अरविन्द कुमार

अपनी चूत खुद ही फाड़ दी -3

मैं अपनी यौन जरूरतें अपनी उंगली, घर में रखी हुए सब्जियों जैसे बैंगन, तोरी, खीरा, केला गाजर से पूरी करती हूँ।

चूँकि मुझे पता था कि अब मैं शादी नहीं करूँगी इसलिए मैंने अपनी फ़ुद्दी के साथ कुछ अलग ही प्रैक्टिकल किया था, मगर आप लड़कियाँ, बहनें और आंटी ल्पीज़ आप ऐसा कुछ करने की कोशिश मत करना, इन सब से दूर ही रहना…

पूरी कहानी पढ़ें »

अपनी चूत खुद ही फाड़ दी -2

मैंने देसी शराब की बोतल निकाली, साथ मैं एक लम्बा-मोटा बैंगन भी, और अपना कपड़े उतार कर ब्लू फिल्म देखने लगी और साथ में फ़ुद्दी में लम्बा-मोटा बैंगन डालने लगी, जब मेरी चूत को बैंगन ने पूरी तरह खोल दिया तो मैंने अपनी फ़ुद्दी, जो पहले से ही बहुत बड़ी और खुली हुई थी, मैंने शराब की बोतल उठाई और अपनी चूत को सोफ़े के ऊपर टाँगें खड़ी कर के, फ़ुद्दी को दो उंगलियों से खोल कर दूसरे हाथ से फ़ुद्दी में शराब भरने लगी।

पूरी कहानी पढ़ें »

अपनी चूत खुद ही फाड़ दी -1

शराब की बोतल निकाली, एक गिलास भरा और बाकी एक जग में पूरी बोतल उलट दी। मैंने अपनी साड़ी को ऊपर किया, पैंटी नीचे की और अपनी फ़ुद्दी से जग में पेशाब करने लगी, मैंने सोचा कि अब सालियों को मज़ा आएगा।

पूरी कहानी पढ़ें »

चाँदनी रात में चूत विहार

चमकती चाँदनी में चाँद सा हुस्न और जवान हसीना को चोदने के अनुभूति में मेरा बदन का रोम रोम खड़ा था।

मैंने हल्के हल्के उसकी चूत में लंड को उतारना शुरु किया और वो कराहते हुए अपने गर्दन को ऐंठने लगी, मानो कोई उसे चीर रहा हो बीचो बीच।

पूरी कहानी पढ़ें »

लड़ाई का बदला मौज़ भरी चुदाई

जब माँ चुदवायेगी तो बेटी को और मजा आयेगा, तुम फ़िक्र नहीं करो, हम लोग अनुभवी चोदू हैं, तुम्हें हमारे लंड जरूर पसंद आयेंगे। फिर तुम लोग हमसे हमेशा चुदवाती रहोगी।

पूरी कहानी पढ़ें »

भतीज-बहू के साथ सुहागरात -2

बबिता की आँखें नाचने लगीं थी। उसकी कहानी ससुर के लंड से लिखी जा रही थी और वाकयी ससुर शमशेर का बुड्ढा लंड जवानों के लंड से भी बेहतरीन था वो कहते हैं ना “पुराने देसी घी और पिशौरी बादाम खाए हुए थे !”

पूरी कहानी पढ़ें »

भतीज-बहू के साथ सुहागरात -1

शमशेर सिंह ने अपने भतीजे रणधीर सिंह की शादी एक ऐसी लौंडिया से करवाई, जो कमाल की हसीना थी। लौंडिया का नाम बता देना सही रहेगा, उस हसीना जिसकी गरमागरम जवानी कमाल की थी, उसका नाम था बबिता। जब बबिता अपने दूल्हे-राजा के घर आई तो उसके सपने काफ़ी रंगीन थे।

पूरी कहानी पढ़ें »

अन्तर्वासना इमेल क्लब के सदस्य बनें

हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, सहमति बॉक्स को टिक करें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !

* आपके द्वारा दी गयी जानकारी गोपनीय रहेगी, किसी से कभी साझा नहीं की जायेगी।

Scroll To Top