स कहानी में आपने जाना था कि मेरी दीदी भैया के पास चुदने के लिए चली गई थी.

अब आगे:

ऋतु दीदी ने भैया की बनियान निकाल दी. वो भैया के पूरे बदन पर किस कर रही थी. ये देख कर मेरा लंड भी खड़ा होने लगा था. ऐसी बहन भाई की चुदाई की ब्लू फिल्म मैं पहली बार लाइव देख रहा था. मैंने भी सेक्स किया है, पर चुदाई को लाइव देखने का मजा एक अलग बात है.

दीदी पूरे शवाब में थी. अब भैया ने उसकी नाइटी उतार दी. ऋतु दीदी की उजले रंग की ब्रा और ब्लू कलर की पैंटी मुझे साफ दिख रही थी. ये इतना कामुक सीन था … आह क्या बताऊं.

मुझे लगा कि या तो मैं मर जाऊं … या दीदी के जिस्म का भोग मैं भी लगा लूं.

मेरे सामने दीदी की मोटी जांघें बड़ी मादक दिख रही थीं … ऊपर से दीदी हद से ज्यादा गोरी भी थी … बाप रे बाप मैंने पहले ऐसा नहीं देखा था. पैंटी में उसकी गांड तो मस्त शेप ले रही थी. वही हाल ऊपर मम्मों का था. ब्रा में से झांकते दीदी के आधे नंगे चूचे, भारी भारी, गोल गोल ऐसे दिख रहे थे, जैसे 2 कबूतरों को पिंजरे में क़ैद करके रखा गया हो.

आह इतना दूधिया बदन कि क्या बताऊं यार. मुझे तो दीदी को पूरी नंगी देखने से अच्छी वो ऐसे में ही लग रही थी.

एकदम संगमरमर की तरह तराशा हुआ बदन था ऋतु दीदी का … सच में मैं लिख ही नहीं पा रहा हूँ कि दीदी कितनी हॉट दिख रही थी.

उस वक्त मुझे अपने उसी दोस्त की बात याद आ रही थी कि भूमिहार की लड़की का जैसा बदन और हॉट माल कोई रंडी भी नहीं होती है. आज मुझे उसकी बातें सच लग रही थीं.

पूरे 5 फुट 7 इंच की लड़की … कोई 65 किलो वजन वाली आधी नंगी किसी के सामने आ जाए, तो आदमी की तो जान निकल जाएगी ना. लड़की का लंबी होना और भारी होना ही उसकी सेक्सी इमेज को बढ़ा देती है. उस पर वो भी गोरी हो. बड़े बड़े चूचे हों … तो कहना ही क्या है.

आज वही सब … मेरे सामने था. मेरी दीदी ऋतु मेरी सेक्सी बहन काम की देवी लग रही थी.

भैया ने अब दीदी की गांड को दबाना शुरू कर दिया था. वे दोनों हाथों से ज़ोर ज़ोर से दीदी की गांड को मसल रहे थे.
दीदी अभी भी किस करने में मस्त थी. तभी भैया ने दीदी की गांड पर एक ज़ोर का थप्पड़ दे मारा.

दीदी ने सर उठा कर ‘सीईईई सीईइ..’ करके ऊपर की तरफ सांस ली … अगले ही पल वो फिर से चूमने में मस्त हो गयी.

भैया ने अब ब्रा के ऊपर से ही दीदी के मम्मों को दबाने चालू कर दिए थे.

कुछ देर ये ही चलता रहा. फिर जाकर दीदी ने अपनी ब्रा को आज़ाद कर दिया … ब्रा के खुलते ही मैंने जो देखा … आह क्या बताऊं यार … ब्रा में तो वैसे ही मम्मों का इलाका बहुत बड़ा लग रहा था. ब्रा खुलते ही जैसे लगा कि मम्मों का आकार डबल हो गया हो.

भगवान कसम यार … एकदम से दुगना साइज़ देख कर मुझे समझ ही नहीं आया कि मम्मे इतने बड़े कैसे हो गए. दीदी ने अपने मम्मों को ब्रा से कितना दबा कर रखा था. उसके मम्मे एकदम दूध से गोरे थे. उन पर सिक्के के आकार का एरोला था. उन पर गहरे कॉफ़ी कलर के कड़क निप्पल थे, जिन्हें भैया ने मुँह में लेकर चूसना चालू कर दिया था.

दीदी ‘सीईइ सीईइ..’ की आवाज़ निकाल रही थी. फिर दीदी ने एक जबरदस्त अंगड़ाई ली और उसके दोनों दूध हवा में लहराने लगे.

ये देख कर भैया उसे अपने नीचे करके खुद ऊपर चढ़ गए और उसकी दोनों चुचियों को बारी बारी से पीना चालू कर दिया. भैया एक मम्मे को दबा रहे थे और दूसरी चूची को पी रहे थे.

मेरे भैया कितने लकी थे … यार ऐसी माल तो फ़िल्म की हीरोइन भी नहीं होती है, जैसी मेरी दीदी थी. आपको झूठ लग रहा होगा, पर मैं एकदम सच कह रहा हूँ. दीदी एकदम तब्बू जैसी माल थी या आप साउथ की असिन या अनुष्का शेट्टी समझ लीजिए. दीदी लंबी और भारी बदन की मालकिन थी.

अब भैया ने जीभ से दीदी की एक चुची को चाटना चालू कर दिया.

दीदी बोली- अमन मेरे भाई … मेरे पति … मेरे देवता … जल्दी से कुछ करो यार … मुझे रहा नहीं जाता है.

भैया भी दीदी के बदन को चाटते हुए नीचे आ गए. भैया ने दीदी की पैंटी हटा दी … या यू कहें कि फाड़ दी. वे पूरे जोश में जो थे.

भैया ने दीदी की चड्डी को हटा कर बहन की चूत में अपनी जीभ डाल दी. भैया दीदी की चुत चाटने लगे. मुझे दीदी की चूत तो नहीं दिख रही थी, पर इतना कह सकता हूँ कि दीदी की चुत पर काफ़ी बाल थे. भैया कभी दीदी की चुत में उंगली करने लगते थे, कभी उसमें जीभ डाल कर चाटने लगते थे.

दीदी बिस्तर पर पड़ी बिन पानी के मछली की तरह तड़फ रही थी, हाथ पीछे ले जा कर कसमसा रही थी. वो बेड की चादर को खींच रही थी. उसका सारा शरीर टेड़ा हो गया था. दीदी की गर्दन तरफ का हिस्सा ही बिस्तर पर था बाकी उसकी गांड और टांगें पूरी हवा में उठी हुई थीं … शायद दीदी काफ़ी गर्म हो गयी थी.

दोस्तो, मैं भी अब तक काफ़ी गर्म हो चुका था. दीदी का बहकता हुस्न मुझे बगावत करने पर आमादा कर दे रहा था. अब तो मुझे मेरी दीदी चोदने लायक माल लगने लगी थी. मैं भी उसे चोदने की सोच रहा था.

फिर दीदी ने भैया का अंडरवियर हटा दिया. मैं देखने लगा कि एक मस्त सा लंड मेरी आंखों के सामने लहरा रहा था.

भैया के लंड के आगे की स्किन काफ़ी पीछे जा चुकी थी. उनका लाल सुपारा एकदम हिल रहा था. मैं लंड देखते ही समझ गया कि भैया ने काफ़ी सेक्स किया है. वे चुत चोदने में माहिर खिलाड़ी हैं … वरना उनके लंड की फोरस्किन इतनी पीछे कैसे हो गई थी.

दीदी ने झट से लंड को चूसना चालू कर दिया. भैया बेड पर ऊपर की तरफ मुँह करके खड़े थे. दीदी बैठ कर उनका लंड चूस रही थी. कोई 5 मिनट तक दीदी लंड चूसती रही. भैया अपना पैर फैला कर बेड पर खड़े थे.

फिर भैया बोले- ऋतु अब आ जाओ … पहले एक बार खल्लास हो जाते हैं, फिर आगे का करेंगे.

दीदी बोली- नहीं 2 मिनट और रूको ना प्लीज़.
भैया बोले- मैं झड़ जाऊंगा यार.

थोड़ी देर के बाद दीदी बेड पर लंड छोड़ कर लेट गयी. दीदी की चुचियां एकदम से तन गई थी. वो हॉट जो हो गयी थी. वो कहते है न कि लड़की जब गर्म हो जाती है, तो उसके निप्पल खड़े हो जाते हैं. ये में अपनी दीदी का हाल अपनी आंखों के सामने देख सकता था कि कैसे उनकी चुचियां सख्त हो गई थीं और निप्पल तन गए थे.

भैया उनके ऊपर आ गए और आराम से अपना लंड दीदी की चुत में घुसाने की पोजीशन में थे. दीदी को ज़्यादा दर्द नहीं हुआ … ना भैया को दीदी की चुत में लंड घुसाने में ज़्यादा दिक्कत हुई. दीदी काफ़ी चुदी हुई थी, ये तो साबित हो ही गया था.

मैंने मान लिया था कि सच यार भूमिहार की लड़की, घर में ही चुदती है. वो काफ़ी सेक्सी होती है और … सेक्स भी उनमें काफ़ी होता है.

भैया अब धीमे धीमे धक्के देने लगे थे. भैया का लंड दीदी की चूत में पूरा चला गया था. मुझे बस दोनों की काली काली ही झांटें ही दिख रही थीं, जो आपस में उलझी हुई थीं.

नीचे से दीदी की कामुक सीत्कारें पूरे कमरे में गूंज रही थीं. भैया की तेज सांसों की आवाज़ भी मुझे सुनाई पड़ रही थी.
दीदी की ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… हह … ज़ोर से चोदो ना..’ आवाजें मुझे काफ़ी मज़ा दे रही थीं.

मुझे ऐसा लग रहा था कि दीदी भैया के लंड को काफ़ी एंजाय कर रही थी. करती भी कैसे नहीं … भैया का साढ़े छह इंच का मोटा लंड था. एक जवान मर्द काफ़ी देर से दीदी को मसल रहा था और क्या चाहिए किसी लड़की को.

दस मिनट तक लंड से धक्के देने के बाद अचानक भैया की गति तेज हो गयी. भैया अब ज़ोर ज़ोर से लंड पेलने लगे थे दीदी की बुर में भैया का लंड ताबड़तोड़ अन्दर बाहर होता हुआ दिख रहा था. दीदी गांड उठा उठा कर लंड के हर अटैक का जबाब दे रही थी.

तभी दीदी ने भैया की पीठ को ज़ोर से नाख़ून से जकड़ लिया. भैया बस दनादन शॉट मार रहे थे. मेरे भाई भी चुदाई में काफ़ी तगड़े हैं, ये तो आज दीदी की चुत चुदाई से साबित हो रहा था.

ऐसे ही कुछ देर तक भैया अपना लंड दीदी की बुर मे पेलने के बाद झड़ने लगे. जैसे ही भैया के लंड ने लावा उगला, वो कांपते हुए वीर्य की पिचकारियां छोड़ने लगे.
कोई एक मिनट में भैया शांत हो गए. उनका पूरा माल दीदी की चुत में निकल गया था … और दीदी का भी रस निकल गया था.

दीदी का तो दो बार पहले भी निकल गया था. एक बार जब भैया उसकी चुत चाट रहे थे और दूसरी बार जब उसने भैया की पीठ में नाखून गड़ाए थे.

दोस्तो, अब तक मेरा लंड भी पानी छोड़ चुका था. मैं भी पैन्ट में ही झड़ गया था.

कुछ देर वे दोनों ऐसे ही पड़े रहे, इसके बाद भैया, दीदी की बुर से अपना लंड निकाल कर साइड में लेट गए.
दीदी उठी और उसने तौलिया से अपनी चूत को साफ किया. इसके बाद वो भैया का लंड पौंछने लगी.

भैया बोले- रहने दे ना ऋतु, अभी तेरी गांड मारनी है ना.
दीदी बोली- भैया आज पीछे रहने दो ना. शिवम ने भी शाम को गांड मारी थी. अभी तक दर्द हो रहा है.

भैया बोले- पर एक बार और तो बनता है न यार … ऐसा कर थोड़ा सा ऊपर से करने दे. मैं 5 मिनट में तेरी गांड चाट लेता हूँ. उसे दबा लेता हूँ … थोड़ी देर उसमें लंड घुसाऊंगा … फिर निकाल कर हाथ से ही माल गिरा दूँगा … बोल क्या बोलती है!
दीदी बोली- जो आपकी मर्ज़ी … मैं तो आपकी रखैल हूँ जान … तो मैं क्या बोल सकती हूँ.
भैया बोले- ऐसा ना बोल … तू तो मेरी जान है. चल आ जा ज़रा मुँह में लंड लेकर इसे खड़ा कर ना!

दीदी फिर से भैया का लंड चूसने लगी. जब लंड खड़ा हो गया, तो भैया ने दीदी को पीछे की तरफ मुँह करके लेटा दिया और उसकी गांड चाटने लगे. दीदी गांड ऊपर करके लेट गयी थी. उसकी बड़ी सी फांक वाली गांड थी यार … मैंने आज तक ऐसी गांड नहीं देखी थी.

भैया का लंड अब पूरी तरह से कड़क हो गया था. उसने दीदी को डॉगी स्टाइल में खड़ा करके उसकी गांड में लंड सटा दिया. फिर हाथ से लंड पकड़ कर दीदी की गांड में जैसे जैसे लंड अन्दर जा रहा था, उसकी गांड की दरार से भैया खेल रहे थे.

तभी दीदी बोली- आंह … अमन डाल दो … अब मैं सारे दर्द झेल लूँगी.

भैया के चेहरे पर मुस्कान आ गई. शायद वो दीदी को गरम करने के लिए उसके गांड के छेद में लंड को बार बार सटा रहे थे और हटा रहे थे … इससे दीदी की गांड लंड के लिए मचल उठी थी.

मैं आपको अपनी सेक्सी चुदक्कड़ बहन की सेक्स कहानी को पूरे विस्तार से लिख कर बताऊंगा. आप अपने विचार मुझे मेल करें और कमेन्ट भी करें. आपके मेल का इन्तजार रहेगा.
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कहानी जारी है.

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