प्यास बुझती नहीं

(Pyas Bujhti Nahi)

आरज़ू 2004-01-19 Comments

अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा नस्कार। कैसे हैं आप लोग?
मुझे आप लोगों के बहुत सारे मेल मिले जिनमें मेरी कहानियों की तरीफ़ थी। मैं आप सबका खुले दिल और खुली चूत के साथ शुक्रिया अदा करती हूँ। आप सबको पता होना चाहीये कि आज मैंने अपनी चूत के बाल साफ़ किये है और अब फ़िर से मेरी चूत तनतना गई है किसी कोरी कमसिन लड़की की तरह।

हाँ तो दोस्तो, अब मैं अपनी कहानी शुरु करती हूँ जिसमें एक बार फ़िर से अब्बु और भैया ने मुझे चोदा।

उस दिन हुआ यह था कि मैं बहुत चुदासी थी और अम्मी नानी के घर गई हुई थी। यह तो आप लोग जानते ही है कि मेरी पहली चुदाई भी अब्बु ने ही की थी और फ़िर अम्मी ने भैया से भी चुदवाया था और अब वो लोग अकसर मुझे चोदा करते थे।

मगर इधर बहुत दिन से अब्बु अम्मी की फ़ैली हुई चूत में मस्त थे और भैया ने कोई दूसरी गर्ल फ़्रेन्ड फ़ंसा ली थी और मुझ पर ध्यान देना छोड़ ही दिया था।तब आखिर अम्मी के बाहर जाते ही मैंने सबसे पहले अपनी झांटे बनाई और रात को अब्बु के कमरे में गई।

अब्बु कोई मूवी देख रहे थे और मुझे देख कर बोले- बेटी, क्या हुआ आज बहुत दिन बाद अब्बा की याद आई?

तब मैंने कहा- आप तो अम्मी जान की चूत में ही फ़ंसे रहते हैं अब आपको मेरा ज़रा भी खयाल नहीं ! आपने मुझे कितने दिनों से नहीं चोदा है।

तब अब्बु ने दुलार जताते हुए कहा- ऊऊओह्ह ह्ह मेरी प्यारी रानी बेटी आजा, आज तुझे फिर से चोदता हूँ !

और यह कह कर उन्होंने डीवीडी बदल दी।

अब उसमें एक ब्ल्यू फ़िल्म चलने लगी। जिसमें एक छोटी सी लड़की को पाँच आदमी चोद रहे थे। जिसे देख कर मेरी आँखें बाहर आ गई और मैंने अब्बु से कहा- अब्बा यह बच्ची इन पांचों को एक साथ झेल रही है और उसको कितना मज़ा आ रहा है जबकि इसकी उम्र भी अभी ज्यादा नहीं होगी।

तब अब्बु बोले- मेरी बच्ची, ये साले अंग्रेज लोग ऐसे ही होते हैं। साली इतनी सी है और तुम खुद ही देखो कि कैसे मज़े ले लेकर पांच पांच लण्डों का मज़ा एक साथ ले रही है। जबकि इसमें एक इसका बाप और एक भैया के अलावा तीन बाहर वाले हैं।

अब ये सब देख कर भला मेरी चूत में खाज़ क्यूं नहीं उठेगी।

तब मैंने अब्बु से कहा- अब्बु, मैं तो आप और भैया से ही चुदवाकर पनाह मांग लेती हूँ।
अब्बु ने कहा- जा बगल के कमरे से अफ़ाक को बुला ला। साला लण्ड हाथ में पकड़े सो रहा होगा।

तब मैं भैया के कमरे की तरफ़ बढी और देखा तो सच में वो अपने लण्ड को हाथ में लेकर सड़का मार रहा था।

मैं जल्दी से बढ़ते हुए बोली- हाय भैया, क्या गज़ब कर रहे हो। भला घर में इतनी खूबसूरत बहन होते हुए तुम्हें यह सब करना पड़े तो लानत है मेरी जवानी पर !

और मैंने झट से उनका लण्ड अपने कोमल हाथ में ले लिया, बड़े प्यार से सहलाने लगी और जल्दी जल्दी हाथ आगे पीछे करने लगी और फ़िर झट से मुँह में लेकर चूसने लगी और तब भैया का लण्ड पूरी औकात में आ गया और वो मेरे बालों को पकड़ते हुए जोर जोर से धक्का मारने लगे और फ़िर जल्दी ही उनका पानी मेरे मुँह में गिरा जिसे मैं चपर चपर करते हुए चाट गई और भैया से बोली- चलो अब्बु बुला रहे हैं, आज फ़िर से तुम दोनों मुझे चोदकर मज़ा दो।

और भैया का लण्ड पकड़ कर अब्बु के कमरे में ले आई और भैया को देखते ही अब्बु बोले- मैंने कहा था साला मुठ मार रहा होगा।

तब मैंने कहा- अब्बु, आप बहुत तजुरबेदार हैं, सच में भैया सड़का मार रहे थे।

और फ़िर मैंने अब्बु का लण्ड अपने मुँह में ले लिया और भैया पीछे से मेरी गाण्ड पर अपना लण्ड रगड़ते हुए अन्दर डालने की कोशिश करने लगे।

तब मैंने कहा- अब्बु जी, मैं भी ब्ल्यू फ़िल्म वाली लड़की की तरह पांच जनों से एक साथ ही चुदाना चाहती हूँ।
अब्बा ने कहा- बेटी, तू नहीं झेल पायेगी एक साथ पांच पांच को।

मगर मैं तो पूरी तरह से चुदासी हो ही चुकी थी, मैंने कहा- कान खोल के सुन लो आप दोनो को मुझे पांच जन से एक साथ चुदाना है तो चुदाना है। अगर कल आप लोग ने मुझे पांच जन से नहीं चुदवाया तो बहुत बुरा होगा।

तब अब्बु ने कहा- अच्छा अच्छा मेरी रानी बेटी, मैं तो तेरे भले के लिये ही कह रहा था। अगर तेरी चूत फ़ट गई तो परेशानी तो हमीं लोगो को होगी। मगर जब तू नहीं मान रही तो मेरे बला से। अब चल आज तो हम दोनों से चुदवा ले !

यह कह कर उन्होंने फ़िर से अपना मूसल जैसा लण्ड मेरे मुँह में जोरदार धक्के के साथ अन्दर धकेल दिया और तभी भैया ने पीछे से मेरी गाण्ड फ़ैलाकर इतनी जोर से धक्का मारा कि मुझे नानी याद आ गई ऊऊउईई माआआ मर गई आआह्हहह भैया जरा धीरे से धक्का मारो तू तो नानी याद दिला रहा है।

तब अब्बु ने कहा- बेटी, चाहे जिसका नाम ले पर नानी का नाम ना ले।
तब मैंने कहा- क्यूं?
तब अब्बु बोले- तेरी नानी की चूत मैंने मारी थी और कई साल तक मैं उसकी चूत चोदता रहा था।

तब मेरे साथ साथ भैया का मुँह भी खुला रह गया, तब भैया ने कहा- अब्बु, क्या आपने नानी को चोदा है?

अब्बु ने कहा- हां यार, साली मेरी सास बहुत मस्तानी थी। तुझे तो पता ही है कि तेरी अम्मी की कम उमर में शादी हुई थी। जब मेरी शादी हुई थी मैं 19 साल का था और तेरी अम्मी 18 साल की थी और मेरी सास सिर्फ़ 34 साल की थी। मगर मेरे ससुर की उमर करीब 42 साल थी, वो तुम्हारी नानी को खुश भी नहीं कर पाता था। जाने भी दो इन बातों को, अभी तो फ़िलहाल चुदाई का मज़ा लो। उसकी चुदाई के बारे में फ़िर कभी बताऊँगा।

और तब भैया पीछे से मेरी गाण्ड मार रहे थे और अब्बु आगे से मेरे मुँह में अपने लण्ड को धक्के लगा रहे थे।

अब मुझे भी मस्ती आने लगी और मैं अपने मुँह और गाण्ड को आगे पीछे करते हुए धक्के लगाने लगी थी और तब भैया झड़ गये थे। मगर अब्बु जी अभी भी नहीं झड़े थे और उन्होंने मुझे बेड पर खड़ा होने को कहा।

मैं खड़ी हो गई और तब अब्बु ने मेरे दोनों पैर अपने कन्धे के दायें बायें किए और मेरी चूत को मुँह में भर कर चूसने लगे। मैं बुरी तरह तप रही थी और अपने अब्बु का मुँह जोर जोर से अपनी चूत पर दबाने लगी। तब ही अब्बु खड़े होने की कोशिश करने लगे और मेरा बैलेन्स बिगड़ने लग।

तब मैंने घबरा कर कहा- आआअह्हह अब्बु क्या कर रहे है मैं गिर जाऊँगी !

मगर अब्बु नहीं माने और वो मुझे अपने कंधे पर बैठा कर खड़े हो गये। अब मैं अपनी दोनों टांगें उनकी गरदन में कस कर लपेटे हुए थी और अपनी चूत को उनके मुँह से दबाते हुए उनके सिर को भी जोर जोर से दबा रही थी और भैया आंख फ़ाड़े हुए अब्बु के इस पोज़ को देख रहा था और कसम से मज़ा तो हमें भी बहुत आ रहा था।

इस तरह से कोई पहली बार मेरी चूत चाट रहा था और थोड़ी देर बाद ही मैं ऊऊओहह्ह ऊओह्ह आह्हह आआअह्ह करते हुए झड़ गई और अब्बु का रस भी नीचे से पिचकारी की तरह बहने लगा और तब अब्बु मुझे नीचे उतारते हुए बेड पर लेटकर तुरंत अपने झड़े हुए लण्ड को मेरी दोनों चूचियों के बीच में रगड़ने लगे और मैं उनके नोक की तरह लण्ड की टोपी को मुँह में लेने की कोशिश कर रही थी। पर अब्बु जल्दी जल्दी आगे पीछे कर रहे थे।

तब मैंने कहा- अब्बु, अपना लण्ड मेरे मुँह में दीजिये। आपका सारा माल बेकार ही जाया हो रहा है।

तब अब्बु ने अपने लण्ड को दोनों चूची के बीच से हटा कर मेरे मुँह में डाल दिया और मेरी चूची दबाने लगे और इस तरह से उनके लण्ड से थोड़ा सा रस और निकला, जिसे मैं चाट गई और फ़िर अब्बु ने अपना लण्ड मेरी गाण्ड में ठूंस दिया और उस दिन अब्बु और भैया दोनो ने मेरी गाण्ड ही मारी थी। मेरी बुर के साथ कोई हरकत नहीं की थी और फ़िर रात को दुबारा भी उन लोगों ने मेरी गाण्ड एक एक बार और मारी अब मेरी गाण्ड फ़ड़फ़ड़ा रही थी।

सुबह अब्बु ने कहा- क्यों रानी बेटी, क्या खयाल है? क्या अब भी पांच जन से चुदवाओगी?
मैंने गुस्से से कहा- साला बेटीचोद भोसड़ी वाले, कहा ना चुदवाना है तो चुदवाना है।
तब अब्बु मुस्कुरा कर बोले- कोई बात नहीं, आज रात तैयार रहना, आज पांच लोगों को लेकर आऊँगा !

और फ़िर मुझे अब्बु से नानी की चुदाई की बात भी जाननी थी। आज रात मुझे पांच जन से एक साथ चुदाई का मज़ा आने वाला है मगर मुझे अफ़सोस है कि अन्तर्वासना बहुत सी पाठिकाओं को शायद आज भी कोई लण्ड नसीब नहीं हुआ होगा और उन्हें मोमबत्ती से काम चलाना पड़ता होगा क्योंकि हर लड़की मेरी तरह बाप और भैया से नहीं चुदवा सकती।

खैर मैं पांच जन की चुदाई दास्तान आज रात चुदाने के बाद अगली बार आप सबको बताऊँगी। तब तक सभी लड़कियाँ मोमबत्ती और लड़के जो भी चीज़ उनको आसान लगे उससे काम चला लेवें।

और हाँ मुझे इसी तरह मेल करते रहियेगा।
[email protected]

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