मम्मी से बदला लिया सौतेले बाप से चुदकर-3

(Mom Se Badla Liya Sautele Baap Se Chudkar- Part 3)

नीतू पाटिल 2018-11-08 Comments

बाप बेटी सेक्स की इस कहानी के दूसरे भाग
मम्मी से बदला लिया सौतेले बाप से चुदकर-2

में आपने पढ़ा कि मैं कामवासना से जल रही थी, अपने कमरे में ब्ल्यू फिल्म देख कर अपनी चूत में उंगली कर रही थी. मैं अपने पापा से चुदना चाहती थी और पापा भी मुझे चोदने के लिए मेरे कमरे में आये थे. लेकिन आँख की शर्म के कारण हम खुल नहीं पा रहे थे.

अब आगे:

वे उठकर जाने लगे, मुझे यह मौका नहीं गंवाना था; यही मौका था मेरी मम्मी से बदला लेने का। खुद तो रंडी की तरह चुदती है और मुझे मेरे बॉयफ्रेंड के साथ चुदने से रोकती है। मेरी मम्मी के प्रति घिन इस तरह बढ़ गई थी कि मैं खुद अपनी चुत की आग सौतेले बाप के साथ शांत करने की सोच रही थी।
“ओके पापा … पर यह सीक्रेट किसी को पता ना चलने पाए!”
“डोंट वरी… मैं किसी को कुछ भी नहीं बताऊँगा.” पापा बेड पर मेरे नजदीक बैठते हुए बोले।

मैंने फिर से वह फ़िल्म शुरू कर दी, पापा बिल्कुल मेरे नजदीक बैठे थे तो उनका कंधा मेरे कंधे से टकरा रहा था। हीरो हिरोईन को किस करते हुए उसके मम्मे दबा रहा था। थोड़ी देर बाद उसने हिरोईन का गाउन उतार दिया और उसके खड़े निप्पल्स को मुँह में लेकर चूसने लगा और उसकी चुत को पैंटी के अंदर हाथ डाल कर रगड़ने लगा।

हम दोनों का ध्यान फ़िल्म पर कम एक दूसरे पर ज्यादा था, एक दूसरे की ओर देखते हुए जब भी हमारी नजर टकरा जाती, हम फिर से फ़िल्म देखने का नाटक करते।

थोड़ी देर बाद पापा ने अपना हाथ पीछे से ले जाकर मेरे कंधे पर रख दिया तो मेरी हल्की सिसकारी निकल गयी। फिर उनका हाथ मेरे कंधे पर घूमने लगा।

अब तक फ़िल्म में उस हीरो ने हिरोईन को पूरी नंगी कर दिया था और उसको चूम रहा रहा तो दूसरी तरफ उसकी चुत में उंगली चला रहा था।

तभी मुझे मेरी गर्दन पर पापा की गर्म सांसें महसूस हुई, उनकी तरफ देखने के लिए मुड़ी तो मेरी नाक उनके होंठों से रगड़ खा गई.
और उसी समय पापा मेरी गर्दन को पकड़ते हुए मुझे किस करने लगे। शुरू शुरू में मैं उन्हें दूर धकेलने का प्रयास करने लगी पर उनकी ताकत के सामने मेरा टिकाव नहीं लगा। पहले नीचे के फिर ऊपर के होंठों को चूसते हुए एक जबरदस्त किस देकर वे पीछे हटे।

“कैसा लगा?”
“यह सही नहीं है… मैं आपकी बेटी हूँ… हम यह गलत कर रहे हैं.”
“कम ऑन नीतू… तुम मेरी बेटी हो लेकिन सगी नहीं… समझी!”
“सौतेली ही सही पर मैं आपकी बेटी ही हूँ ना…”
“प्लीज नीतू …ये सही गलत मुझे मत सिखाओ… इतना ही गलत होता तो कल मैं तुम्हारी मम्मी को चोद रहा था तब तुम आँखें फाड़ कर नहीं देखती…” उन्होंने मुझे और करीब खींचते हुए बोला।

“पर पापा… मम्मी को पता चला तो…” आखिरकार मेरा झूठमूठ का विरोध खत्म हो गया और मेरे मन की बात मैंने उनसे बोल दी।
“नीतू… उसका डर मन से निकाल दो… अभी बस हमारे बारे में सोचो… तुम एक औरत हो और मैं एक आदमी… यह बाप-बेटी वाली बात भी मन से निकाल दो… और सिर्फ एन्जॉय करो.” कहते हुए उन्होंने मेरी गर्दन पर किस करना शुरू कर दिया।
“आहऽऽऽ… पापा…उम्म…” उनके स्पर्श से मेरी मादक सिसकारियाँ निकालनी शुरू हो गई।
“उम्म… यू आर सो स्वीट नीतू… तुम्हें खाने का मन कर रहा है.”
“तो खाओ ना पापा किसने रोका है?”

मेरी बात पर उन्होंने मेरी गर्दन पर हल्का सा काटा तो मैं दर्द से कराह उठी पर उन्होंने अपना काम चालू रखा। मुझे किस करते करते उन्होंने एक हाथ मेरी टॉप के अंदर सरका दिया और मेरे स्तनों से खेलने लगे।
उनकी हरकतों से मेरे निप्पल्स खड़े हो गए थे और पापा उन्हें अपनी उँगलियों में पकड़कर मसलने लगे, मेरी उत्तेजना हर बीतते सेकण्ड से बढ़ रही थी।

अब उन्होंने मेरी टॉप ऊपर से उतार दी और स्कर्ट की चैन खोल कर स्कर्ट भी नीचे से उतार दी। अब मैं सिर्फ ब्रा और पैंटी में उनके सामने थी, पैंटी भी इतनी छोटी थी कि मानो ना के बराबर, पाव रोटी की तरह फूले हुए मेरी चुत के होंठ उस जाली वाली पैंटी में साफ साफ दिखायी दे रहे थे और पीछे की और वह मेरी गांड की दरार में घुस गई थी। ब्रा से मेरे आधे से ज्यादा स्तन बाहर निकले हुए थे.

पापा मेरा अर्धनग्न शरीर अचंभित हो कर देख रहे थे- मार्वलस… नीतू तुम तो किसी संगेमरमर की मूरत की तरह हो.
“उम्म… पापा…” मेरे मुँह से इतने ही शब्द बाहर निकले।

और अगले ही पल पापा ने मेरे बचे हुए कपड़े भी उतार मुझे नंगी किया और मुझे बैड पर लिटाते हुए मेरी टाँगें खोल दी। पापा मेरी टाँगों के बीच बैठ गए और अपनी उँगलियों से मेरी चुत की पंखुड़ियों को खोला। मैं उनके स्पर्श से पागल हो गई, दाँटों तले होंठ दबाकर मैं उनके आगे बढ़ने की राह देखने लगी।

उन्होंने भी ज्यादा समय न गंवाते हुए अपना चेहरा मेरी चूत के नजदीक ले गए और उसकी खुशबू सूंघने लगे- उम्म… आहह… नीतू… अमेजिंग स्मेल है तुम्हारी चुत की… उम्म… मैं तो पागल हो गया हूं…”
और अगले ही पल उन्होंने मेरी चुत को चूमा।

उनके होठों के स्पर्श से मेरा पूरा बदन रोमांचित हो गया, उनके बालों में उंगलियाँ घुमाते हुए मैंने उनके सिर को हल्का सा चुत पर दबाया। उनको मेरा इशारा समझ में आ गया और वे मेरी चुत को चाटने लगे, ग़ुलाबी पंखुड़ियों को उँगलियों से खोलते हुए उनकी लपलपाती हुई जीभ मेरी चुत को चाटने लगी।

उनके चाटने से मेरी कामुकता बढ़ने लगी, मेरी सिसकिया ज़ोरों से निकलने लगी। उत्तेजना में मैं अपने स्तन को अपने ही हाथों से दबाते हुए मेरे खड़े निप्पल्स को मसलने लगी- उम्म… आऽऽऽ… पापा… यू आर किलिंग मी… आहऽऽऽऽ… ऐसे ही करो…पापा… उफ्फ…
मेरी कामुक बातें सुनकर पापा और भी जोश में आ गए और जबान के साथ उंगली भी मेरी चुत के अंदर बाहर करने लगे। उनकी हरकतों से मैं अपने शिखर पर पहुँचने लगी, अपनी जीभ खड़ी कर के वह उसको ज्यादा से ज्यादा चुत के अंदर डालने का प्रयास करने लगे।

धीरे धीरे मेरी उत्तेजना अपने चरम पर पहुँची और मेरा बदन अकड़ने लगा। उनको मेरी स्थिति का अंदाजा हो गया और उन्होंने मेरी जाँघों को कस कर पकड़ा और अपने होठों से मेरी चुत को कवर किया, अगले ही पल मैं ज़ोरों से झड़ने लगी। पापा ने मेरा सारा रस चाट लिया, कुछ रस तो उनके चेहरे पर भी उड़ा हुआ था। वह किसी कुत्ते की तरह मेरी चुत चाटकर साफ कर रहे थे।

“ओहऽऽऽ… पापा…यु आर अमेजिंग…”

अब तक तो पापा मेरे पास होकर अपने हाथों से मेरे स्तनों से खेलना शुरू कर दिया था।
“यस डिअर… वो तो मैं हूँ ही… पर तुम भी कुछ कम नहीं हो.” कहते हुए उन्होंने मेरे होंठों पर अपने होंठ रखकर चूमना शुरू कर दिया।
“आर यू रेडी टू फ्लाई इन दी एयर बेटा?” उन्होंने मुझे कामुकता से देखते हुए पूछा.

नीचे पापा का खड़ा हुआ लंड मेरी जांघों से रगड़ खा रहा था। मैंने अपना हाथ नीचे कर के उसको हल्के से दबाया तो पापा के मुँह से सिसकारी निकल गयी। मेरे हाथों में आने के बाद वह झटके मारने लगा।
“पापा … मैं पहली बार इतना लंबा और बड़ा लेने वाली हूँ.” मैं शर्माते हुए बोली।
“ओहऽऽऽ… नीतू… शर्माओ मत… मैं पापा हूँ तुम्हारा… मैं ठीक से खयाल रखूँगा अपनी बेटी का!”

“पर आप का लंड कितना मोटा है!”
“चिंता मत करो नीतू यह जब तुम्हारी चुत में घुसेगा ना … फिर देखो कैसी परी की तरह हवा में उड़ोगी!”
“आह… परी तो हूँ मैं मेरे पापा की…”
“तुम परी नहीं हो अब… रंडी हो मेरी …”
“आह… पापा, अपनी बेटी को कोई ऐसा बोलता है क्या?”

तब तक पापा मेरे ऊपर आकर लेट भी गए थे, उनका कड़क लंड मेरी चुत के आसपास की जगह पर रगड़ खा रहा था। उसके स्पर्श से मेरी चुत गीली होने लगी थी, थोड़ी देर बाद पापा ने मेरे पैर फैला दिए और अपने लंड को चुत की दरार पर रख कर धक्का दिया। मेरी चुत पहले से ही खुली हुई थी तो ज्यादा तकलीफ नहीं हुई पर जैसे जैसे उनका लंड अंदर घुसता गया मुझे दर्द होने लगा। उनका आधे से ज्यादा लंड मेरी चुत में घुसा हुआ था और धक्कों के साथ साथ उनका पूरा लंड मेरी चुत में घुस गया।

“आऽऽऽ मम्मी… मर गयी… पापा ईट्स हर्टिंग मी…नहीं…” अपने होंठ दाँतों तले दबाकर मैं कराहने लगी, उन्होंने अपना लंड मेरी चुत में ही रखा और नीच झुककर मेरे होंठ चूसकर मुझे शांत करने की कोशिश करने लगे। दर्द से मेरी चुत में जलन होने लगी थी, नाखुनों से उनकी बाहें नोचते हुए मैं नार्मल होने का प्रयास करने लगी।

“नीतू… आर यू ऑलराइट?” पापा ने मुझे पूछा।
“हाँ पापा… पर आपका लंड बहुत लंबा और बड़ा है ना… इसकी वजह से दर्द हुआ… बट आए एम ओके नाउ!”

पर तभी उन्होंने अपना लंड झट से खींच कर बाहर निकाला और बैड के पास खड़े हो गए.
“क्या हुआ पापा?” मैं आश्चर्य से बोली।
“मैंने तुम्हें बोला था ना … मम्मी के सब काम तुम्हें करने है… तो चलो मैं तुम्हें मम्मी की जगह भी दे देता हूँ.” कह कर उन्होंने अपनी बाहें फैला दी।

मैं उनकी तरफ सरकी और अपनी बाँहों से उनकी गर्दन पकड़ ली और पैरों से उनकी कमर को पकड़ लिया। पापा मेरे पूरे भार को अपने शरीर पर झेलते हुए रूम के बाहर जाने लगे, चलते हुए भी वे बारी बारी से मेरे मम्मे चूस रहे थे और हाथों से मेरे नितम्ब मसल रहे थे।

अब हम मास्टर बेडरूम में आ गए, जिस बेड पर कल रात को मम्मी रंडी की तरह चुद रही थी, उसी बेड पर आज पापा ने मुझे लिटा दिया और मेरी टाँगों के बीच आ गए।
“नीतू… अपनी मम्मी की जगह लेकर खुश हो न?” मेरे जवाब की राह न देखते हुए उन्होंने लंड झट से अंदर घुसा दिया।
“आह… पापा… दुखता है ना…”
“बेटा अब जब मम्मी की जगह ली है तो मम्मी जैसा चुदना भी पड़ेगा.”
“आह… पापा आपका लंड मस्त अंदर घुस रहा है… उम्म… जैसे मानो अंदर गड्डा खोद रहा हो.”
“ओह्ह… मेरी बेटी… मेरी बिल्ली हो तुम… कितने दिन से राह देख रहा था मैं इस पल की… आज जाकर मेरी हसरत पूरी हुई.”
“उह आप कर लो सारी हसरतें पूरी… मैं आज से मम्मी के सारे काम करूंगी…” नीचे से कमर उठाते हुए मैं उनको साथ देने लगी।

हम दोनों के बीच संभाषण भी बढ़ता गया और उसके साथ ही धक्कों की गति भी बढ़ती गयी। पूरा कमरा हमारी कामुक सिसकारियों से गूंज रहा था, नीचे उनकी गोटिया हर धक्के के साथ मेरी गांड पर टकरा रही थी और ऊपर मेरे स्तन ऊपर नीचे हिल रहे थे।
कुछ देर बाद पापा मेरी टाँगें अपने कंधे पर रखते हुए सटासट लंड के वार मेरी चुत में करने लगे। उस पोजीशन में उनका लंड किसी गर्म लोहे की रॉड की तरह मेरी बच्चेदानी से टकरा रहा था।

पापा मेरी आंखों में आँखें डाल कर मुझे चोद रहे थे, चुदते वक्त उनके कसरती शरीर को देख कर उनके प्यार में ही पड़ गई। मेरे सगे पापा जिंदा होते हुए भी मेरी मम्मी ने सौतेले पापा से संबंध क्यों रखे और उनके गुजर जाने के बाद उनसे शादी क्यों की… इन सभी सवालों के जवाब आज मुझे मिल गए थे। उनका जोश और चोदने की तकनीक कुछ और ही थी, उनके जैसा पार्टनर मिलना सच में भाग्य की बात थी।

बीस पच्चीस मिनट हो गए थे, दो तीन आसनों में मुझे चोदकर उन्होंने मुझे दो बार झड़वाया था पर खुद एक भी बार नहीं झड़े थे।
“आहऽऽऽऽ … मेरी बच्ची… मैं झड़ने वाला हूँ… अंदर डालूं क्या?”
“नो पापा… मुझे आपका पानी चखना है… आई एम नॉट इन अ सेफ डेज…”

मेरे शब्द सुनते ही उन्होंने झट से अपना लंड मेरी चुत से बाहर निकाला और मेरे मुँह के करीब लाकर हिलाने लगे। उनके लंड को मैंने भी मुट्ठी में पकड़कर हिलाते हुए अपना मुँह खोल दिया और अगले ही कुछ सेकण्ड्स में उनके वीर्य की पिचकारियां मेरे चेहरे को भिगोने लगी। ज्यादातर पिचकारियां मेरे मुँह में गयी पर कुछ कुछ मेरे गालों पर और गर्दन पर भी उड़ी, वीर्य से सने चेहरे से ही मैंने अपने पापा की तरफ देखा तो उनकी आंखों में सैटिस्फैक्शन साफ झलक रहा था। सारा वीर्य मेरे चेहरे पर खाली करते हुए वे मेरे पास लेट गए।

मैं ज्यादा से ज्यादा वीर्य चाट कर खा गई और बचा हुआ साफ करने के लिए बाथरूम में चली गई। मैंने अपनी चुत पर हाथ घुमाया तो ऐसा लगा कि मानो फूल गयी हो, पापा के मूसल ने उसे अंदर तक खोल कर रख दिया था।
शावर चालू कर के मैंने खुद को साफ किया, चुत को अच्छे से धोकर मैं बेडरूम में आ गई।

अंदर पापा मेरा ही इंतजार कर रहे थे फिर हम उसी रूम में एक दूसरे की बांहों में लेटकर सो गए।
उस रात के बाद जब तक मम्मी वापिस नहीं आई हम उसी बेडरूम में सोये।

और उसके बाद मुझे किसी को घर बुलाने की जरूरत ही नहीं पड़ी, जब तक मैं शादी कर के किसी की पत्नी बनकर उस घर से चली गई उस वक्त तक मैं अपने पापा की दूसरी पत्नी बनकर उस घर में रही।

दोस्तो मेरी कहानी कैसी लगी मुझे मेल करें। मेरा मेल आई डी है [email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top