रैगिंग ने रंडी बना दिया-71

(Papa Se Sex: Ragging Ne Randi Bana Diya- Part 71 )

पिंकी सेन 2017-11-09 Comments

This story is part of a series:

अब तक की इस पापा से सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा था कि रात को सुमन गुलशन जी से अपना सर दबवाते हुए सोने का नाटक करने लगी थी और गुलशन जी ने उत्तेजित होकर सुमन की टी-शर्ट को ऊपर उठा कर उसके एक चूचे को अपने हाथ में लेकर दबाना चालू कर दिया था.
अब आगे..

गुलशन जी को लगा कि सुमन गहरी नींद में है, तो वो थोड़ा खुलकर उसके मम्मों को सहलाने लगे.. उसके निप्पलों को छेड़ने लगे. थोड़ी देर ऐसा करने के बाद उन्होंने एक निप्पल अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसना शुरू किया. मगर ये कुछ ज़्यादा हो रहा था और सुमन के लिए अब अपने आपको रोक पाना मुश्किल था. वो नींद में फिर खुजाने के बहाने हिली और उसने अपनी टी-शर्ट को नीचे कर दिया. इस हरकत के कारण गुलशन जी फ़ौरन उससे अलग हो गए.

सुमन- ओह गॉड.. ये पापा तो कुछ ज़्यादा ही गर्म हो गए हैं.. अब क्या करूँ ऐसे तो इन्हें पता लग जाएगा कि मैं उठी हुई हूँ.. हे भगवान कोई आइडिया दो.. मैं कैसे इन्हें शांत करूँ.

गुलशन जी थोड़ी देर वैसे ही शांत बैठे रहे.. जब उनको लगा सुमन शांत है. तो उन्होंने अबकी बार सुमन का पजामा धीरे से नीचे किया और उसकी चुत को देख कर हल्के से बोल पड़े- वाह, क्या मस्त चुत है तेरी सुमन.. कोई नसीब वाला ही होगा जिसे तू मिलेगी. अब तूने मेरी आग तो भड़का दी है.. मगर इस लंड को कैसे शांत करूँ. तेरे साथ ज़्यादा कुछ कर भी नहीं सकता, तू जाग गई तो बहुत बड़ी गड़बड़ हो जाएगी.

गुलशन जी बड़बड़ा रहे थे मगर अबकी बार सुमन ने एकदम ध्यान दिया तो उसे सब समझ आ गया. तभी उसके दिमाग़ में एक आइडिया आया और वो नींद में बोलने लगी.
सुमन- उम्म्म टीना प्लीज़, मुझे भी आईसक्रीम चूसनी है.. उम्म दो ना प्लीज़..

सुमन ने अपना मुँह खोल दिया था गुलशन जी ने सोचा नींद में अपनी सहेली के साथ बात कर रही है. सुमन का खुला हुआ मुँह देख कर गुलशन जी से रहा नहीं गया, वो उसके पास खड़े हो गए और धीरे से अपना सुपारा उसके होंठों पर टिका दिया.

सुमन तो ऐसे ही किसी मौके की तलाश में थी. उसने सुपारे को चाटना शुरू किया और मुँह में पूरा लंड लेने की कोशिश करने लगी, मगर गुलशन जी का लंड काफ़ी मोटा था और सुमन नींद में थी तो ऐसे कैसे ले लेती. इससे तो उसकी चोरी पकड़ी जाती मगर उसका ये काम उसके पापा ने आसान कर दिया.

गुलशन जी ने लंड पर दबाव बनाया और सुपारा उसके मुँह में घुसा दिया. अब सुमन धीरे-धीरे अपने पापा का लंड चूसने लगी.

गुलशन- आह.. सुमन तेरी आईसक्रीम के चक्कर में तू अपने पापा का लंड चूस रही है.. उफ्फ बहुत मज़ा आ रहा है.

ये खेल आगे चलता.. इससे पहले एक गड़बड़ हो गई.. बाहर जोर की आवाज़ हुई शायद कोई बर्तन गिरा था और उस आवाज़ के होते ही गुलशन जी ने जल्दी से लंड मुँह से निकाला और लुंगी में डाल लिया.

ना चाहते हुए भी सुमन की आँख खुल गई, शायद घबराहट की वजह से ऐसा हुआ था. मगर उसकी आँखें खुलीं तो सीधे गुलशन जी की आँखों से मिल गईं. अब सुमन का दिमाग़ कंप्यूटर की तरह चलने लगा. एक ही पल में उसने बात को संभाल लिया.

सुमन ने एक जोरदार अंगड़ाई ली, जैसे वो बहुत गहरी नींद से जागी हो.

सुमन- उम्म्म उम्म्म पापा.. क्या हुआ इतनी जोर से आवाज़ आई.. मैं डर गई कैसी आवाज़ थी ये? और आप अभी तक यहीं हो.. मुझे कब नींद आई, पता भी नहीं चला.
गुलशन- अरे कुछ नहीं बिल्ली होगी शायद.. तू सो जा.. मैं जाकर देखता हूँ.
सुमन- पापा मुझे डर लग रहा है.. प्लीज़ आप देख कर वापस आ जाना. मैं सो जाऊं फिर आप चाहें तो चले जाना.
गुलशन- अच्छा ठीक है.. तू रुक, मैं बाहर देख कर आता हूँ.

गुलशन जी बाहर चले गए और सुमन बिस्तर पे बैठ गई.

सुमन- शिट.. ये क्या किया मैंने.. मुझे ऐसे अचानक आँख नहीं खोलनी चाहिए थी. कहीं पापा को कुछ शक हो गया तो..! अब क्या करूँ वैसे पापा का लंड काफ़ी मोटा है शायद.. इसी लिए मेरे मुँह में नहीं जा रहा था. काश एक बार में देख पाती. अब पापा वापस आएँगे तो क्या करूँ.. कैसे उनको शांत करूँ, कुछ समझ में नहीं आ रहा.

तभी..
गुलशन- मैंने कहा था ना बिल्ली होगी. उसको मैंने भगा दिया. चल अब तू सो जा, रात बहुत हो गई है. मैं अपने कमरे में जाता हूँ.. नहीं तेरी माँ उठेगी और मुझे वहां नहीं देखेगी तो घबरा जाएगी.

सुमन की ज़रा भी हिम्मत नहीं हुई कि वो कुछ बोले या उन्हें रुकने को कहे. उसने बस ‘हाँ’ में गर्दन हिला दी और चादर लेकर सो गई.
गुलशन जी ने कुछ सोचा, फिर वो भी कमरे में चले गए. अब उनको कहाँ नींद आने वाली थी. बस बार-बार सुमन के चूचे और चिकनी चुत ही उन्हें दिखाई दे रही थी. उनका लंड बैठने का नाम नहीं ले रहा था. वो उठे और एक बार सुमन के कमरे के पास जाकर रुके, जब उन्हें लगा सुमन सो गई तो वो टॉयलेट में जाकर लंड को सहलाने लगे.

अब आपको बता दूँ कि सुमन भी सोयी नहीं थी, वो भी उन्हीं पलों को याद कर रही थी. तभी उसे अहसास हुआ कि कमरे के बाहर कोई है तो वो सोने का नाटक करने लगी. जब गुलशन जी टॉयलेट में चले गए, तो वो धीरे से कमरे से बाहर आई और टॉयलेट के पास जाकर रुक गई.

गुलशन जी अन्दर बैठे अपने लंड को सहला रहे थे और सुमन को याद कर रहे थे.

गुलशन- आह.. सुमन बेटी… ये तूने क्या कर दिया.. उफ्फ तेरे हुस्न को देख कर आज तेरा बाप पागल हो गया. देख लंड कैसे अकड़ा हुआ है.. उफ्फ मैं तेरे होंठों का स्पर्श अभी तक महसूस कर रहा हूँ.. आह.. आह.. चूस ले सुमन.. जोर से चूस आह.. मज़ा आ रहा है.

अपने पापा के मुँह से अपने बारे में ऐसी गंदी बातें सुनकर सुमन भी उत्तेजित हो गई और उसने वहीं खड़ी रह कर अपने पजामे को नीचे किया. अब वो अपनी चुत को उंगली से रगड़ने लगी थी.

अब सीन देखिए.. अन्दर बाप और बाहर बेटी वासना की आग में जल रहे थे.

काफ़ी देर तक गुलशन जी सुमन के नाम की मुठ मारते रहे और आख़िर उनके लंड ने पानी छोड़ ही दिया, इधर सुमन भी झड़ चुकी थी. उसका पूरा हाथ रस से भीग गया था. उसने जल्दी से पजामा ऊपर को किया और जल्दी से अपने कमरे में जाकर लेट गई.

सुमन- उफ्फ ये मुझे क्या हो गया था. मैं कैसे बाहर अपनी चुत को रगड़ रही थी. अगर माँ आ जातीं तो सस्स.. आज पानी निकालने में इतना मज़ा क्यों आया.. क्या पापा के बारे में सोच कर? नहीं नहीं.. ये ग़लत है. मुझे बस पापा को किसी और के साथ सेक्स करने के लिए तैयार करना है, इससे ज़्यादा कुछ नहीं.

सुमन ऐसे ही सोचती हुई सो गई और उधर गुलशन जी पानी निकालने के बाद भी शांत नहीं हुए. वो बस रात भर सुमन के बारे में सोचते रहे और आख़िरकार उन्हें भी नींद ने अपने आगोश में ले लिया.
सुबह का सूरज क्या नई कहानी लेकर आएगा, ये तो सुबह ही पता लगेगा.

रोज की तरह गुलशन जी जल्दी उठ गए और चाय पी रहे थे. जब बहुत देर तक सुमन अपने कमरे से बाहर नहीं आई.
गुलशन- अरे आज सुमन नहीं उठी क्या.. उसको कॉलेज नहीं जाना क्या?
हेमा- आपकी याददाश्त कमजोर हो गई है.. बादाम खाया करो, आज सनडे है और सनडे को कौन सा कॉलेज खुलता है?
गुलशन- अरे हाँ.. याद आया. कल शाम तक तो याद था कि आज दुकान का माल आने वाला है, अभी पता नहीं कैसे भूल गया.
हेमा- आज भी आप दुकान जाओगे क्या? मैं सोच रही थी कि आज मैं माता के मंदिर होकर आऊँगी.
गुलशन- तो मुझसे तुझे क्या काम है.. चली जाना, किसने रोका है?

हेमा- अरे सुमन भी तो घर पर है, अब लड़की को अकेली छोड़ कर जाऊं क्या?
गुलशन- अरे तो मैं कौन सा शाम तक रहूँगा.. बस अभी गया और अभी आया. सामान की लिस्ट चैक करनी है, बाकी तो आदमी देख लेंगे.
हेमा- ठीक है जी.. आप होकर आ जाओ, तब तक मैं अपना काम निपटा लेती हूँ और अपनी लाड़ली को भी उठा दो.. ताकि उसे भी नाश्ता करवा दूँ.

सुमन को उठाने की बात सुनकर गुलशन जी के जिस्म में करंट दौड़ गया. उन्हें रात वाली बात याद आ गई, वो उठे और सुमन के कमरे में चले गए. उस वक़्त सुमन सीधी लेटी हुई थी. उसके बाल चेहरे पर थे और सांस के साथ सीना ऊपर-नीचे हो रहा था.

ये नजारा देख कर गुलशन जी का मन डोल गया, वो उसके पास बैठ गए- सुमन उठ जाओ, सुबह हो गई है.

सुमन ने कोई रेस्पॉन्स नहीं दिया, वो वैसे ही बेसुध सोई रही. तब गुलशन जी ने थोड़ी हिम्मत करके उसके मम्मों पे हाथ लगाया और धीरे से दबा दिया.. जिससे सुमन की नींद टूट गई और वो उठ गई. गुलशन जी ने जल्दी से हाथ हटा लिया.
सुमन- उउउह क्या है.. पापा सोने दो ना.. आज छुट्टी है. आज तो मेरा बस सोने का मन कर रहा है.
गुलशन- बच्चे तेरी माँ को मंदिर जाना है. तू उठ जा, नाश्ता कर ले. फिर मुझे भी दुकान जाना है.

सुमन उठ कर बैठ गई और उसने एक जोरदार अंगड़ाई ली और अपने पापा से लिपट गई- पापा, आप कितने अच्छे हो.. रात को अपने कितने प्यार से मुझे सुलाया.. मुझे बहुत अच्छी नींद आई.
गुलशन- अच्छा ऐसी बात है.. तो मैं रोज तुझे ऐसे सुला दूँगा, चल अब उठ जा.
सुमन- पापा, आज दुकान मत जाओ ना. माँ भी जा रही हैं, मैं अकेली क्या करूँगी.
गुलशन- अरे मैं अभी जाकर जल्दी आ जाऊंगा.. बस सामान की लिस्ट देखनी है.. फिर पूरा दिन तेरे साथ ही रहूँगा.

सुमन- अच्छा पापा, ठीक है, आप बाहर जाओगे तो एक लॉक भी लेते आना. मेरे कमरे का बाथरूम का लॉक खराब हो गया है.
गुलशन- अरे कब हुआ.. तूने बताया नहीं.
सुमन- पापा, कल ही हुआ है. मैं आपको बताना भूल गई थी.
गुलशन- अच्छा रुक.. मैं अभी देखता हूँ.

गुलशन जी खड़े हुए और लॉक को चैक करने लगे. वो अटक गया था तो उन्होंने स्क्रूड्राइवर लिया और लॉक को खोल दिया. अब की होल से अन्दर आराम से देखा जा सकता था, मगर ये बात अभी गुलशन जी के दिमाग़ में नहीं थी. उन्होंने तो कुछ और सोच कर लॉक खोला था.

आप खुद देख लो कि इसका क्या खेल होना है.
गुलशन- लो मैंने लॉक खोल लिया.. अब ऐसा ही दूसरा ले आऊंगा.. ऐसे लाता, तो फ़र्क आ जाता.

बस दोस्तो अब ये बाथरूम का नजारा आप अगले पार्ट में देखना.

साथियो, आप मुझे मेरी इस पापा से सेक्स स्टोरी पर कमेंट्स कर सकते हैं.. पर आपसे एक इल्तिजा है कि आप लेखिका पर कमेंट्स ना करें.
[email protected]
पापा से सेक्स कहानी जारी है.

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