मेरी कहानी – 3

Antarvasna 2004-05-10 Comments

फ़िर जब मैं भाभी के घर गया तो उस समय लगभग दिन के २ बज रहे थे भाभी ने मुझे देखते ही कहा, कितनी देर से मैं तुम्हारी ही प्रतीक्षा कर रही थी, चलो मेरी आज मालिश करो। ये कह कर भाभी ने एक बोतल निकाली और मुझे दे कर कहा चलो अपना चेहरा घुमा लो, जिससे मैं अपने कपड़े उतार दूँ, मैने भाभी को अपनी तरफ़ खींचते हुए कहा अब किससे शरम कर रही हो? मैं उसके ब्लाउज़ को खोलने लगा। मैने धीरे धीरे उसका ब्लाउज़ को उतारा, भाभी ने काले रंग की ब्रा पहन रखी थी जो भाभी के गोरे बदन पर काफ़ी जँच रही थी। भाभी ने अपनी आँखें बंद कर दी थी अब मैने उनसे अपने दोनो हाथों को उठाने के लिए कहा, मेरी नजर भाभी की आर्मपिट पर पड़ी वहाँ पर एक भी बाल नहीं थे वो जगह काफ़ी सेक्सी लग रही थी मुझसे रहा नहीं गया मैने भाभी की आर्मपिट पर अपने होंठ रख कर चूसने लगा भाभी भी सिसकारियां भरने लगी और बोली पहले मालिश कर लो उसके बाद ये सब करेंगे।

मैने भाभी की ब्रा निकाल दी ओह क्या चूचियाँ थी गुलाबी रंग की चूचियों पर गहरे रंग के निप्पल सितम ढा रहे थे, मैने तुरन्त ही अपने हाथों से एक को पकड़ लिया और दूसरी को अपने जीभ से सहलाने लगा। ५ मिनट के बाद भाभी ने कहा चलो लेट जाती हूँ अब तुम मेरी मालिश करो, भाभी ने समझाया कि तेल निकाल कर सीधे चूचिओं पर गिराओ और क्लोकवाइज़ अपनी हथेलियों से मालिश करो, मैं अपनी हथेलियां फ़ैला कर कुछ तेल उस पर डाला और भाभी के बूब्स पर मालिश करने लगा। भाभी लेटी हुई थी और मैं उसकी बगल में बैठा था मेरे लंड में तनाव आने लगा, मैं बूब्स की तेजी से मालिश करने लगा भाभी बोली एक समान दबाव बना कर ठीक तरह से मालिश करो लेकिन थोड़ी देर बाद मैं फ़िर तेजी से मालिश शुरु कर देता, अब भाभी ने कहा मुझे समझ में आ गया है ऐसा क्यों हो रहा है, भाभी ने कहा तुम अपनी पैंट उतार दो मैने तुरन्त ही आज्ञा का पालन किया, भाभी ने मेरे लंड की तरफ़ देखते हुए कहा चलो मैं तुम्हारे लंड की मालिश करती हूँ तुम मेरे बूब्स की करो जिस तेजी से मैं करूंगी उसी तरह तुम भी करना, अब एक हाथ से भाभी मेरे लंड को आगे पीछे कर रही थी और मैं भाभी की चूचियों की मालिश कर रहा था अचानक मुझे लगा कि मेरे लंड से वीर्य निकलने वाला है और जब तक मैं कुछ समझता सारा वीर्य निकल कर भाभी की चूचियों पर फ़ैल गया.

भाभी ने आँखें खोल कर पूछा क्या झड़ गया क्या? मैं कुछ नहीं बोला तो भाभी ने कहा अब इससे भी मालिश कर दो मैने भाभी की चूचियों पर लग भग २५ मिनट तक मालिश की। उसके बाद भाभी ने कहा चलो लेट जाओ मैं जब लेट गया तो भाभी ने अलमारी से एक क्रीम निकाली और मेरे लंड और मेरे बाल्स पर लगा दिया मैने भाभी से कहा ये क्या लगाया है तो उसने कहा अभी थोड़ी देर में पता चल जाएगा करीब आधे घंटे तक भाभी मेरे लंड से खेलती रही उसके बाद उसने मेरे लंड को कपड़े से पोंछ दिया, आश्चर्य, मेरे लंड के चारों तरफ़ के बाल गायब हो गये थे भाभी ने कहा कल ये मेरे मुंह में घुसे जा रहे थे इस लिए मैने इन्हें साफ़ कर दिया है। अब मेरी समझ में आया कि भाभी की चूत पर कोई बाल क्यो नहीं थे।

भाभी ने मेरी नाभि और लंड पर उपर से तैल डाल दिया और मालिश करने लगी भाभी के मुलायम हाथ और जैतून के तैल ने मेरे शरीर में बिजली सी दौड़ा दी मेरा लंड भाभी को सलामी देने लगा, मैं भी एक हाथ से भाभी की चूत खोजने लगा वातावरण गरम हो चुका था अब भाभी ने अपनी साड़ी और पेटीकोट निकाल दिया, मैं भाभी की चूत को पैंटी के ऊपर से ही चूमने लगा, ओह क्या खुश्बू आ रही थी। साइड से मैने जीभ घुसाने का प्रयास करने लगा तो भाभी ने अपने से ही पैंटी निकाल दी अब मेरे सामने दुनिया की सबसे खूबसूरत सृष्टि थी

भाभी ने कहा इसकी मालिश नहीं करोगे? मैने कहा क्यों नहीं, यह कह कर मैने चूत की मालिश शुरु कर दी चूत के दोनो भाग खोल कर देखे तो उनसे रस बह रहा था मैने उसका स्वाद चखने के लिए अपने होंठों को सही जगह फ़िट कर दिया वाह! क्या स्वाद था दुनिया की किसी चीज में ऐसा नशा नहीं होता जो मुझे मिल रहा था नमकीन स्वाद मेरे मुंह में भर गया और तभी भाभी ने अपने हिप्स को आगे पीछे ढकेलना शुरु कर दिया करीब ७ मिनट बाद भाभी ने मेरे सिर को पीछे ढकेल दिया और निढाल हो गई मैने उनके बूब्स छूने चाहे तो उन्होंने मना कर दिया, कुछ देर तक हम उसी तरह रहे फ़िर भाभी ने कपड़े पहनने शुरु कर दिये मैने भी अपने कपड़े पहन लिए फ़िर मैने कहा मेरा मन तुम्हारी चूत को चोदने को कर रहा है भाभी ने कहा फ़िर किसी दिन करेंगे मैं जब चलने लगा तो भाभी ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया हम दोनो एक दूसरे को पकड़ कर काफ़ी देर तक खड़े रहे तभी घड़ी ने ४ बजे की घंटी बजाई तो भाभी ने छूटते हुए कहा अब घर जाओ कल मैं नहीं रहूंगी जब मैं आ जाउंगी तो तुम आना। दूसरे दिन मुझे भाभी की याद आती रही। आगे की कहानी बाद में।

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