प्रेम गुरु

Indian Sex Story at www.antarvasna3.com Read my Indian Sex Stories

तीन चुम्बन-1

प्रिय पाठको, आपने मेरी पिछली कहानी दो नम्बर का बदमाश पढ़ी। मुझे बहुत खुशी है कि आप सभी को मेरी कहानी अत्यधिक पसन्द आई, जैसा

पूरी कहानी पढ़ें »

दूसरी सुहागरात-1

प्रेम गुरु की कलम से….. संतुष्टो भार्यया भर्ता भर्ता भार्या तथैव च: यस्मिन्नैव कुले नित्यं कल्याण तत्रेव ध्रुवं – मनु स्मृति मधुर की डायरी के

पूरी कहानी पढ़ें »

मेरी अनारकली-2

‘छोटी कहाँ हूँ ! पूरी 18 की हो गई हूँ। और फ़िर गरीब की बेटी तो घरवालों, रिश्तेदारों और मोहल्ले वालों, शोहदों की नज़र में तो इससे कम की भी जवान हो जाती है। हर कोई उसे लूटने खसोटने के चक्कर में रहता है।’

पूरी कहानी पढ़ें »

मेरी अनारकली-1

पता नहीं ये औरतें गांड मरवाने में इतना नखरा क्यों करती हैं। कहते हैं ‘औरत के तीन छेद होते हैं और तीनो ही छेदों का मज़ा लेना चाहिए। चूत, गांड और मुंह!

पूरी कहानी पढ़ें »

अन्तर्वासना इमेल क्लब के सदस्य बनें

हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, सहमति बॉक्स को टिक करें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !

* आपके द्वारा दी गयी जानकारी गोपनीय रहेगी, किसी से कभी साझा नहीं की जायेगी।

Scroll To Top