Sex Stories Archive for April, 2008

सोनू से ननदोई तक-3

उसने मेरी सलवार खोल दी, नीचे कुछ नहीं था, वो अपना हाथ मेरी पहले से ही गीली फुद्दी पर फेरने लगा, मैं और गर्म हो गई। वो मेरी ब्रा उतार पागलों जैसे मेरे मम्मे दबाने लगा, मेरे चुचूक अपने मुँह में लेकर चूसने लगा था।

सोनू से ननदोई तक-2

लौड़े का स्वाद मेरी फुद्दी के कोरे-कोरे गुलाबी होंठों को लग चुका था, उधर शेर के मुँह को मेरी जवानी का खून लग चुका था, आग दोनों तरफ पूरी-पूरी लग चुकी थी।

सोनू से ननदोई तक-1

वो मुझे खेतों के बीच में ले गया। वहाँ पहले किसी ने चुदाई के लिए जगह बना रखी थी, सोनू ने मुझे बाँहों में ले लिया और चूमने लगा खुलकर। उसने मेरी कुर्ती में हाथ घुसा दिया, चुटकी से मेरे मनके मसलने लगा।

समझदार बहू-2

"बहू घुस गई गाण्ड में पापा...रसीली चूत का आनन्द लो पापा...! मेरा पजामा उतार दो ना और ये टॉप... खीच दो ऊपर... मुझे नंगी करके चोद दो... हाय..." कोमल पूरी तरह से वासना में डूब चुकी थी. मेरा पजामा उसने नीचे खींच दिया. मेरा लौड़ा फ़ुफ़कार उठा.

समझदार बहू-1

मेरी पत्नी मुझे अपने पास नहीं आने देती थी. मेरे बेटे की शादी के बाद मेरी बहू ने कुछ देखा और मुझे बताया कि मेरी पत्नी का किसी गैर मर्द से ताल्लुक है. इसके बाद मेरी बहू ने कैसे मेरी मदद की, पढ़ें इस नोन वेज स्टोरी में!

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