Sex Stories Archive for July, 2012

मस्त शाम और कुसुम जैसा ज़ाम

On 2012-07-27 Category: पड़ोसी Tags:

प्रेषक : मोहित रोक्को देसी बॉय नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम मोहित है, मैं दिल्ली से हूँ और मैं लेकर आया हूँ आप सबके लिए एक सच्ची घटना जो मेरे साथ हुई और मेरा जीवन सफल हो गया। दोस्तो, मैं अन्तर्वासना साईट का नया पाठक हूँ और यह मेरी पहली कहानी है जो एकदम सच्ची घटना […]

मेरी परीक्षा और मेरी चूत चुदाई-2

तभी दरवाजे की घण्टी बजी, शायद मौसी आ गई थी। सौरभ दरवाज़ा खोलने के लिए उठा। मैंने कहा- एक मिनट रुको ! मैंने फट से अपना पारदर्शी टॉप उतार कर सुशील लडकियों वाला एक कपड़ा पहन लिया। सौरभ ने कहा- यह क्या? मैंने अपनी चूचियों को हाथ में लेते हुए कहा- ये मेरे मम्मे हैं, […]

मेरी परीक्षा और मेरी चूत चुदाई-1

यह कहानी उस समय की है जब मैं बारहवीं की परीक्षा देने के बाद इंजीनियरिंग के टैस्ट देने के लिए इलाहबाद अपनी मौसी के घर गई थी। वैसे मेरी मौसी के घर सिर्फ दो लोग रहते हैं, मेरी मौसी और उनका लड़का सौरभ… मेरे मौसा की मौत दो साल पहले कैंसर की वजह से हो […]

दोस्त की चालू गर्लफ्रेंड की चुदाई

एक दिन मेरा दोस्त ऑफिस गया था तो मैंने उससे मिलने के लिए बुलाया। पहले तो उसने बहुत नखरे दिखाए पर फिर उसने बोला कि तुम कुछ करोगे तो नहीं?

आज कुछ तूफानी करते हैं !

On 2012-07-23 Category: पहली बार चुदाई Tags:

श्रेया आहूजा का आप सभी को सलाम ! यह आपबीती है मेरे चचेरे भाई बल्लू की जो कटनी, मध्यप्रदेश में रहता है। इस आपबीती को बल्लू ने मुझे अपनी जुबान से तब बताया जब वो मेरे यहाँ जालंधर अपनी शादी के सिलसिले में आया हुआ था। बल्लू बचपन से बहुत शरारती हुआ करता था। उसका […]

सोनल मैडम और उसकी सहेली रश्मि-2

उसकी गांड बहुत टाईट थी इसलिए ज्यादा देर मैं भी नहीं टिक पाया और वो भी नहीं... हम दोनों झड़ने लगे ! मैंने सारा वीर्य उसकी गांड में डाल दिया !

सोनल मैडम और उसकी सहेली रश्मि-1

मैं रश्मि के बालों को सहला रहा था, मेरी आँखें बंद हो गई, वो बहुत अच्छे से मेरा लंड चूस रही थी, इतने में सोनल मेरे पास आई और देखने लगी !

ऐसा भी होता है क्या?

On 2012-07-20 Category: रिश्तों में चुदाई Tags:

दोस्तों, मेरी कहानी सम्भोग : एक अद्भुत अनुभूति पर आपके इतने मेल आए कि क्या कहूँ। सबको मैं जवाब नहीं दे पाया इसके लिए क्षमाप्रार्थी हूँ। पर मैं सबको धन्यवाद कहता हूँ और खुद को सौभाग्यशाली समझता हूँ कि मेरी कहानी आपको पसंद आई। अब अगली कहानी। यह मेरी कहानी नहीं है, मैंने बस लिखी […]

दिल का क्‍या कुसूर-9

मुझे लगा कि इस बार मैं पहले शहीद हो गई हूँ। अरूण का दण्‍ड नीचे से लगातार मेरी बच्‍चेदानी तक चोट कर रहा था। तभी मुझे नीचे से अरूण का फव्‍वारा फूटता हुआ महसूस हुआ। अरूण ने अचानक मुझे अपने बाहुपाश में जकड़ लिया और मेरी योनि में अपना काम प्रसाद अर्पण कर दिया। मैं […]

दिल का क्‍या कुसूर-8

तभी अचानक मुझे अपने अन्‍दर झरना सा चलता महसूस हुआ। अरूण का प्रेम दण्‍ड मेरे अन्‍दर प्रेमवर्षा करने लगा। अरूण के हाथ खुद ही ढीले हो गये… और उसी पल… आह… उईईईई… मांऽऽऽऽऽ… मैं भी गई… हम दोनों का स्‍खलन एक साथ हुआ… मैं अब धीरे धीरे उस स्‍वर्ग से बाहर निकलने लगी। मैं अरूण […]

दिल का क्‍या कुसूर-7

उन्‍होंने अपने हाथ से मेरी ठोड़ी को पकड़ कर ऊपर किया और मेरी आँखों में झांकते हुए विनती सी करने लगे जैसे कह रहे हों, “प्‍लीज, मुझे अपनी प्राकृतिक अवस्‍था का दर्शन कराओ।” उनकी नजरों में देखते देखते पता नहीं कब मेरी पकड़ ढीली हुई और वो मुझसे थोड़ा सा अलग हुए… मेरी ब्रा और […]

दिल का क्‍या कुसूर-6

अरूण मेरे बिल्‍कुल नजदीक आ गये। मेरी सांस धौंकनी की तरह चलने लगी। अरूण ने चेहरा ऊपर करके अपने होंठ मेरे होठों पर रख दिया। आहहहह… कितना मीठा अहसास था। उम्‍म्‍म्‍म्‍म… बहुत मजा आ रहा था। मेरी आँखें खुद-ब-खुद बन्‍द हो गई। संजय के बाद वो पहले व्‍यक्ति थे जिन्‍होंने मेरे होठों को चूमा था… […]

दिल का क्‍या कुसूर-5

आखिर इंतजार की घड़ी समाप्‍त हुई और बुधवार भी आ ही गया। संजय के जाते ही मैंने अरूण के मोबाइल पर फोन किया। तो उन्‍होंने कहा, “बस एक घंटे में गाड़ी दिल्‍ली स्‍टेशन पर पहुँच जायेगी… और हाँ, अभी फोन मत करना मेरे साथ और लोग भी हैं हम तुरन्‍त मीटिंग में जायेंगे। मीटिंग खत्‍म […]

दिल का क्‍या कुसूर-4

मुझे पुरूष देह की आवश्‍यकता महसूस होने लगी थी। काश: इस समय कोई पुरूष मेरे पास होता जो आकर मुझे निचोड़ देता… मेरा रोम रोम आनन्दित कर देता… मैं तो सच्‍ची धन्‍य ही हो जाती। मेरा दायें हाथ अब खुद-ब-खुद तेजी से चलने लगा था। आहह हह… उफ़्फ़फ… उईई ई… की मिश्रित ध्‍वनि मेरे कंठ […]

दिल का क्‍या कुसूर-3

दोनों लड़कियाँ आपस में एक दूसरे से अपनी योनि रगड़ रही थी। ऊफ़्फ़…!! मेरी उत्‍तेजना भी लगातार बढ़ने लगी। परन्‍तु मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्‍या करूँ? कैसे खुद को सन्‍तुष्‍ट करूँ? मुझे बहुत परेशानी होने लगी। वो दोनों लड़कियाँ लगातार योनि मर्दन कर रही थी। मुझे मेरी योनि में बहुत […]

दिल का क्‍या कुसूर-2

संजय ने कभी मेरी योनि को प्‍यार नहीं किया तो मैं भी एक शर्मीली नारी बनी रही, मैंने भी कभी संजय के लिंग को प्‍यार नहीं किया। मुझे लगता था कि अपनी तरफ से पहल करने पर संजय मुझे चरित्रहीन ना समझ लें।

दिल का क्‍या कुसूर-1

वैसे तो संजय से मेरा रोज ही सोने से पहले एकाकार होता था। परन्‍तु वो पति-पत्नी वाला सम्भोग ही होता था। उस दिन मेरी शादी की 11वीं सालगिरह थी। संजय ने मुझे बड़ा सरप्राइज देने का वादा किया था। मैं बहुत उत्‍सुक थी। कई बार संजय से पूछ भी चुकी थी कि वो मुझे क्‍या […]

नर्क से स्वर्ग

On 2012-07-10 Category: चुदाई की कहानी Tags:

इस सच्ची घटना के द्वारा मैं सबको यही बताना चाहती हूँ कि अगर पति-पत्नी थोड़ी समझदारी से काम लें तो एक नर्क भरी जिंदगी भी स्वर्ग बन जाती है। डॉक्टर अनुराधा शर्मा प्यारे दोस्तो, मैं अनुराधा चण्डीगढ़ से हूँ। मैं एक सरकारी अस्पताल में लेडी स्पेशलिस्ट डिपार्टमेंट में हूँ। मैं आपको अपनी दो सहेलियों की […]

अन्जान लड़की

On 2012-07-09 Category: कोई मिल गया Tags:

वो आनन्द से छ्टपटा रही थी और आह-उह और जाने क्या क्या बोल रही थी। प्रेषक : रोहित दोस्तो, मैं अन्तर्वासना का नियमित और पुराना पाठक हूँ। अन्तर्वासना पर कहानियाँ पढ़कर मुझे भी अपनी कहानी आप लोगों को बताने की इच्छा हो रही है। बात उन दिनों की है जब मैं बैंगलोर में पढ़ता था। […]

बारिश में मेघा के साथ

On 2012-07-08 Category: पड़ोसी Tags: बारिश

आःह्ह… मर गई… धीरे से डालो ना ! फाड़ डालोगे क्या ! प्रेषक : देवाशीष पटेल दोस्तो, आपने मेरी कहानी पढ़ी होगी, आपको पसंद भी आई होगी ! आज मैं आपको और एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ जो रीना की देवरानी मेघा के बारे में है। एक आध बार मैंने मेघा से बातचीत […]

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