लॉकडाउन में भाभी की चूत का मजा लिया

(Desi Bhabhi Xxx Kahani)

देसी भाभी Xxx कहानी में पढ़ें कि लॉकडाउन में मेरे भैया मुंबई में जा फंसे. भाभी घर पर अकेली थी और मैंने मौका पाकर भाभी को गर्म कर दिया. फिर …

कुँवारी को न चोदिये जो चूत पर करे घमंड,
चुदी चुदाई चोदिये जो लपक के लेवे लन्ड!

हर बात कहने का एक अंदाज़ होता है. हर चीज़ छिपाने का एक राज़ होता है. जब तक ठोकर न लगे लन्ड की … तब तक हर लड़की को अपनी चूत पर नाज़ होता है।

दोस्तो, कैसे हो आप सब? उम्मीद करता हूं कि सभी अच्छे होंगे। आप सभी को मेरा नमस्कार. मेरी कहानी पढ़ने से पहले भाभियां अपनी चूत में उंगली डाल लें और भाई लोग अपना लन्ड पकड़कर बैठ जायें.

ऐेसा मैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि ये देसी भाभी Xxx कहानी ही ऐसी है कि चूत टपकने लगेंगी और लन्ड तो तब तक नहीं बैठेगा जब तक उसका पानी न निकल जाए।

वैसे आपको बता दूं कि मुझे भाभी और आंटी को चोदने में बहुत मजा आता है।

मेरी पिछली देसी भाभी Xxx कहानी
लॉकडॉउन में किरायेदारनी भाभी को चोदा
आप लोगों ने यदि न पढ़ी हो तो पढ़ लीजिये।

मैं सेक्स का दीवाना हूं मगर आज तक मैंने किसी की मजबूरी का फायदा उठाकर चुदाई नहीं की। मुझे किसी मजबूर औरत की चुदाई करना बिल्कुल अच्छा नहीं लगता.
चुदाई में तभी मजा आता है जब वो औरत खुद ही चुदवाने के लिए मन से इच्छा रखती हो.

जहां तक भाभी की चुदाई का सवाल है तो मैं अपनी दूर तक की रिश्तेदारी में भी भाभी को चोदने का मौका नहीं छोड़ता. फिर चाहे कोई भी हो- जीजा की बहन, दीदी की देवरानी या जो भी लन्डखोर औरत मिले सबकी चुदाई करने की इच्छा रखता हूं.

वैसे एक बात बताऊं दोस्तो, जो मजा भाभी और साली की चुदाई में है मेरे ख्याल से दुनिया में उसके मुकाबले में और किसी की चुदाई में वो मजा नहीं।

चलिये अब आपको ज्यादा बोर न करते हुए कहानी की शुरूआत करते हैं.

मैं हूं तो उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद से लेकिन आजकल दिल्ली में ही रहता हूं।

जहाँ हम लोग रहते हैं वहाँ आस पास मेरे कई रिश्तेदार रहते हैं अपने परिवार के साथ!
जिसमें मेरे भैया का साला और सलहज भी हैं. यहाँ तक कि जिस भाभी की चुदाई के बारे में मैंने लिखा है, उस भाभी की जेठानी और उसकी भाभी मतलब साले की बीवी दोनों को चोद चुका हूं।

मगर ये बात भी केवल मुझे और चुदने वाली को ही पता है. आपस में किसी को नहीं पता है कि कौन चुदी है और किससे चुदी है. मैं चुदाई का इतना शौकीन रहा हूं कि कभी कभी तो लगता है कि मैं प्लेबॉय बन जाऊं.

प्लेबॉय बनने की बात से मुझे केवल इसलिए डर लगता है क्योंकि फिर कहीं कोई जानकार भाभी मिल गयी तो दिक्कत हो जायेगी.

खैर, ये सब तो बाद की बातें हैं. अभी मैं आपको कुछ महीने पहले की घटना बताता हूं.

मेरे भैया को कुछ काम से मुंबई जाना पड़ा. उस वक्त कोरोना शुरू ही हुआ था.

जब उनका काम खत्म हुआ तो उसी वक्त लॉकडाउन हो गया.
सारी ट्रेन सेवा बंद कर दी गयी.
हवाई सेवा भी बंद हो गयी थी.

फिर मजबूरी में भैया को वहां मुंबई में अपने एक जानकार के यहां पर रुकना पड़ा.

यहां घर पर भाभी और उनका 6 साल का बेटा था.
भाभी का नाम प्रेमिला (बदला हुआ) है. उनका फिगर 34-30-36 है। वो लगभग मेरी ही उम्र की है। वो थोड़ी मोटी है.

मैं हमेशा भाभी से हंसी मजाक करता रहता था. अकेले में अक्सर मैं उसकी चूचियों को भी छेड़ देता था.

चूंकि भैया मुंबई में फंस गये थे तो उनका मेरे पास फोन आया कि घर में किसी सामान वगैरह की जरूरत हो तो तुम दे आना.
मैंने भैया को कहा- आप चिंता न करो, मैं यहां इनका पूरा ख्याल रखूंगा.

जब मैं भाभी के घर पर बोलने के लिए गया तो मैंने मज़ाक में ये भी कह दिया कि रात में भी मेरी जरूरत पड़े तो बता देना, भैया को तो शायद अब काफी समय लगने वाला है.

भाभी ने मेरी बात पर पहले तो बनावटी गुस्सा दिखाया और फिर अंदर किचन में मजाक में डांटते हुए चली गयी.
मैं वहां से आ गया लेकिन मैंने आज भाभी के चेहरे पर वो सामान्य मुस्कान की बजाय कामुकता वाली मुस्कान देखी.

मैं सोच रहा था कि मौका अच्छा है, भैया भी नहीं हैं तो क्यों न भाभी की चुदाई कर दी जाये?
अब मैं मौके की तलाश करने लगा.

कुछ दिन ऐसे ही निकल गये.
फिर एक दिन भाभी को कुछ सामान मंगवाना था तो मैं उनके घर गया.

भाभी ने सूचि मुझे थमा दी और मैं मार्केट से सामान ले आया.
सामान देकर मैंने भाभी को चाय के लिए कहा.
वो बोली- ठीक है, तू बैठ. मैं अभी बनाती हूं.

दोपहर का समय था और उनका बेटा सो गया था.
भाभी चाय लेकर आई. झुककर मुझे देने लगी तो मैंने ब्लाउज में झूल रही उनकी चूचियों को देखा.

लाल रंग के ब्लाउज में भाभी के गोरे चूचे एकदम मस्त दिख रहे थे.
मैंने कहा- भाभी, दूध भी पीने का मन है.
उसने ऊपर देखा तो मेरी नजर उसकी चूचियों को घूर रही थी.

वो सामने वाले सोफे पर बैठते हुए बोली- तेरे भैया को पता चल गया तो डेरी बंद करवा देंगे. तू मुझे भी मरवायेगा.
मैंने कहा- नहीं भाभी, इतनी दूर से उनको क्या पता चलेगा. बात आपके और मेरे बीच रहेगी.

भाभी बोली- हट बेशर्म, तुझे जरा भी शर्म नहीं आती अपनी भाभी से ऐसी बात करते हुए?
मैं बोला- प्यार में कैसी शर्म, मैं तो बहुत प्यार करता हूं आपसे!

फिर वो चाय पीने लगी और मैं उनको छेड़ता ही रहा.
वो मजाक में टालती रही.

उसके बाद मैंने चाय खत्म की और उठकर जाने लगा तो वो भी उठकर मुझे दरवाजे तक छोड़ने आने लगी.

मैंने चलते हुए उनके कंधे को सहला दिया.
उसने कुछ नहीं कहा तो मैंने उसको बांहों में भर लिया और बोला- भाभी, मान जाओ ना … एक बार बस?

वो मुझे पीछे हटाने लगी लेकिन मैंने उसको और जोर से पकड़ कर उसकी गांड सहला दी.
पता नहीं क्यों मेरे अंदर एकदम से हवस जाग उठी थी.

वो बोली- छोड़ हरामी, क्या कर रहा है, कोई देख लेगा.
मैं बोला- कोई नहीं है आपके और मेरे अलावा. बहुत मन कर रहा है … मान जाओ ना … प्लीज!

ये कहते हुए मैंने भाभी की साड़ी का पल्लू गिरा लिया और उसकी चूचियों की घाटी में चूमने लगा.

वो मेरे बालों को पकड़ कर सिर को हटाने लगी तो मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपने लंड पर रखवा दिया.
उसने हाथ हटा लिया तो मैंने और जोर से उसको अपनी बांहों में भींच लिया.
अब उसकी चूत का हिस्सा मेरे लंड पर सट गया था.

फिर मैंने उनको घुमाया और पीछे से उनकी गांड पर लंड सटा दिया और उसकी चूचियों को आगे हाथ ले जाकर दबाने लगा.

पहले तो भाभी बचने की कोशिश करती रही। फिर जब उन्हें लगा कि अब मेरे चंगुल से छूटना मुश्किल है तो फिर उन्होंने भी हथियार दाल दिए. उसको भी हफ्ते भर से लंड नहीं मिला था.

उन्हें भी पिघलते ज्यादा देर नहीं लगी और भाभी भी समझ चुकी थी कि आज चुदना ही पड़ेगा।
भाभी का बेटा जिसका नाम प्रिंस है, उस वक्त सो रहा था।

अब मैं भाभी को लेकर दूसरे कमरे में गया और धीरे धीरे दोनों के कपड़े उतरने शुरू हो गये.
भाभी सिर्फ पेटीकोट में और ब्रा में रह गयी.
जबकि मैं अब अंडरवियर में था और बाकी सारे कपड़े उतर चुके थे.

भाभी की नजर मेरे अंडरवियर पर थी.
मेरा लौड़ा पूरे उफान में था और मेरे अंडरवियर में तोप की तरह मुंह उठाये हुए था.

भाभी ने लंड को सहलाया और फिर मेरे कच्छे को खुद ही उतार दिया.
अब मैं भाभी के सामने बिल्कुल ही नंगा खड़ा हुआ था.

मैंने भाभी से कहा कि लंड को एक बार मुंह में ले लो.
तो वो मना करने लगी.
पर मेरा बहुत मन था लंड चुसवाने का … लेकिन वो मना कर रही थी.

मैंने सोचा कि ज्यादा जोर देना भी ठीक नहीं है अगर इसने चूत देने से मना कर दिया तो फिर कैसे मनाऊंगा.

इसलिए मैंने उनको बेड पर लिटाया और चूत चाटने लगा.
उनकी चूत पर छोटे छोटे बाल थे और मैं उनकी चूत को चाटते हुए जोश में आने लगा था. फिर मैंने चूत में अंदर जीभ दे दी और तेजी से उनकी चूत में चलाने लगा.

भाभी गर्म हो चुकी थी और अपनी टांगों को बार बार खोलकर जीभ को जैसे और अंदर तक घुसवाने की कोशिश कर रही थी.
जैसे जैसे मेरी चूसने की स्पीड बढ़ती गयी, भाभी पिघलती गयी.

अंत में भाभी से न रहा गया तो उन्होंने भी मेरा लन्ड मुंह में ले लिया और लॉलीपोप की तरह चूसने लगी।
कुछ देर लन्ड चूसने के बाद भाभी अपनी चूत खोलकर लेट गयी और बोली- चूस लिया तेरा लंड भी मैंने … अब डाल दे अंदर!

मैं समझ गया कि भाभी की चूत रिस रही है और उसको अब लंड चाहिए है. मैं भी उनकी टांगों के बीच में आ गया और उनकी चूत पर लंड के टोपे को रगड़ने लगा.

आह्ह … दोस्तो … भाभी की चूत एकदम से फूल गयी थी और बहुत रसीली हो गयी थी.
मैं लंड को घिसते हुए पागल सा हुआ जा रहा था. चुदाई से पहले चूत पर लंड घिसने का जो मजा है वो लाजवाब है.

फिर मैंने अपना लन्ड भाभी की चूत पर लगाया और जोर का धक्का दे दिया.
लन्ड सरसराता हुआ भाभी की चूत में चला गया।
भाभी के मुँह से एक हल्की सी चीख निकली।

मगर साथ ही एक मजा भी उनके चेहरे पर दिखा. मैं कुछ देर तक चूत में लंड को ऐसे ही रखे रहा.

जब भाभी ने सही से लंड को चूत में एडजस्ट कर लिया तो मैंने फिर धक्के देने शुरू किये.

वो आराम से चुदने लगी.
मैं भी उनकी चूत में लंड को अंदर बाहर करने लगा.

अब भाभी की चूचियां एकदम से तनकर कसाव में आ गयी थीं और निप्पल कड़क हो गये थे.

धीरे धीरे मेरी स्पीड बढ़ने लगी और भाभी की धक्कमपेल चुदाई शुरू हो गयी.

कुछ ही देर में भाभी की चूत में पच पच की आवाज होने लगी क्योंकि मेरे लंड से भी काफी कामरस निकल रहा था और भाभी की चूत भी लगातार पानी छोड़ रही थी.

फिर उसने मुझे रोक दिया और उठने के लिए कहने लगी.
मैंने लंड को चूत से निकाला और उठ गया.

फिर भाभी ने मुझे नीचे लिटाया और मेरे लन्ड पर बैठ गयी और उछलने लगी।

मैं भाभी की चूचियों को मसलता हुआ नीचे से धक्के लगाने लगा.
भाभी की चूत में मेरा पूरा लंड अंदर बाहर हो रहा था और पेट तक जाकर टकरा रहा था. भाभी भी लंड को पूरा अंदर लेने का कोई मौका नहीं छोड़ रही थी.

थोड़ी देर उछलने के बाद जब भाभी थक गयी तो फिर मैंने डॉगी स्टाइल में पीछे से लन्ड घुसाया और चोदने लगा.
भाभी की चूचियां हवा में झूल रही थीं. जब भी धक्का लगता तो उनकी गांड पर पट पट की आवाज हो रही थी.

मुझे चुदाई की आवाज से बहुत ज्यादा जोश चढ़ता जा रहा था. भाभी लन्ड की ठोकर खाकर बेहाल सी होती जा रही थी.
भाभी के मुंह से मेरे हर धक्के पर मादक सिसकारी निकल रही थी- आईई … आह्ह … ओह्ह … हम्म … आह्ह … हाह्ह … ओह्ह।

जब चोट थोड़ी तेज लगती तो भाभी की हल्की चीख निकल जाती थी. मेरा 7 इंची लंड उसकी चूत की बखिया उधेड़ रहा था.

10 मिनट हो गये थे चुदाई करते हुए.
अब तक लन्ड के धक्के खाते खाते भाभी की हालत खराब हो चुकी थी।

तब मैंने उसको पीठ के बल लेटाया और मिशनरी पोज में चुदाई शुरू कर दी.
अब उसकी बच्चेदानी तक लंड टकराने लगा.

चुदते हुए अब भाभी की सिसकारियां और ज्यादा तेज हो गयी थीं. फिर उसने मुझे एकदम से जकड़ लिया और भाभी की सिसकारी के साथ उसकी चूत का पानी निकल गया.

झड़ने के बाद वो ढीली पड़ गयी तो मुझे रोकने लगी.
मगर उस वक्त मेरे ऊपर चुदाई का जुनून सवार था. मैं ताबड़तोड़ उसकी चूत में लंड को पेलता जा रहा था.

लगभग 20 मिनट तक मैंने भाभी को चोदा.
इस बीच वो एक बार फिर से झड़ी.

मगर अब मेरे लंड में कड़कपन इतना बढ़ गया था कि मेरा लावा किसी भी वक्त फूट सकता था.

फिर मैंने पूरी स्पीड बढ़ा दी और वीर्य निकलने को हो गया.
जल्दी से मैंने पूछा- आह्ह … भाभी … आने वाला है … क्या करूं?
वो बोली- अंदर नहीं … अंदर नहीं निकालना है.

फिर मैंने एकदम से लंड को बाहर निकाला और उसके घर्षण से मेरे लंड पर मेरा नियंत्रण छूट गया.

लंड बाहर आते ही उसमें से वीर्य की पिचकारी छूटी जो भाभी के चूचों पर जाकर लगी. फिर एक के बाद एक पिचकारी निकली.

भाभी की चूचियों से लेकर पेट और चूत तक मेरा वीर्य फैल गया. उसने अपनी चड्डी से मेरे वीर्य को पौंछा और फिर मैं भाभी के नंगे बदन से चिपक गया.

हम दोनों दो मिनट तक लेटे रहे और फिर उठ गये.

मगर मेरी नियत अभी नहीं भरी थी.
मैं फिर से भाभी की के मुंह में जीभ डालकर किस करने लगा.

धीरे धीरे वो भी फिर गर्म होने लगी. मैं बीच बीच में भाभी की गांड को भी उंगली से सहला रहा था.

उसकी गांड का छेद बहुत टाइट था. मुझे पता चल गया कि भाभी की गांड में भैया का लंड नहीं गया है.

मैंने गांड चुदाई के लिए बोला तो वो कहने लगी कि आगे मर्जी जितना कर लो मगर मैं पीछे नहीं ले सकती हूं.
मैंने सोचा कि एकदम से भाभी गांड नहीं देगी.

उसके बाद मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.
वो सिसकारने लगी और खुद ही मुझे 69 में कर लिया. वो मेरे लंड को चूसने लगी और मैं उसकी चूत को चाटने लगा.

अब लौड़ा फिर से चुदाई के लिए तैयार था. भाभी ने उसको अपनी लार में भिगो दिया था. उसकी चूत भी पानी छोड़ने लगी थी.

मैं उठ गया और फिर भाभी की दोनों टांगें पकड़कर अपने कंधे पर रख लीं.

जैसे ही मैंने लन्ड डाला तो सीधा अंदर प्रवेश कर गया।
अबकी बार करीब आधे घंटे तक हर पोज में चुदाई की मैंने!
कभी भाभी मेरे ऊपर तो कभी मैं भाभी के ऊपर!

अब तक भाभी लन्ड की मार से घायल हो चुकी थी और मुझे रोकने लगी।
मैं बोला- तभी रूकूंगा जब आप या तो मेरे माल को मुंह में गिराओगी या अपनी गांड में … अबकी बार मैं माल को बाहर बर्बाद नहीं होने दूंगा.

वो बोली- ठीक है, मगर पीछे पूरा लंड नहीं घुसाना है. केवल माल गिरा लो, चुदाई नहीं करनी है.
मैंने कहा- ठीक है.

फिर मैं उठ गया और तेल उठा लाया.
मैंने भाभी की गांड में उंगली से तेल लगाया और उसकी गांड को चिकनी कर दिया.

अब मैं धीरे धीरे लंड के टोपे को गांड पर घिसाने लगा.

भाभी को थोड़ा मजा आने लगा और उसने चूतड़ पूरे ऊपर उठा लिये.
फिर मैंने धीरे धीरे टोपे को अंदर घुसाने की कोशिश की. मगर भाभी पहली बार गांड में लंड ले रही थी तो उसको दर्द होने लगा.

बड़ी मुश्किल से रुक रुककर मैंने भाभी की गांड में टोपा घुसाया और उसकी पीठ पर लेटकर उसकी चूचियां दबाने लगा.
वो दर्द से कराह रही थी. मन तो कर रहा था साली को चोद दूं लेकिन फिर वो दोबारा चूत नहीं देती इसलिए मैंने रहम किया.

फिर उसकी चूचियों को दबाते हुए धीरे धीरे मैंने टोपे को हल्का हल्का अंदर बाहर किया और इस तरह पांच सात मिनट भाभी गांड के मजे लिए और फिर मैंने उनकी गांड के छेद में अपने लौड़े का पानी गिरा दिया.

मजा आ गया दोस्तो … ऐसी चुदाई बहुत दिनों के बाद की थी.

उसके बाद तो मैंने भाभी को कई बार चोदा.

फिर किसी तरह से भैया 1.5 महीने के बाद घर पहुंचने में कामयाब हो गये.
मगर अब तक भाभी मेरे लंड से कई बार चुद चुकी थी.

मैंने भाभी की गांड चुदाई भी दो बार की. वो कहानी मैं फिर कभी बताऊंगा कि कैसे भाभी को मैंने गांड चुदवाने के लिए उकसाया.

भैया के आने से पहले इसी बीच एक दिन उनकी पड़ोसन सहेली ने मुझे भाभी को किस करते हुए देख लिया.
उसने बुलाकर मुझे ये बात बताई तो मैं डर गया.
मैंने सोचा कि अगर इसने ये बात मौहल्ले में फैला दी तो भाभी की बदनामी होगी.

फिर मैंने भाभी को ये बात बताई तो उसने अपनी दोस्त पूजा को अपने घर बुलाया.
भाभी के प्लान से मैंने पूजा की चुदाई भी की और पूजा का मुंह बंद हो गया.

भाभी की सहेली की चुदाई और भाभी की गांड मारने की कहानी मैं आपके लिए आगे लिखूंगा. उससे पहले आप इस देसी भाभी Xxx कहानी के बारे में बतायें कि आपको ये स्टोरी कैसी लगी, उसके बारे में अपनी राय जरूर रखना.
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