सन्नी शर्मा गाण्डू

मैं सनी गांडू दिखने में चिकना हूँ और मैं सिर्फ कहने के लिये लड़का हूँ, मेरे अंदर एक लड़की या औरत बचपन से घर कर चुकी है। मैं बचपन से ही लड़कियों के साथ गुड्डे-गुड़िया का खेल खेलता, चोरी छुपे अपनी मम्मी के कपड़े पहनता और जब भी घर में अकेला होता तो लड़कियों की तरह मेकअप करके सज संवर कर तैयार होता था। मुझे अपनी इन हरक़तों से अलग ही आनन्द मिलता! मैं अपने स्कूल में भी लड़कियों के साथ ही रहने की कोशिश करता था। सभी लड़के स्कूल में मुझे लड़की ही कहते! बचपन से लड़कियों के साथ रहा था, उनके खाने-पीने में ध्यान देता, उनकी तरह गोल गप्पे, चाट टिक्की वगैरा खाता। मेरे शरीर की बनावट भी काफी लड़कियों जैसी है, मेरी छाती बहुत कोमल है, कमसिन लड़की के जैसे मेरे छोटे छोटे चूचे हैं।

लिफ़्ट देकर गांड को लिफ्ट दिलवाई

पीछे वाला जयादा उछल रहा था, मैंने उसके लंड को दबोच लिया। दोनों खड़े रहे, मैंने घुटनों के बल होकर उसकी जिप खोली, कच्छे को सरकाया, उसका काला लंड देख मेरी गांड गीली हो गई।

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