लंड चुत गांड चुदाई का रसिया परिवार- 9

(Bhai Bahan Mouth Sex Kahani)

This story is part of a series:

माउथ सेक्स कहानी में पढ़ें कि कैसे एक बहन के अपने बड़े भाई के सामने सड़क किनारे पेशाब करते हुए अपनी चूत दिखाई. वो अपने भाई से अपनी सील तुड़वाना चाहती थी.

हैलो फ्रेंड्स, मैं सोनिया कमल एक बार फिर अपनी सेक्स कहानी में आप सभी का स्वागत करती हूँ.

इस देसी सेक्स कहानी के पिछले भाग
बहन ने भाई को मुठ मारते देखाhttps://www.antarvasna3.com/bhai-bahan/xxx-brother-and-sister-story/
में अब तक आपने पढ़ा था कि नेहा की ममेरी बहन ममता अपने भाई अभय से चुदने की घटना बता रही है. वो भाई को पटाने के चक्कर में उसके साथ शहर जा रही थी.

अब आगे माउथ सेक्स कहानी:

रास्ते में …

ममता- क्या बात है आप भैया चुप चुप क्यों हो? अभी भी उसी बात को सोच रहे हो क्या … भूल जाओ न उस बात को. अब हम फ्रेंड्स हैं.

ये कह कर ममता ने अपना हाथ आगे बढ़ा दिया.

अभय- ओके … पर क्या तुम जानती हो एक भाई बहन कभी दोस्त नहीं होते?
ममता- अगर हम बन जाएं तो?

अभय- ठीक है. चल अब बोल शहर में क्या खरीदने जा रही है?
ममता- कुछ सीक्रेट.

अभय- मतलब?
ममता- उंहूं भैया … समझा करो मुझे कुछ अंडरगारमेंट्स लेने हैं.

अभय- किसके लिए, अपने लिए?
ममता- हां … और मां के लिए भी.

इतना सुनते ही अभय का लंड उसकी पैंट में खड़ा हो गया और तम्बू बन गया, जिसे ममता ने देख लिया और मुस्कुराने लगी.

अभय- क्या हुआ मुस्कुरा क्यों रही हो बहना?
अब वो भी थोड़ा खुलने लगा था.

ममता- कुछ नहीं यार, बस ऐसे ही कुछ देख कर मन मुस्कुरा उठा.

अभय ने भी समझ लिया कि ममता ने उसका लंड खड़े होते देख लिया है.

उसके बाद दोनों शहर आ पहुंचे, जहां अभय को फसलों के लिए कुछ कीटनाशक दवाइयां लेनी थीं, उसने वो लीं.
फिर वो दोनों एक मॉल में आ गए. जहां ममता ने अपने लिए कुछ सलवार सूट लिए और अभय ने भी अपने लिए जींस टी-शर्ट खरीद लिए.

अब ममता बोली- भैया मुझे अंडरगारमेंट्स लेना है.
अभय बोला- हां चलो.

वो दोनों लेडीज सेक्शन में चले गए. जहां एक सेल्स गर्ल मिली.

सेल्सगर्ल- मैं आई हेल्प यू मेम?
नेहा- यस कुछ लेटेस्ट डिजाइन के ब्रा पैंटी सेट्स दिखाओ.

सेल्सगर्ल- साईज?

उसने नेहा की चूचियों की तरफ ध्यान से देखा.

नेहा- पहले 32 नम्बर के और बाद में 38 साइज़ के भी.

नेहा ने इतना बोल कर तिरछी नजर से अभय की तरफ देखा, जो अपना लंड पैंट एडजस्ट करते हुए दिखा.

सेल्स गर्ल ने कुछ सैट 32″ के ममता को दिखाए. ममता ने अभय की तरफ देखा, जैसे पूछ रही हो कि कौन सा सैट लूं.

अभय ने 3 सैट की तरफ इशारा किया, जिनमें से रेड, ब्लैक और बादामी रंग के थे और उन तीनों ब्रा-पैंटी में आधे में नेट लगा हुआ था. ममता ने अभय के बताये हुए तीनों सैट पैक करवा लिए.

अभय सोचने लगा कि ममता इसे पहनेगी, तो कैसी लगेगी.
काश ये ब्रा पैंटी में एक बार देखने को मिल जाए, तो मजा आ जाए.

ये सोच कर उसका लंड पैंट में खड़ा तो पहले से ही था … अब तो दर्द करने लगा.

सेल्सगर्ल ने एक तरफ इशारा करके ममता से कहा- ट्रायल रूम उधर है. आप ट्राई कर सकती हैं.

ममता- नो थेंक्स, अब कुछ सैट 38″ के और दिखा दीजिए … बट सिम्पल.

अभय ने धीरे से पूछा- ये किसके लिए?
ममता भी धीरे से बोली- भूल गए क्या … मां के लिए भी लेना है.
अभय- ओह हां, मैं तो भूल गया.

तो अभय को आज ही पता चला कि उसकी मां की चूचियों का साईज 38″ है और बहन का 32″ है.

ममता ने धीमी आवाज में अभय से कहा- कौन सा सैट लूं … समझ में नहीं आ रहा. भैया मां के लिए भी आप ही पसंद कर लो ना!

अभय ने 2 सैट पसंद किए एक ब्लैक और एक रेड. फिर उसने धीरे से कहा- ये दोनों कैसे रहेंगे?

ममता ने मुस्कुराती हुई सेल्सगर्ल से कहा- ये सभी पैक कर दो और बिल बता दो प्लीज.

फिर अभय ने बिल पे किया. इसके बाद दोनों अच्छे से रेस्टोरेंट में गए, वहां अच्छा सा लंच करके वापस घर की तरफ चल पड़े.

रास्ते में ममता बोली- क्या सोच रहे हो भैया?
अभय- क..कुछ नहीं बस ऐसे ही.

ममता- बोल भी दो यार … अब तो हम फ्रेंड बन गए हैं … और हां इसको थोड़ा आराम दे दो.
उसके लंड की तरफ इशारा करके ममता ने कहा- बेचारे का दम घुटने लगा होगा.
ये कह कर ममता बेशर्मी से हंस दी. ममता ने सोच लिया था कि उसे ही पहल करना पड़ेगी.

अभय ममता की बात सुनकर हड़बड़ा गया.

फिर अभय ने एक जगह गाड़ी रोक दी ओर ममता की तरफ अपनी छोटी उंगली दिखा कर कहा- मैं अभी आया.

वो जल्दी से गाड़ी से उतर कर झाड़ियों के पीछे मूतने चला गया. मूतने के बाद उसने राहत की सांस ली और वापस आकर अपनी जगह बैठ गया.

ममता- भैया मुझे भी जाना है … मैं भी होकर आती हूँ.

इतना बोल कर वो भी उसी झाड़ी के पीछे चली गई और वहां से एक बार पलट कर देखा कि भैया देख रहे हैं कि नहीं.
उसे देख कर उसको ताज्जुब हुआ कि उसका भाई उसको ही देख रहा था.

उसने सोचा कि चलो आज अपने भैया को थोड़ा जन्नत के दर्शन करवा दूं. पता नहीं भैया ने अभी तक किसी की चूत रियल में देखी भी है कि नहीं. इसलिये उसने जानबूझ कर अपनी कुर्ती कमर तक ऊपर चढ़ा ली और सलवार नीचे की ओर अपनी पूरी गांड दिखाती हुई बैठ कर मूतने लगी.

सर्रररर की आवाज के साथ मूतने के बाद ऐसे ही झुकी खड़ी रही, जिससे पीछे से ममता की पूरी चूत और गांड का गुलाबी छेद अभय को दिखने लगा.

अभय की तो ऊपर की सांस ऊपर ही रह गई. ममता की बिना बालों वाली चिकनी चूत देख कर उसका लंड फनफनाने लगा था.

आज तक उसने अपने यहां काम करने वाली मजदूर औरतों की हर तरह की चूतें चोदी थीं … पर ज्यादातर सभी ढीले और फटे भोसड़े थे. कुंवारी और बिना चुदी चूत आज वो पहली बार देख रहा था, वो भी अपनी ही सगी छोटी बहन की.

उसका लंड जो अभी थोड़ी देर पहले मूतने से बैठा था … अब अपनी ही बहन की चूत देख कर एक बार फिर से खड़ा हो गया.
वो सोचने लगा कि कुछ भी हो जाए … इसको तो एक बार जरूर चोदना चाहिए.

एक मिनट बाद ममता मुस्कुराती हुई कार में वापस आकर बैठ गई.

अभय अपनी बहन की चूत में इतना खो गया था कि कब ममता उसके बगल में आकर बैठ गई, अभय को पता ही नहीं चला.

ममता- क्या सोचने लगे भैया … घर नहीं चलना क्या … देर हो रही है.
अभय बेचारा इतना शर्मा गया था कि उसने नीची नजरें करके गाड़ी को आगे बढ़ा दी.

ममता- कैसी लगी?
ममता ने मजे लेने के मूड से कहा.

अभय ने घबराते हुए कहा- क..क्या!
ममता- मेरी ओर मां की ब्रा पैंटी.

अभय ने भी मन में सोचा कि अब इससे खुल कर बात कर ही लेना चाहिए.
अभय बोला- वो तो जब पहनोगी, तब पता चलेगा.

ममता- तो अपनी ही छोटी बहन को ब्रा पैंटी में देखने की इच्छा है आपको?
अभय मुस्कुराते हुए बोला- तुम्हीं ने तो पूछा.

ममता भी अब पूरी तरह खुल गई- भैया आपसे एक बात पूछूं … आप मास्टरबेट रोज करते हो?
अभय- नहीं कभी कभी जब …
उसके मुँह से अचानक निकल गया.

ममता- क्या जब?
अभय- जाने दो ना यार, कुछ बातें परदे में रहें … तो ही अच्छा है.

ममता- इसका मतलब आपने अभी भी दिल से मुझे अपना दोस्त नहीं माना?
ममता ने मुँह बना कर कहा, तो अभय बोला- कुछ बातें ऐसी होती हैं कि चाहते हुए भी अपनी बहन से नहीं कर सकता हूँ.

ममता- हूँउंउं … इसका मतलब आप अपनी बहन को ब्रा-पैंटी में देखना चाहते हो पर … कह नहीं सकते हो.
अभय- वो क्या है न … मैं अक्सर अपने खेत की मजदूरी करने वाली औरतों के साथ वो सब करता रहता हूँ … और जिस दिन कोई नहीं मिलती, तो अपने हाथों से काम चलाना पड़ता है.

ममता- इसका मतलब आप बहुत सी औरतों के साथ कर चुके हो?
अभय- सही पकड़ी हो.
वो भाभीजी इस्टाइल में मुस्कुराते हुए बोला.

ममता- अभी कहां पकड़ा है, पकड़ना तो बाकी है. वैसे भैया आप तो बड़े छुपे रुस्तम निकले. मैं तो आपको सीधा समझती थी. पर आप तो पक्के वो निकले. खैर … जाने दो, यही उम्र तो ऐश करने की है. आपने तो बहुतों की देख रखी और सिर्फ देखी ही नहीं … ठोकी भी है.

अभय ने ममता के मुँह से इतनी खुली बात सुनी, तो वो भी खुल गया- ममता मैं तुझसे एक बात पूछूँ?
ममता- हां बोलो.

अभय- तूने कितनी बार किया है?
ममता- क्या भैया, मुझे क्या ऐसी वैसी समझा है आपने!

अभय- इसका मतलब तू अभी तक कुंवारी है? ये सुन कर खुशी हुई.
ममता- हां पर एक बात है …

अभय बीच में बात काट कर बोला- उंगली करती है … है ना!
ममता- वो तो करती ही हूँ पर …

अभय- पर क्या बहना?
ममता- मैंने लेस्बियन कई बार किया है.

अभय- क्या … पर किसके साथ? कहीं म..म..मां के साथ तो नहीं!
उसके मुँह से बस इतना ही निकला.

ममता- छी: कैसी बात करते हो भैया. ये सब अगर मां को गलती से भी पता चल गया ना … तो वो जमीन में जिंदा गाड़ देगी.
अभय आश्चर्य से- तो किसके साथ?

ममता- नेहा के साथ.
अभय- अपनी, संगीता बुआ की बेटी नेहा की बात कर रही ना तू?

ममता- हां अब सही पकड़े हो तुम.
अभय ने उसका डायलॉग उसी को चिपका दिया- अभी कहां पकड़ा है. पकड़ूंगा तो अब.

ये कह कर उसने ममता की कठोर चूची पकड़ी और जोर से मींज दी- मुझे नहीं पता था कि तुम दोनों इतनी बड़ी हो गई हो.
ममता- आह क्या करते हो भैया … दर्द होता है यार … इतनी जोर से कोई अपनी छोटी बहन की चूची दबाता है क्या?

अभय ने हंसते हुए कहा- मतलब धीरे से दबाऊंगा … तो चलेगा?
ममता- मुझे नहीं पता.

ये कह कर वो शर्माने का नाटक करने लगी. जबकि वो खुद चाहती थी कि अब तो जो भी होना है, बस हो जाए.

अभय ने ममता का हाथ पकड़ कर अपने खड़े लंड पर पैंट के ऊपर से रख दिया.
ममता ने तुरंत अपना हाथ खींच लिया.

अभय ने फिर से उसका हाथ पकड़ कर रख दिया, पर इस बार पर इस बार ममता ने हाथ नहीं हटाया और धीरे धीरे उसका लंड सहलाने और भींचने लगी.

अभय- कैसा लगा?
ममता- मुझे नहीं पता.

ममता ने शर्माती हुई बोली, पर हाथ फिर भी नहीं हटाया.

अभय- ममता मुझे तुम्हारी चूत देखनी है.
ममता- भैया, मुझे शर्म आती है.
अभय- प्लीज मेरी बहन, बस एक बार … वादा करता हूँ, कुछ करूंगा नहीं.

अभय ने गाड़ी जंगल की तरफ एक कच्चे रास्ते पर मोड़ दी.

ममता- ये कहां जा रहे हम. रास्ता तो उधर है.

वो समझ तो सब रही थी, पर अनजान बनने का नाटक करती रही. वो भी कामुक बातों और लंड सहलाने से खुद भी गर्म हो गई थी.

अभय ने एक बड़े से पेड़ के पीछे गाड़ी रोक कर ममता को पकड़ लिया और उसके होंठों को चूमने लगा. अपना एक हाथ धीरे से उसके उठे कड़क बोबे पर रख दिया. इतनी कड़क चूची आज तक उसने पहली बार दबायी थी.

थोड़ी देर दोनों एक दूसरे को तब तक इसी प्रकार चूमते चाटते रहे, जब तक दोनों की सांसें नहीं फूल गईं.

अभय अपना एक हाथ सरका कर ममता की सलवार के ऊपर से ठीक चूत पर रख दिया. ममता अपने भाई के हाथ को अपनी चुत पर महसूस करके एक बार को तो गनगना गई … मगर उसने हाथ का मजा लेना शुरू कर दिया.

अभय भी अब पीछे हटना नहीं चाहता था. इसलिये उसने ममता की सलवार का नाड़ा पकड़ कर खींच दिया.
अपना हाथ सलवार के अन्दर पैंटी में घुसा कर ममता की चूत मुठ्ठी में भर कर मसलने लगा.

अब तो ममता मदहोश होने लगी और उसने अपने भाई का लंड जोर से भींच लिया- आआआह भैया … अब सहन नहीं होता. आआईईई आआह ऊऊऊह भैया.

अभय ने कार की सीट की पुश्त के बटन को पुश किया, जिससे पुश्त पीछे होती चली गई और ममता अधलेटी सी हो गई.

फिर उसने ममता की सलवार पैंटी सहित निकाल दी, जिससे ममता की बिना बालों वाली चूत खुल कर सामने आ गई.

ममता ने शर्माती हुई अपनी दोनों जांघें भींच लीं. पर तब तक अभय की उंगली ममता की चूत की दरार तक पहुंच गयी थी.

उसने अपनी बहन की चूत का दाना पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया, जिससे उसने अपनी जांघें फट से खोल दीं.
अब तो ममता की चूत भी गीली होने लगी.

इधर अभय का लंड पैंट में अकड़ चुका था और दर्द करने लगा.
अभय ने अपनी पैंट खोल कर नीचे सरका दी और लंड बाहर निकाल लिया. ममता ने आज पहली किसी का रियल में लंड देखा था, वो भी अपने ही सगे भाई का.

अभय ने देर ना करते हुए फटाक से अपने होंठ उसकी गीली चूत पर रख दिए और जीभ निकाल कर बाहर से ही बहन की चुत चाटने लगा जिससे ममता हवा में उड़ने लगी.

ममता ने भी अभय का सिर पकड़ा और वो अपनी चूत पर जोर जोर से दबाने लगी.

अचानक ममता का शरीर अकड़ने लगा.
अभय समझ गया कि ममता का काम होने वाला है, इसलिए उसने ममता की चूत के होंठ खोले और अपनी जीभ अन्दर सरका दी.
उसी पल ममता का शरीर झटके खाने लगा और उसकी चूत ने ढेर सारी मलाई अपने ही भाई के मुँह में छोड़ दी.

आज पहली बार उसकी बुर से इतना पानी छूटा था, जितना पहले कभी नहीं छूटा था.

अभय- उउममम … आह तेरी मलाई का टेस्ट तो बड़ा अच्छा है … मेरी बहना की बुर बड़ी मजेदार है. ममता … तुझे कैसा लगा … मेरी बहना मजा आया … अपने भैया से बुर चटवा के?

ममता ने शर्माती हुई अपने हाथों से चेहरा छुपा लिया … और धीरे से बोली- मुझे नहीं मालूम.
अभय- कुछ तो बोल और उसका हाथ पकड़ कर उसके चेहरे से हटा दिया.

ममता- छोड़ो भैया, मुझे शर्म आ रही है.
अभय- इतना शर्माओगी तो मेरे इस खड़े लंड का क्या होगा.

ये कह कर उसने ममता का सिर लंड पर दबा दिया- चल अब तेरी बारी … लंड चूस कर ठंडा कर दे चल जल्दी से अपने भैया का लंड ले ले.
ममता- भैया … मुझसे नहीं होगा प्लीज.

अभय- ये क्या, अब मेरा क्या होगा. ऐसे तो मेरा लंड फट जाएगा, प्लीज यार कुछ तो रहम करो … कुछ तो तरस खाओ मेरे खड़े लंड पर? ममता मेरी बहना ले ले मुँह में लंड ले ले प्लीज … देख अपने भैया का लंड एक बार देख तो.
अभय ने कामातुर होकर गिड़गिड़ाते हुए ममता से कहा.

ममता- उस दिन की तरह हाथ से कर लो ना भैया … आप तो एक्सपर्ट हो हाथ से करने में.
वो भी मुस्कुरा कर मजे लेती हुई बोली.

अभय- ठीक है ममता, अब हाथ से कभी नहीं करूंगा … और जाऊंगा उन्हीं गंदी मजदूर औरतों के पास, जिनकी चुत ढीले ढाले फटे भोसड़े जैसे हैं.
ममता- ज्यादा नाटक करने की जरूरत नहीं है. इधर लाओ पर मैं हाथ से करूंगी … मुँह से नहीं.

अब ममता ने अपने भाई का लंड किस तरह से चूसा वो सब आपको माउथ सेक्स कहानी के अगले भाग में लिखूंगी. मेल करते रहिए.
आपकी सोनिया वर्मा
[email protected]

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