मेरी बेटी की चूत की चुदाई

(Meri Beti Ki Chut Ki Chudai)

राम जी 2004-07-20 Comments

मैं 42 साल का हूँ, मैं अपनी एक सच्ची कहानी लिख रहा हूँ.

मेरी शादी करीब 20 साल की उमर में हुई. मेरी पत्नी डिलिवरी के समय हमारी बेटी को जन्म देते ही मर गई.

उसके बाद मेरे घर वालों ने मुझे दूसरी शादी के लिए बहुत कहा लेकिन सौतेली मां के डर से मैं नहीं माना.

मैं अपनी बेटी से बहुत प्यार करता था और मेरी बेटी सोनिया भी मेरी कुर्बानी को जानती थी इसलिए वो मेरा बहुत ख्याल रखती.

मगर हमारी जिन्दगी में बदलाव तब आया जब एक दिन मेरी बेटी अपनी दोस्तों के साथ बाहर गई और मैंने सोचा कि उसकी अलमारी की सफाई कर दूँ.

मैंने देखा कि उसकी अलमारी में अडल्ट बुक्स और सी डी रखी थी.

उस दिन सालों से सोई मेरी वासना जाग उठी और मैं अपनी बेटी को दूसरी नज़रों से देखने लगा.

मेरी बेटी 19 साल की सेक्सी लड़की थी, उसका साइज़ 32-28-32 था.

मैं हर समय उस पर नज़र रखने लगा.

वो अक्सर घर में शोर्ट्स पहनती है.
मैं अक्सर उनमें उसके सेक्सी लेग्स और पेंटी को देखता रहता. उसकी ब्रा को लेकर मुठ मारता.

मेरा और उसका कमरा साथ साथ है, मैंने उसके कमरे में देखने के लिए बीच में एक मोरी भी कर ली.

एक दिन मैंने देखा कि रात को करीब 12 बजे उसके कमरे से आवाज़ आ रही है.

मैंने देखा तो सोनिया अडल्ट फ़िल्म देख रही थी. उसका फेस दूसरी तरफ़ था और वो सिसकियाँ ले रही थी.

मैं अपने आप को रोक न सका और मैंने उसके कमरे का दरवाजा खोल दिया.

वो मुझे देख कर डर गई और रोने लगी.
मैंने उसके पास जाकर उसे पकड़ लिया.

वो मुझे कहने लगी- पापा, यह क्या कर रहे हैं?
मैंने कहा- वही जो एक मरद और औरत करते हैं.
‘पर मैं आपकी बेटी हूँ.’ उसने कहा.

पर मैंने उसकी बात नहीं सुनी और उसकी नाईटी फाड़ दी. उसने अंदर से कुछ नहीं पहना था. उसके गोरे गोरे मुम्मे देख कर मैं होश खो बैठा और उन्हें चूसने लगा. उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, मैं अपनी बेटी की चूत को चूसने लगा.

अब तक सोनिया भी गर्म हो गई थी, वो भी मेरा साथ देने लगी.

मैंने अपने कपड़े उतार दिए और अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया फिर मैंने उसकी टांगें खोल कर अपना लंड उसकी चूत पे रखा.
पहले ही स्ट्रोक में मैंने अपना 3 इंच लंड अपनी बेटी की चूत के अंदर घुसा दिया.

सोनिया चीखने लगी थी, मैंने उसके लिप्स को अपने लिप्स से दबा दिये, दूसरे स्ट्रोक में मैंने अपना पूरा लंड अन्दर घुसा दिया.
उसकी आँखों से आंसू आने लगे मगर मैं लगातार स्ट्रोक लगाता रहा.

अगली सुबह मैं अपनी रात वाली बात से बहुत दुखी था मैं सोनिया से नज़रें नहीं मिला पा रहा था.

मगर रात को सोनिया मेरे रूम में आई और बोली- आपने मेरी खातिर अपनी सारी जिन्दगी ख़राब कर दी तो मैं क्या आपकी खातिर कुछ नहीं कर सकती!

उसने अपने कपड़े उतार दिये और मेरे भी उतारने लगी.

उसके बाद हम डेली सेक्स करने लगे, जब भी हम घर पर होते नंगे ही रहते.

करीब 2 महीने के बाद सोनिया प्रेग्नेंट हो गई.

तब हम लुधियाना से दिल्ली आ गए और यहाँ आकर शादी कर ली और पति पत्नी के तरह रहने लगे.
यहाँ किसी को नहीं पता कि हम बाप बेटी हैं.

जब सोनिया के डिलिवरी हुई तो मैं बहुत डरा क्यूँकि मैं अपना दूसरा जीवनसाथी नहीं खोना चाहता था.

अब सोनिया मेरे दो बेटों की माँ है. मगर कभी कभी मैं सोचता कि सोनिया हमारे बेटों की माँ है या बहन?

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