सगी भाभी की गदराई जवानी और चूत चुदाई

(Bhabhi Ki Gadarai Jawani Aur Chut Chudai)

हैलो फ्रेंड्स.. मेरा नाम अमित है.. मैं कोलकाता का रहने वाला हूँ।
मैं आप लोगों को एक सत्य कहानी सुनाना चाहता हूँ.. जो मेरी और मेरी भाभी की है। अभी उनकी उम्र 24 साल है और उनका फिगर 34-28-36 है। मेरे भैया बिजनेसमैन हैं।

यह 3 साल पहले की बात है.. जब मेरे भैया की शादी हुई थी। भाभी बहुत ही सुंदर थीं.. वो गोरी थीं और उनका कद लगभग 5’5″ का होगा। उस वक़्त मुझे भाभी उतनी सेक्सी नहीं लगती थीं और ना ही मैं उन्हें उस नज़र से देखता था।

करीब 2 महीने बाद वो प्रेग्नेंट हुईं.. उसके कुछ दिनों बाद मैंने देखा कि उनकी बॉडी सेक्सी होती जा रही थी और उनके कूल्हे फैलते जा रही थी.. मम्मे बड़े होते जा रहे थे।
तब से मेरे दिल पर वो राज करने लगीं.. अब मैं हमेशा उन्हें गंदी नज़र से देखता था।

एक दिन शाम को वो नहाने के लिए बाथरूम गईं.. मैं उसी बाथरूम की खिड़की पर चढ़ गया और मैंने उनको अन्दर एकदम नंगी देखा।

ओह माय गॉड.. मैं आपको बता नहीं सकता कि वो कितनी सेक्सी लग रही थीं।
उनके बड़े-बड़े मम्मे तने हुए थे.. जिन्हें देख कर मैं पागल हो गया।

उस दिन मैंने मुठ मारने का रेकॉर्ड तोड़ दिया।

उसके बाद मैंने बहुत कोशिश की उन्हें देखने की.. पर सफल नहीं हो पाया।

कुछ महीने बाद उनका बेटा हुआ और जब वो एक साल का हुआ.. तो मेरी भाभी और भी सेक्सी लगने लगीं।

वो जब भी अपने बेटे को अपना दूध पिलातीं.. तो मैं उनके मम्मों को चुपके से देखता।

अब मैंने उनको चोदने की ठान ली थी.. लेकिन ज़बरदस्ती नहीं।

उनको पता था कि मैं अक्सर उनसे मज़ाक किया करता हूँ और उन्हें आँख भी मारा करता हूँ।
वो मुझे हमेशा बोला करती थीं कि ‘क्या आप पागल हो गए हैं..’ और मैं उन्हें जवाब में सेक्सी स्माइल देता था।

उनको कपड़े चेंज करते वक़्त मैं चुपके से देखा करता था और कभी-कभी वो मुझे देख भी लेती थीं.. लेकिन कुछ बोलती नहीं थीं।

इसी तरह हम दोनों के बीच की दूरियाँ थोड़ी कम हो गई थीं। एक दिन मैंने उनके कमरे में एक कन्डोम का पैकेट देखा.. जो बहुत पुराना था और मेरे भैया का था।

मैं कन्डोम देख ही रहा था कि उसी वक़्त कमरे में भाभी आ गईं.. और उन्होंने मुझे उस कन्डोम के साथ देख लिया।
वो शर्मा गईं.. मैंने उसका फ़ायदा उठाया और उनसे पूछा- यह किसका है?
वो मज़ाक में बोलीं- आपका ही होगा।
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मैंने हिम्मत बाँध कर फिर उनसे पूछा- यह इतना पुराना है और अभी तक रखा हुआ है।
तो वो गुस्से में बोलीं- आप इतना क्यों हमसे पूछ रहे हैं.. जो पूछना है अपने लल्लू भैया से पूछिए।

मैंने इसके बारे में दो दिन बहुत सोचा।

एक दिन घर पर कोई नहीं था.. सब दादा जी से हॉस्पिटल में मिलने के लिए पटना गए थे। उस दिन घर पर सिर्फ़ मैं, भाभी और उनका बेटा था।

मैं और वो साथ में टीवी देख रहे थे कि अचानक कन्डोम का एड आया.. वो मुझसे अचानक ‘सॉरी’ बोलीं।
मैंने उनसे पूछा- सॉरी क्यूँ?
तो वो बोलीं- उस दिन मैंने आपसे रूखेपन से बात की.. इसलिए।
मैंने उनसे कहा- इट्स ओके भाभी..

इसी के साथ में मैंने उनसे ये भी पूछा- आपने भैया को लल्लू क्यूँ कहा? मैं किसी को नहीं बताऊँगा कसम से..
तब उन्होंने बताया- आपके भैया को सेक्स करना अच्छा नहीं लगता.. वो कभी मूड में नहीं होते हैं.. बेटा होने के बाद एक ही बार हम दोनों के बीच कुछ हुआ है।

मैंने उनसे बस इतना ही कहा- सब ठीक हो जाएगा..
उसके बाद हम दोनों एक-दूसरे के बहुत क्लोज़ हो गए थे।

हमने साथ में लंच किया और फिर शाम में छत पर चले गए। हम दोनों एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर वॉक कर रहे थे और रोमाँटिक बातें कर रहे थे।

फिर मैंने उनसे कहा- एक बात बोलूँ?
तो उन्होंने कहा- बोलो..
मैंने उन्हें बता दिया- मैं आपसे प्यार करने लगा हूँ।
तो वो ‘अच्छी बात है।’ कहकर नीचे चली गईं।

उनके एक्सप्रेशन देख कर मुझे लगा कि उन्हें गुस्सा आ गया।
फिर भी मैं उनके पीछे-पीछे नीचे गया।

अचानक भैया का कॉल आया कि वो लोग आज नहीं आ पाएँगे क्यूंकि हाइवे जाम था और वो लोग कल दोपहर 12 बजे तक आ जाएँगे।
यह सुन कर मैं बहुत खुश हुआ।

फिर भाभी रसोई में काम करने के लिए चली गईं।
मैंने सारे मेन गेट वगैरह लॉक कर दिए और रसोई में जाकर उनकी हेल्प करने लगा। थोड़ी देर बाद मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उन्हें पीछे से हग किया और उन्हें ‘आइ लव यू’ कह दिया।

वो बोलीं- प्लीज़ कोई देख लेगा.. तो मैं बदनाम हो जाऊँगी।

मैंने अपना हाथ थोड़ा सा लूज क्या किया वो घूम गईं.. अब हम दोनों एक-दूसरे के सामने थे, मैंने उनके गाल पर धीरे से चूमा।
उन्होंने मुझे धीरे से हटाने की कोशिश की.. फिर भी मैं नहीं हटा और उनके लबों को चूसने लगा।

कुछ पल बाद भाभी ने भी मुझे कस कर जकड़ लिया और मेरे होंठों को चूसने लगीं। देर तक हम दोनों का चुम्बन चला.. उसके बाद उन्होंने मुझे धीरे से धक्का देकर हटा दिया और बोलीं- हटिए मुझे बहुत काम है।

फिर रात में हमने रोमाँटिक डिनर किया और उसके बाद हम सोने के लिए चले गए। हम लोग एक ही बिस्तर पर लेटे हुए थे और बीच में उनका बेटा सो रहा था। वो उसको अपना दूध पिला रही थीं।

मैं उनका क्लीवेज साफ़ देख रहा था।

फिर मैंने उनके मम्मों की दरार को सहलाना शुरू कर दिया.. तो वो तड़प उठीं।

थोड़ी देर बाद उनका बेटा सो गया.. फिर मैं उनके बगल में आकर लेट गया और पागलों की तरह चूमा चाटी करने लगा। उस वक़्त उन्होंने साड़ी पहन रखी थी।

उन्होंने उठ कर अपनी साड़ी खुद से उतार दी.. अब वो ब्लाउज और पेटीकोट में थीं।
वो इतनी सेक्सी लग रही थीं कि मैं देख कर ही पागल हो गया और उनके ब्लाउज को दाँत से फाड़ दिया और उनकी नाभि को चाटने लगा।

मैंने भाभी का पेटीकोट खोला और उनकी दोनों जांघों को चाटने लगा।

अब उनमें भी बहुत जोश चढ़ गया, उन्होंने मुझे दूसरे कमरे में चलने को कहा।

मैंने उनको गोद में उठाया और अपने कमरे में ले गया, भाभी सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थीं।

मैंने उनकी कुछ तस्वीरें खींची और फिर ब्रा खोल कर उनके मम्मों को चूसने लगा.. उनका दूध भी पिया।

मैं उनके पूरे बदन को पागलों की तरह चाट रहा था और फिर अचानक वो उठ कर कुछ लाने चली गईं।
भाभी केक वाली क्रीम लेकर आईं और उसको उन्होंने अपने पूरे बदन पर लगा लिया और कहा- अब चाटो मेरे देवर जी..

मैंने पूरी क्रीम को चाट लिया.. फिर हम साथ में नहाने चले गए। फव्वारे में नहाते वक्त हमने खूब चुम्बन किए।

अब मैंने भाभी की पैंटी उतारी और लौड़ा चूत में लगा कर उन्हें धीरे-धीरे चोदने लगा।
पहले उन्हें बहुत दर्द हुआ फिर धीरे-धीरे दर्द कम होता गया और मज़ा आने लगा।
भाभी की कामुकता भरी आवाज़ों से मेरा जोश और बढ़ गया।

फिर मैंने उन्हें देर तक अलग-अलग तरीकों से चोदा और अपना वीर्य उनकी चूत में गिरा दिया।

फिर हम लोग बिस्तर पर चले गए और दोनों नंगे ही एक-दूसरे की बांहों में सो गए।

सुबह के लगभग 5 बजे वो उठीं और उन्होंने मुझे चूमना चाटना शुरु कर दिया। मेरा भी नींद खुल गई और मैं भी उन्हें चूमने लगा।
फिर मैंने उनकी गाण्ड चाटी.. फिर उनकी गांड में लण्ड डाल कर पेलने लगा।
मैंने उन्हें इस बार और देर तक चोदा और उनकी गाण्ड में ही अपना वीर्य गिरा दिया।

इतनी देर में वो दो बार झड़ चुकी थीं.. क्योंकि उनकी चूत में मेरी उंगली खेल रही थी।

फिर थोड़ी देर आराम करने के बाद उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह में ले कर चूसना चालू किया और कुछ ही पलों में मेरा लम्बा लण्ड फिर से खड़ा हो गया।

इस बार मैंने लण्ड उनकी चूत में डाला और एक ही झटके में पूरा पेल दिया।
उनके मुँह से बहुत ही तेज़ चीख निकल गई, मैंने उनके चीखों पर ध्यान ना देते हुए चोदना जारी रखा।

देर तक मैंने उन्हें कई तरीकों से चोदा और जब मेरा निकलने वाला था.. तो मैंने अपना लण्ड उनके मुँह में डाल दिया और उन्होंने मेरा सारा वीर्य पी लिया।

उसके बाद हम रोज भैया के ऑफिस जाने के बाद चुदाई करते।

अब वो फिर से प्रेगनेंट हो गई हैं और उन्होंने बताया कि वो बच्चा मेरा है.. लेकिन भैया को इस बारे में आज तक कुछ पता नहीं है।

आपको मेरी कहानी कैसी लगी.. मुझे ज़रूर बताएँ.. मुझे ईमेल करें..
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