इमरान ओवैश

वो सात दिन कैसे बीते-3

मेरे पड़ोस की कुंवारी लड़की आधुनिक लड़कियों की भान्ति हर चीज का आनन्द लेना चाहती थी। इसके लिये उसने मुझे चुना। पढ़ें कि कैसे मैं उसे प्रथम चरमोत्कर्ष तक ले गया।

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वो सात दिन कैसे बीते-2

पड़ोसन पर्दानशीं लड़की ने मुझे मिलने बुलाया। वो वो सब करके देखना चाहती थी जो उसकी हमउम्र लड़कियाँ करती हैं सिवाये कौमार्य को खोने के! तो क्या हुआ हमारे बीच?

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वो सात दिन कैसे बीते-1

लखनऊ में मैं अकेला रह रहा था कि दो पड़ोसी लड़कियों से लगभग साथ साथ ही नजरें लड़ी! एक घर के सामने एक दफ्तर में काम करती थी तो दूसरी पड़ोस के घर की पर्दानशीं थी.

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मैडम एक्स और मैं-3

उन्होंने एक ढीली, लम्बी टी-शर्ट पहन रखी थी जिसके नीचे और कुछ नहीं पहना था। मैं फर्श पर उकड़ूँ बैठ गया और मैंने उनकी टी-शर्ट ऊपर उठा दी और उनके नितम्बों को बुरी तरह चाटने लगा।

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मैडम एक्स और मैं-2

दोनों जाँघों की मालिश कर चुकने के बाद मैंने तौलिये से उनकी बहती हुई चूत पौंछी और फिर तेल से थोड़ी मालिश और थपथपाहट चूत के ऊपरी हिस्से पर देने के बाद भगनासा की मालिश करने लगा.

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मैडम एक्स और मैं-1

अब सामने मस्त नजारा था… मैडम का पूरा नंगा पिछवाड़ा मेरे सामने था। कमर मेरे अंदाज़े के मुताबिक ही बिल्कुल डम्बल के आकार में सीने और कूल्हों के बीच तराशी हुई थी, दोनों चूतड़ एक नरम मुलायम स्पर्श वाला उठान लिये थे और बीच में एक गहरी दरार, जिसके बीच में जैसे एक शरमाया सा चुन्नटों भरा छेद छिपने की कोशिश कर रहा था पर स्पंजी चूतड़ ज़रा स दबाव पड़ने पर खिंच जाते और वो बेचारा अनावृत हो जाता।

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निदा की अन्तर्वासना-4

इस पोज़ीशन में उसके दोनों छेद मेरे ठीक सामने हो गए। बुर में नितिन का लण्ड ठुँसा हुआ था और गाण्ड मुझे बुला रही थी।
मैंने छेद में अपना लण्ड उतार दिया। निदा के अगले छेद में नितिन का मोटा और भारी लण्ड होने के कारण उसके पिछले छेद में जगह कम बची थी जिससे मेरे लण्ड पर भी वैसे ही कसाव महसूस हो रहा था जैसे पहले होता था।

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निदा की अन्तर्वासना-3

हम तीनों ही मादरजात नग्न थे और मेरे इशारे पर नितिन भी ऐसा सट गया था कि हम तीनों ही एक-दूसरे से रगड़ रहे थे। नितिन ने उसका चेहरा थाम कर उसे चूमने की कोशिश की, लेकिन निदा ने शर्म से चेहरा घुमा लिया और वो पीछे से उसकी गर्दन पीठ पर चुम्बन अंकित करने लगा।

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निदा की अन्तर्वासना-2

मैंने न सिर्फ अपने हाथों को उसकी पीठ पर रखे हुए निदा की ब्रा के हुक खोल दिए बल्कि हाथ नीचे करके उसकी कुर्ती को एकदम से ऐसा ऊपर उठाया के उसकी भरी-भरी चूचियां नितिन की आँखों के आगे एकदम से अनावृत हो गईं और वह दोनों हाथों से उन पर जैसे टूट पड़ा।

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निदा की अन्तर्वासना-1

मेरा ठिकाना लखनऊ में हुआ, यहाँ ननद-भाभी की चूत के दर्शन सुलभ हुए तो वारे न्यारे हो गए, जब दोनों के बीच सब साफ़ हो गया तो मेरी उँगलियाँ समझो कि घी में तैर गईं।

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