गाँव की कुसुम और उसकी आपबीती-2
मेरे अंदर की कामनाएँ, अन्तर्वासना जग गई, बदन में चीटियाँ से दौड़ने लगी, होश में मैं नहीं थी, दिल कह रहा था कि उनका लंड मेरी चूत में समा जाये!
Hindi Sex Stories » Archives for राहुल श्रीवास्तव » Page 3
मेरे अंदर की कामनाएँ, अन्तर्वासना जग गई, बदन में चीटियाँ से दौड़ने लगी, होश में मैं नहीं थी, दिल कह रहा था कि उनका लंड मेरी चूत में समा जाये!
गाँव की रहने वाली एक लड़की के जीवन में ऐसा क्या घटित हुआ जो वो अमरीका पहुँच गई और उसकी घटना एक हिन्दी सेक्स कहानी के रूप में अन्तर्वासना के पाठकों को पढ़ने को मिली.
ट्रेन में मिली लड़की के साथ मैं उसके घर में था, वह मेरे सामने नग्न हो चुकी थी और मैं अपने हाथों, और होंठों से उसे बेचैन करके चुदाई के लिए तैयार कर रहा था।
ट्रेन में मिली उस लड़की से दोस्ती के बाद वापिस भी हम एक साथ आ रहे थे। बात ऐसे बनी कि मैं उसके साथ ही उसके स्टेशन पर उतर कर उसके साथ चला गया।
कुंवारी पायल की अनछुई चूत को चोद कर मुझे मजा आ गया था। दूसरे दिन देखा तो पायल के चेहरे पए एक निखार सा आ गया था, उसे पायल चुदाई का चस्का सा लग गया था।
योनि में लिंग प्रवेश तो हो चुका था और दर्द भी मेरे चुम्बनों से कम हो चुका था। अब हम दोनों रति क्रिया का मज़ा लेने लगे थे। कहानी खुद पढ़ कर देखिए और मज़ा लीजिए!
वो सब कुछ करने को तैयार थी सिर्फ़ मेरे लिंग को अपने अन्दर लेने को राजी नहीं थी। और यही तो मेरी मंजिल थी कि उसकी अक्षत योनि में अपने लिंग का प्रवेश करवा पाऊँ!
मैं धीरे धीरे पायल का संकोच कम कर रहा था। मगर अब भी वह अपनी चूत में लंड लेने के लिये तैयार नहीं थी। कहानी पढ़ कर देखिए कि मैं उसके बदन में कहाँ तक पहुँच पाया
होटल में साथ साथ नहाने के बाद वो मेरे सामने कपड़े पहन रही थी तो मेरा लंड पूरा पूरा तन गया, पायल उसे देख कर हैरान थी। आगे की घटना कहानी पढ़ कर जानिए!
मैं अपनी माशूका के साथ होटल में उसके जिस्म के साथ खेल रहा था। मैं दो बदनों का पूर्ण मिलन चाहता था लेकिन वो किसी अज्ञात भय से हिचक रही थी, मुझे रोक रही थी।
मैं जिसे चाहता था वो रात को होटल में मेरे साथ अकेली थी। मैं उसे चूम रहा था और वो भी मेरा साथ देने लगी थी। लेकिन मेरी मंजिल थी उसके जिस्म का भोग! कहानी पढ़ें!
मैं अपनी पड़ोसन पंजाबन लड़की का जिस्म चाहता था। भाग्यवश मुझे उसके साथ एक रात होटल में बिताने का मौका मिला। कहानी पढ़ कर देखिये कि मैं अपने मकसद में कामयाब हुआ?
मैं आगरा में किराये से रहता था, सामने वाले कमरे में एक परिवार में एक अल्हड़ पंजाबन लड़की रहती थी। एक दिन वो मुझे सिर्फ़ तौलिये में दिखी, वो नहा कर निकली थी।
मैं बेरहम बनकर जंगली चुदाई का मन बना चुका था। उसकी बात को अनसुना करके एक बार पूरा लण्ड निकाला और फिर से एक झटके से पूरा चूत में उतार दिया।
मैंने उसके ऊपर लेट कर उसके लबों को चूमना शुरू कर दिया। थोड़ी देर में किस और उसकी चूची के मसलने का नतीजा सामने आया.. उसकी गांड उछलने लगी.. अब वो मेरे चूतड़ों को अपने हाथों से दबाने और मसलने लगी थी।
वो कमर उठा-उठा कर मुझे बुला रही थी। मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी.. अब वो बिल्कुल नंगी मेरे सामने थी। मैं गौर से उसके जिस्म को देख रहा था। नारी सौंदर्य सच में ऐसा होता है.. कंचन सी कोमल सी काया.. गोरी-गोरी त्वचा..
यह कहानी जबलपुर की ममता और मेरे दोस्त मुंबई के राजीव जी की है जो फेसबुक में मिले और अंत में दोनों ने ही सम्भोग की परम संतुष्टि को प्राप्त किया…
मैं मुंबई से इलाहाबाद के लिए ट्रेन से आ रहा था, 27-28 साल की एक विवाहिता लड़की ट्रेन के 2AC कोच में आई, उसकी आवाज़ से मेरी आँख खुली, देखा कि काफी मस्त बदन की लड़की थी वो… भरे भरे चूचे…
हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, सहमति बॉक्स को टिक करें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !
* आपके द्वारा दी गयी जानकारी गोपनीय रहेगी, किसी से कभी साझा नहीं की जायेगी।