संदीप साहू

मामा से चुदाई की भानजी की व्यथा कथा-2

मामा भानजी की चुदाई की इस हिंदी एडल्ट स्टोरी में पढ़ें : मामा जी ने नीचे मेरी चूत पर अपने चूतड़ उछाल कर लंड से एक जोर का धक्का लगाया तो उनका आधा लंड मेरी बेचारी मासूम सी चूत की फांकों को अलग करता हुआ खून खराबे के साथ अन्दर जा चुका था.

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मामा से चुदाई की भानजी की व्यथा कथा-1

मेरे पड़ोस की एक लड़की मेरी क्लास में पढ़ती थी, हमारी आपस में दोस्ती थी. एक बार उसने मुझे बताया कि उसका मासिक धर्म रुक गया है. सुन कर मैं डगमगा गया और लगभग गिरने जैसी हालत हो गई।

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सम्भोग से आत्मदर्शन-25

तभी छोटी ने अचानक मेरा गाल चूम लिया और खुश होकर दूसरी तरफ देखने लगी, मुझे उसका इशारा समझ आ गया था, और यहाँ साथ आने का कारण भी समझ आ गया, और मेरे लंड देव ने भी सलामी दे दी।

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सम्भोग से आत्मदर्शन-24

बाबा के डेरे में साधवी बनाने के लिए क्या क्या कारनामे किये जाते थे, इस ग्रुप सेक्स स्टोरी में पढ़ें. एक लड़की को कई कई मर्दों से सेक्स करना होता था. भुक्त भोगी लड़की के मुख से सुनें!

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सम्भोग से आत्मदर्शन-23

मैं पूर्ण नग्न अपने हर अंग में चमक लिए हुए उनके लंड को सलामी देने पर मजबूर कर रही थी, उस कमरे में एक एक करके साधक घुसते रहे और मैं गिनती कर रही थी ये कितने कमीने मुझे एक साथ चोदेंगे तीन.. चार तक ज्यादा डर नहीं लगा क्योंकि उतना तो मैंने सोच ही रखा था, पर जब पांचवें, छटवें और सातवें साधक ने उस कक्ष में प्रवेश किया तो मेरी गांड पहले से फटनी शुरू हो गई।

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सम्भोग से आत्मदर्शन-22

मैं कभी कभी तनु के साथ या आंटी के साथ भी वाइल्ड सेक्स करने लगा था। अब मैंने कई बार छोटी के सामने तनु की कोमल गोरी उभरी हुई गांड को भी बेरहमी से बजाया और ऐसी चुदाई से तनु को खुश होते देख कर छोटी के अंदर भी ऊर्जा का संचार होने लगा। अब छोटी कभी कभी शरमाने भी लगी थी.

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सम्भोग से आत्मदर्शन-20

वहाँ मुझे नग्न करके दूध और गंगाजल से नहलाया गया, और मुझे ये भी पता कि उस पूजा की छुप कर वीडियो रिकार्डिंग की गई होगी और जब बाबा मेरी जिस्म को देख कर पसंद करेगा तब मुझे गुप्त कक्ष तक ले जाया जायेगा, जहाँ पहले मेरा भोग बाबा के लंड में लगेगा फिर उसके चेले भी मेरा कस के भोग करेंगे।

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सम्भोग से आत्मदर्शन-18

मेरे लिए किसी के जिस्म को भोगने से ज्यादा मायने रखता है कि मैं उसके दिल में अपने लिए कुछ जगह बना पाऊं। मैं आज इलाज के जिस तरीके की बात कर रहा था, वो छोटी के साथ संभोग का नहीं था, मैं तो बाबा को रंगे हाथों पकड़ना चाहता था, और छोटी के सामने या छोटी के हाथों से उसे सजा दिलाना चाहता था।

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सम्भोग से आत्मदर्शन-17

आंटी ने मेरे सीने कंधे और पेट में अपने नाखून गड़ाने, नोचने शुरू कर दिये, मेरी कामुक आहें अब चीखों में बदल गई और आंटी ने घातक रूप धारण करते हुए मेरे मुंह से अपना मुंह लगा दिया, और जीभ को चूसने लगी जिसे ऐसा चुम्बन पसंद भी ना हो, वो ऐसी हरकत करे तो आपका डर और भी बढ़ जाता है।

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सम्भोग से आत्मदर्शन-16

अब मैंने आंटी को उनकी बेटी के सामने पूरी नंगी कर लिया और अपने हाथों, होंठों से उनके नंगे बदन को छू कर, सहला कर, मसल कर और चूम कर मजा देने लगा. आंटी की सिसकारियां निकलने लगी.

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सम्भोग से आत्मदर्शन-15

आंटी ने खुद को मेरे साथ सम्भोग के लिए तैयार कर लिया था लेकिन फिर भी संस्कार जनित लज्जा उनमें दिख रही थी. हमने आंटी की बेटी को पास बिठाया और उसे दिखा कर आपने प्रेमालाप करने लगे. पढ़ें मेरी हिंदी एडल्ट स्टोरी और जानें कि आगे क्या हुआ!

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सम्भोग से आत्मदर्शन-14

मैं दो दिन से देसी आंटी को सेक्स के लिए राजी करने की कोशिश कर रहा था लेकिन आंटी के देसी संस्कार उन्हें हाँ करने से रोक रहे थे. लेकिन छोटी के इलाज के लिए और आंटी के प्रति मेरे प्यार को देखते हुए उन्होंने हाँ कर दी.

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सम्भोग से आत्मदर्शन-12

वाकयी यह बहुत ही कामुक दृश्य था पर मेरी आँखें इसलिए भी बंद हो गई क्योंकि मैंने अपनी चूत में दो उंगलियाँ पूरी अंदर तक घुसा रखी थी और अब कामुकता की वजह से तीसरी उंगली भी घुसाने का प्रयास कर रही थी।

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सम्भोग से आत्मदर्शन-11

राणा वहीं लेट गया और कुंती को अपने ऊपर आकर चुदाई करने को कहा, मैं दम साधे देखने लगी कि ‘हे भगवान… मेरी सहेली की चूत कहीं फट तो नहीं जायेगी।’
पर ध्यान आया कि ये पहली बार तो है नहीं जो चूत फट जायेगी।

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सम्भोग से आत्मदर्शन-10

मेरी शादी बहुत कम उम्र में हो गई थी। पहले कम उम्र में ही शादी कर दी जाती थी, इसी वजह से मैंने अपनी शादी के शुरुआती दिनों में बहुत तकलीफें उठाई, शादी के पहले मैं जवानी के खेल से बिल्कुल अनजान थी, पर धीरे धीरे उम्र की खुमारी बढ़ती गई और पति के साथ भरपूर सेक्स खुशियाँ पाने के बावजूद मेरा मन जवान अच्छे या तगड़े पुरुषों के लिए भटक ही जाता था.

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