जीजाजी ने मेरी जवानी को मसल दिया- 3

(Ladki Ki Chut Gand Chudai)

लड़की की चूत गांड चुदाई का मजा मेरे दमदार जीजा ने मुझे चोद कर लिया. मुझे चोदने के बाद जीजा ने पूछा कि कैसा लगा. तो मैंने कहा कि आप बहुत जोर से करते हैं।

दोस्तो,
मैं शुभी आप सब लोगों के बीच अपनी कहानी का अगला भाग लेकर प्रस्तुत हूँ।
उम्मीद करती हूं कि आप सभी को अब तक की कहानी पसंद आई होगी।

यह कहानी सुनें.

सबसे पहले मैं कोमल जी को धन्यवाद देना चाहती हूँ जिनकी मदद से मेरी ये कहानी आप लोगों तक पहुंच रही है।

मैं कई सालों से अन्तर्वासना की कहानियां पढ़ती आ रही हूं लेकिन पहली बार कोमल जी ने मुझे अपनी कहानी इसमें भेजने का अवसर प्रदान किया।

आप लोगों ने कहानी के पिछले भाग
जीजाजी ने मेरी पुद्दी फाड़ दी
में अभी तक पढ़ा कि किस तरह से मेरे जीजा ने मेरी पहली चुदाई की।

लेकिन अभी तो मेरी चुदाई का खेल शुरू ही हुआ था आगे किस तरह से मेरी चूत और गांड की जबरदस्त चुदाई हुई आगे आप लोग पढ़ेंगे।

तो अब चलते है लड़की की चूत गांड चुदाई का मजा कहानी में … मैं आप लोगों को बताती हूँ कि आगे मेरे साथ क्या क्या हुआ।

जीजा और मैं पहली चुदाई के बाद पसीने से तरबतर दोनों ही बिस्तर पर लेटे हुए थे।

करीब 20 मिनट के बाद जीजा ने अपना हाथ मेरी तरफ़ बढ़ाया और मुझे खींच कर अपने ऊपर लेटा लिया।

मैं पूरी तरह से नंगी उनके नंगे बदन के ऊपर लेटी हुई थी।
मेरे दोनों दूध उनके सीने पर दबे हुए थे।

जीजा अपने हाथों से मेरी पीठ को सहला रहे थे. मेरे खुले बाल पूरे पीठ पर बिखरे हुए थे और पसीने के कारण पीठ पर चिपके हुए थे।

मैं अपना चेहरा जीजा के सर के पास रखे हुई थी और मेरी साँस तेजी से चल रही थी।

अब हम दोनों के बीच कुछ बातें शुरू हुई जो आपको पसंद आएगी।

जीजा- कैसा लगा शुभी?
“बहुत अच्छा!”

“सही?”
“हाँ … लेकिन आप बहुत जोर से करते हैं।”
“क्या करूँ … आज पहली बार तेरी जैसी लड़की मिली है इतनी हट्टीकट्टी, नहीं तो तेरी दीदी इतनी पतली है कि उसको चोदने में डर लगता है कि ज्यादा जोर से चोद दूँ तो उसको कुछ तकलीफ न हो जाये।”

“अच्छा और मुझे तकलीफ नहीं होगी क्या?”
“तुझे तकलीफ नहीं होगी क्योंकि तू मेरे धक्कों को झेल सकती है। अगर देखा जाए तो मैं जैसा चोदता हूं उसके लिए तू बिल्कुल सही है। तेरा भरा हुआ बदन मुझे बहुत पसंद है।”

“अच्छा क्या क्या पसंद है?”
“तेरे भरे हुए गाल, मोटी मोटी बाँहें, तेरी मोटी मोटी जाँघें, तेरा बड़ा सा पिछवाड़ा, तेरे बड़े बड़े दूध … सब कुछ मेरे शरीर के हिसाब से बिल्कुल सही है।”

जीजा आगे बोला- अब हम दोनों के बीच ये रिश्ता शुरू हो गया है. अब तो मैं तेरे बिना नहीं रह सकता, जब भी मैं बोलूं तुझे आना होगा मेरे पास! कसम से तू बहुत मस्त चुदाई करवाती है। तेरी बहन तो बिस्तर पर लेटी बस रहती है। मगर तेरे अंदर इतनी गर्मी है कि तू असली में चुदाई का मजा देती है। काश मेरी शादी तेरे साथ होती।

“वैसे जीजा जी, आप भी मुझे बहुत पसंद हो मैं कब से ऐसे मौके का इन्तजार कर रही थी।”
“मतलब तू भी मेरे लिए प्यासी थी?”
“हाँ!”

“आज तो तुझे बिल्कुल सोने नहीं दूँगा।”
“क्यों … अब बस हो गया।” मैंने मजाक में कहा.

“ऐसे कैसे सो जाएगी? आज तो रात भर तेरी चूत की मालिश करूंगा। और उसके साथ साथ तेरे पिछवाड़े की भी!” जीजा ने गांड दबाते हुए बोला.

“छी … वहाँ नहीं करना।”
“क्यों?”
“गंदा लगेगा मुझे … वहाँ से कोई करता है क्या?”
“कुछ गंदा नहीं लगता. तुझे भी बहुत मजा आएगा।”

“तूने फ़िल्म में नहीं देखा क्या?”
“देख चुकी हूँ मगर अच्छा नहीं लगता।”

“अच्छा लगेगा. बस तू आज मेरा साथ देती जा … तुझे इतना मजा आएगा कि पूछ मत! तेरा बदन इतना मस्त है कि तुझे तो एक साथ दो लोग मिलकर चोदे तो मजा आये।”
“मतलब?”

“मतलब तूने इंग्लिश फ़िल्म में देखा होगा कि एक लड़की को दो लड़के चोदते है आगे पीछे से एक साथ!”
“हट गंदे! ऐसा मत करना।”

“क्यों?”
“तुम किसी और से मुझे चुदवाओगे क्या?”
“अरे नहीं … जैसा तू बोलेगी वैसा ही करेंगे. मैं बस मजाक कर रहा था, ऐसा कभी नहीं करेंगे।”

इसके बाद जीजा ने मेरा चेहरा अपने चेहरे के ऊपर झुका लिया और मेरे होंठों को चूमने लगे।
मैं भी उनका साथ देने लगी और मेरा हाथ उनके लंड पर चला गया।

उनका लंड उस वक्त बिल्कुल ढीला पड़ा हुआ था।

मेरे होंठों को चूमने के बाद जीजा ने मुझे छोड़ा और मैं उनके सीने को चूमते हुए नीचे की तरफ जाने लगी।
जल्द ही मैं उनके लंड के पास पहुँच गई और उनके लंड को हाथ से थाम लिया।
उनके सुस्त पड़े लंड पर मेरी चूत का पानी सूख कर सफेद परत जैसे हो गया था।

मैंने उसे साफ किया और लंड को ऊपर नीचे करने लगी।

उनका गुलाबी सुपारा लंड की चमड़ी से बाहर निकल रहा था और मैं बड़े गौर से उसे देख रही थी।
लंड से बहुत मादक खुशबू आ रही थी जो मुझे उत्तेजित कर रही थी।

मैं बिना कुछ सोचे लंड के सुपारे को अपने मुँह में भर ली और अपनी जीभ उस पर चलाने लगी।

जल्द ही लंड में तनाव आने लगा और वो फिर से खड़ा हो गया।
मैं अपने मुँह से पानी निकालकर उसे अपने मुँह से लंड को चूसने लगी।

उनके लंड को चूसने में मुझे काफी मजा आ रहा था।

इतने में जीजा ने इशारे से मुझे अपनी चूत अपनी तरफ़ करने के लिए बोले।
मैं भी उनके ऊपर उल्टी होकर लेट गई।

अब वो मेरी चूत चाट रहे थे और मैं उनका लंड चूस रही थी।

जीजा मेरे चूतड़ों को दबाते जा रहे थे और चूत को जीभ से चाटते जा रहे थे।

जल्द ही हम दोनों फिर से गर्म हो गए और उन्होंने मुझे अपने घुटनों पर आने के लिए कहा।
मैं समझ गई कि जीजा मुझे घोड़ी बनने के लिए बोल रहे थे क्योंकि मैंने इंग्लिश फिल्मों में ऐसा सब कुछ देखा था।

तो मैं अपने घुटनों पर होकर घोड़ी बन गई और जीजा मेरी गांड की तरफ़ हो गए।

मेरे सामने ही आईना लगा हुआ था जिसमें मैं अपने आप को देख रही थी। मेरे दोनों दूध नीचे की तरफ़ लटक रहे थे और पीछे जीजा मेरी चूत में अपना लंड रगड़ रहे थे।
लंड को चूत पर ऊपर नीचे करते हुए मेरी चूत को लंड से सहलाते जा रहे थे।

जीजा ने मेरे चूतड को दोनों हाथों से पकड़ा और एक जोर का धक्का लगा दिए।

“ऊउईई ईईई ईईई मम्मीईईई … आराम से!”
उनका लंड फिसलता हुआ पूरा का पूरा अंदर तक मेरी चूत में घुस गया।

अचानक से इतना जोरदार धक्का मैं बर्दाश्त नहीं कर पाई क्योंकि मैं तैयार नहीं थी इस तरह के झटके के लिए।
जीजा भी मेरी हालत को समझते हुए कुछ समय के लिए रुक गए।

उसके बाद धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करते हुए मेरी चुदाई शुरू कर दी।

कुछ ही देर में मेरी दनादन चुदाई शुरू हो गई और जीजा मेरी कमर पकड़ कर मेरे चूतड़ों पर तेज रफ्तार से धक्के लगाने लगे।
पूरे कमरे में फट फट फट की आवाज गूंजने लगी।

मैं अपने आपको आईने में चुदते हुए देखती जा रही थी।
उस वक्त मैं बिल्कुल इंग्लिश फिल्मों की हिरोइन की तरह लग रही थी, मेरे दोनों दूध लटकते हुए आगे पीछे झूल रहे थे।

जीजा मेरी चुदाई का पूरा मजा ले रहे थे और वो बीच बीच में झुककर मेरी पीठ को चूमते या एक हाथ नीचे लाकर मेरे दूध दबाते।

मैं भी अपनी नशीली आवाज से उनके जोश को दुगना कर रही थी- ऊउई मम्मी आह हायय ऊउई ईईई ममममम आआआह!

काफी देर तक मुझे चोदते के बाद जीजा ने अपना लंड बाहर निकाला और बिस्तर से नीचे जाकर एक तेल की शीशी ले आये।

मैं- क्या है ये?
जीजा- कुछ नहीं, बस अब तेरी गांड चोदने की बारी है।

मैं उनको मना करती रही लेकिन वो कहाँ मानने वाले थे।

उन्होंने मेरी गांड पर तेल लगा दिया और अपने लंड पर भी तेल लगाकर लंड मेरी गांड के छेद पर लगा दिया।

जीजा ने धीरे धीरे जोर लगाना शुरू किया और उनका सुपारा छेद को फैलाते हुए अंदर फिसलने लगा।

जैसे ही सुपारा छेद में गया मैं चिल्लाई- ऊईईईई मम्मीईईई!

और मैं बिस्तर पर लेटने लगी और जीजा भी साथ साथ मेरे ऊपर लेट गए।

जल्द ही उनका पूरा लंड मेरी गांड में घुस गया और उन्होंने मेरी दोनों टाँगें फैलाकर धीरे धीरे मेरी गांड चोदना शुरू कर दिया।
मैं चिल्लाती जा रही थी लेकिन वो नहीं रुके और अपनी रफ्तार तेज करते चले गए।

कुछ ही देर में मेरी गांड उनके लंड को झेलने लगी और दर्द कम हो गया।

अब जीजा ने जोर लगाकर मेरे चूतड़ों पर दनादन धक्के लगाना शुरू कर दिए. मैं भी कुछ देर में मजे लेने लगी गांड में लगे तेल के कारण मुझे उतनी तकलीफ नहीं हुई।

करीब आधे घंटे तक जीजा कभी मेरी चूत … तो कभी मेरी गांड को चोदते रहे और फिर मेरी गांड में ही झड़ गए।

अब मैं बहुत बुरी तरह से थक चुकी थी और चुपचाप बिस्तर पर लेट गई।

करीब एक घण्टे बाद हम दोनों ने तीसरी बार भी चुदाई की और फिर सो गए।

सुबह जब मेरी नींद खुली तो पूरा बदन दर्द से टूट रहा था। पेट और पिछवाड़े में बहुत दर्द हो रहा था।

किसी तरह से मैं उठी और कपड़े पहने।

दिनभर मेरी कमर इतनी ज्यादा दर्द कर रही थी कि चलते भी नहीं बन रहा था।

शाम को जीजा मेरे लिए दर्द की दवा लाये, तब मुझे कुछ आराम मिला।

मेरी दीदी 6 दिनों तक हॉस्पिटल में रही और उन 6 दिनों में मेरी जबरदस्त चुदाई हुई।

चूत गांड चुदाई का मजा मैं कभी नहीं भूलती।

इसके बाद हम लोग कई बार होटल में मिले और कई बार जंगल में जाकर भी चुदाई की।

हम दोनों आज भी मौका मिलते ही चुदाई करते हैं।

तो दोस्तो, यह थी मेरी पहली चुदाई की कहानी।

अब मैं कोमल जी से निवेदन करूंगी कि मेरी दूसरी कहानी भी अन्तर्वसना पर भेजें जिसमें मेरे जीजा और उनके दोस्त ने साथ में मेरी चुदाई की थी।
लड़की की चूत गांड चुदाई का मजा कहानी पर आपके विचार कमेंट्स और मेल में आमंत्रित हैं.
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top